जालना: मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारांगे ने घोषणा की है कि वह जालना में मराठा समुदाय की बैठक करेंगे. बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उम्मीदवारों पर फैसला लेंगे. हालांकि, जारांगे समर्थकों के बीच एक राय है कि लोकसभा चुनाव के लिए हर गांव से उम्मीदवार खड़ा करने के बजाय हर जिले से उम्मीदवार दिया जाना चाहिए और मराठा समुदाय को उस उम्मीदवार को जिताने का प्रयास करना चाहिए.
इस सिलसिले में रविवार को हुई बैठक में मनोज जारांगे ने ऐलान किया कि वह 30 तारीख को उम्मीदवार की घोषणा करेंगे. इसलिए राजनीतिक हलके में यह चर्चा हो रही है कि अंतरवाली सराती में हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया. उधर, मीडिया में खबर आई कि करमाला तालुका में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं के नहीं आने पर मनोज जारांगे ने आयोजकों पर नाराजगी जताई. इसीलिए मनोज जारांगे ने सतर्क कदम उठाते हुए फैसला टाल दिया, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है.
मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने अंतरवाली सराती में राज्य के मराठा समुदाय के सदस्यों की एक निर्णय बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कई बातों से समाज को प्रेरित किया. अगले आन्दोलन के बारे में समुदाय के कुछ विचार भी सामने आए. इस दौरान उन्होंने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, 'सरकार को मराठा आरक्षण का मुद्दा समय रहते सुलझा लेना चाहिए. आने वाले चुनाव में यह मुद्दा सरकार के लिए खतरनाक साबित होने वाला है. जब तक आप अपने सफेद कपड़े नहीं उतारेंगे, यह मराठा समाज नहीं बचेगा.' जारांगे पाटिल ने रविवार को यह चेतावनी दी.
मनोज जारांगे ने आगे कहा,'हम आने वाली 30 तारीख तक हर गांव में बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक के बाद हर जिले से एक-एक निर्दलीय उम्मीदवार चुना जाएगा. इस मौके पर जारांगे पाटिल ने मराठा समुदाय के नेताओं के कार्यकर्ताओं को चुनौती दी. उन्होंने कहा, 'आपने अब तक नेताओं के लिए बहुत कुछ किया है. अब जाति के लिए काम करो. नेताओं ने आपकी जाति को धोखा दिया है. मनोज जारांगे ने लोगों से अपील की कि वे समुदाय के साथ मजबूती से खड़े रहें और मराठा आरक्षण के लिए लड़ें ताकि कोई और परेशानी न हो.