रांचीः नीट पेपर लीक मामले में अब तक सीबीआई की जांच के मुताबिक झारखंड के हजारीबाग से प्रश्न पत्र के लीक होने का मुख्य स्थल होने की बात का पता चला है. इस मामले में सीबीआई के रडार पर आधा दर्जन परीक्षा केंद्र और करीब एक दर्जन वैसे लोग हैं. जिन्होंने किसी न किसी तरह से लीक प्रश्न पत्रों को अलग-अलग जगह पर पहुंचाया.
हजारीबाग, देवघर और रांची में जांच तेज
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम ने झारखंड के हजारीबाग शहर से अपनी जांच को शुरू किया है. इस दौरान ओएसीएस स्कूल के प्रिंसिपल सह एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक को हिरासत में लेकर जांच एजेंसी आधा दर्जन जगहों पर रेड कर चुकी है. जिसमें बैंक, स्कूल और कुरियर सर्विस का कार्यालय शामिल है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो नीट पेपर लीक मामले की पूरी साजिश बिहार में रची गई और उसे अंजाम हजारीबाग में दिया गया. यही वजह है कि पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा लेते ही सीबीआई की टीम सबसे पहले हजारीबाग पहुंची.
सीबीआई की जांच अब तक बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान तक पहुंच चुकी है. सीबीआई सूत्रों से जानकारी मिली है कि अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार आरोपी महज ठेकेदार हैं. पेपर लीक का मास्टरमाइंड कोई एक है जिसने अलग-अलग राज्यों में ठेकेदार के जरिए पेपर पहुंचाएं. जिन लोगों को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार किया गया है उनके संबंधों की भी जांच की जा रही है ताकि मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके. आरोपियों और परीक्षा देने वाले के फोन लोकेशन की भी जांच की जा रही है. यह जानकारी मिल सके की परीक्षा के दिन कौन कहां था.
गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की तैयारी में सीबीआई
नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा देवघर और हजारीबाग में पूर्व में छापामारी की गई थी. टीम ने देवघर से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. नीट प्रकरण में अब तक झारखंड से 6 लोगों गिरफ्तारी हुई है. ये मामला अब सीबीआई के हाथ में है, इसलिए गिरफ्तार सभी 6 युवकों से सीबीआई की टीम पूछताछ की तैयारी कर रही है.
पटना से व्हाट्स एप पर प्रश्न पत्र भेजा गया
अब तक की सीबीआई जांच में नेट पेपर लीक मामले में कई तथ्य उभरकर आए हैं. अब तक की जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि बिहार का संजीव मुखिया नेट पेपर लीक मामले के सबसे अहम कड़ी है. संजीव के द्वारा ही पटना और रांची के मेडिकल स्टूडेंट को एक प्रोफेसर के जरिए प्रश्न पत्र भेज कर उसे सॉल्व करवाया गया. सीबीआई की टीम को पटना के उस प्रोफेसर की भी तलाश है.
रांची में पकड़े गए थे फर्जी अभ्यर्थी
राजधानी रांची में हुई नीट परीक्षा के दौरान कुछ फर्जी अभ्यर्थी भी पकड़े गए थे जल्द ही उनसे भी सीबीआई की टीम पूछताछ करने वाली है. देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के 5 मई 2024 को नीट परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षा के दौरान रांची के पांच केंद्रों से सेटर समेत छह फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया था. परीक्षा शुरू होने से पहले जब परीक्षार्थियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाई जा रही थी, तब पांच अभ्यर्थियों का डाटा मैच नहीं हुआ. इसके बाद जब दस्तावेजों की जांच की गई तो फर्जी परीक्षार्थी के रूप में उन्हें पकड़ा गया था.
बायोमैट्रिक उपस्थिति भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य था. पकड़े गए फर्जी अभ्यार्थियों में पीएमसीएच पटना के सेकंड ईयर में पढ़ाई करने वाले आशीष कुमार, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर के सेकंड ईयर के छात्र जैद अहमद, मधुबनी मेडिकल कॉलेज के छात्र सुमित कुमार, सोनू कुमार सिंह और ओड़िशा के बेहरमपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र विकास और जीतेंद्र सैनी शामिल थे. विकास और जितेंद्र दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं, जिन्हें पुलिस ने जेल भेज दिया था. पूछताछ में फर्जी परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के एवज में दस लाख रुपए मिलना था, इसमें कुछ राशि उन्हें एडवांस के रूप में दिया गया था.
नीट मामले में झारखंड में अब तक क्या-क्या हुआ
नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में झारखंड के देवघर जिला के देवीपुर थाना क्षेत्र से एक किराए के मकान में छापेमारी कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए सभी आरोपी बिहार के नालंदा जिला के रहने वाले हैं. देवघर से गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस की टीम हजारीबाग पहुंची जहां कई जगह जांच की गई उसके बाद टीम रांची पहुंची और यहां ब्लू डार्ट कुरियर के कार्यालय की जांच की गई. अब पूरा मामला सीबीआई के पास है ऐसे में बिहार पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा सीबीआई ने हासिल कर लिया है.
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