ETV Bharat / bharat

शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत, अब नहीं लगानी पड़ेगी हाजिरी

-AAP नेता मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत -SC ने जमानत के नियमों में दी बड़ी छूट -अब जांच एजेंसियों के सामने नहीं लगानी पड़ेगी हाजिरी

MANISH SISODIA BIG RELIEF FROM SC
मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत (SOURCE: ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

नई दिल्ली: AAP लीडर मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. SC ने आबाकरी नीति मामले से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत की शर्तों में बदलाव की उनकी मांग को मंजूरी दे दी. जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी. कोर्ट ने सिसोदिया के आग्रह पर इस शर्त को आज हटा लिया. हालांकि कोर्ट ने सिसोदिया को कहा कि वो नियमित रूप से ट्रायल में शामिल हो.

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दी गई जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग की थी, जिसमें मनीष सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सीबीआई और ईडी के दफ्तर जाकर हजारी लगानी होती है. सिसोदिया ने इन शर्तों को हटाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि सिसोदिया जांच एजेंसियों के अफसरों के समक्ष 60 बार जा चुके हैं.

वहीं, इस राहत के बाद मनीष सिसोदिया ने अदालत का आभार जताया. उन्होंने कहा माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार, जिसने जमानत की शर्त को हटाकर राहत प्रदान की है. यह निर्णय न केवल न्यायपालिका में मेरी आस्था को और मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की शक्ति को भी दर्शाता है. मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों का सम्मान करता रहूंगा. जय भीम, जय भारत.

यह मामला न्यायमूर्ति बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि यह शर्त जरूरी नहीं है. हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिसोदिया को नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया. सिसोदिया ने जमानत शर्तों में छूट की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

शीर्ष अदालत ने 9 अगस्त, 2024 को यह देखते हुए कि मुकदमे में देरी और लंबे समय तक कैद में रहने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता के उनके अधिकार पर असर पड़ा, सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत दे दी थी. शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय की याचिका खारिज कर दी थी, जिसने सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. जमानत की शर्त के तौर पर सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया था. उन्हें 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था.

ये भी पढ़ें- जंगपुरा से मनीष सिसोदिया का चुनाव प्रचार शुरू, बोले- 'बीजेपी वाले मकान ढूंढ रहे, हम राम ढूंढे रहे'

ये भी पढ़ें- Delhi Assembly Election 2025: आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी, सिसोदिया और राखी की बदली सीट

नई दिल्ली: AAP लीडर मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. SC ने आबाकरी नीति मामले से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत की शर्तों में बदलाव की उनकी मांग को मंजूरी दे दी. जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी. कोर्ट ने सिसोदिया के आग्रह पर इस शर्त को आज हटा लिया. हालांकि कोर्ट ने सिसोदिया को कहा कि वो नियमित रूप से ट्रायल में शामिल हो.

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दी गई जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग की थी, जिसमें मनीष सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सीबीआई और ईडी के दफ्तर जाकर हजारी लगानी होती है. सिसोदिया ने इन शर्तों को हटाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि सिसोदिया जांच एजेंसियों के अफसरों के समक्ष 60 बार जा चुके हैं.

वहीं, इस राहत के बाद मनीष सिसोदिया ने अदालत का आभार जताया. उन्होंने कहा माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार, जिसने जमानत की शर्त को हटाकर राहत प्रदान की है. यह निर्णय न केवल न्यायपालिका में मेरी आस्था को और मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की शक्ति को भी दर्शाता है. मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों का सम्मान करता रहूंगा. जय भीम, जय भारत.

यह मामला न्यायमूर्ति बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि यह शर्त जरूरी नहीं है. हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिसोदिया को नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया. सिसोदिया ने जमानत शर्तों में छूट की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

शीर्ष अदालत ने 9 अगस्त, 2024 को यह देखते हुए कि मुकदमे में देरी और लंबे समय तक कैद में रहने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता के उनके अधिकार पर असर पड़ा, सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत दे दी थी. शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय की याचिका खारिज कर दी थी, जिसने सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. जमानत की शर्त के तौर पर सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया था. उन्हें 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था.

ये भी पढ़ें- जंगपुरा से मनीष सिसोदिया का चुनाव प्रचार शुरू, बोले- 'बीजेपी वाले मकान ढूंढ रहे, हम राम ढूंढे रहे'

ये भी पढ़ें- Delhi Assembly Election 2025: आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी, सिसोदिया और राखी की बदली सीट

Last Updated : 3 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.