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'भारत ने मालदीव के लोगों को पहुंचाया लाभ', द्वीप राष्ट्र के विदेश मंत्री से बोले एस जयशंकर - Moosa Zameer India Visit - MOOSA ZAMEER INDIA VISIT

India Maldives Relations: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एस जयशंकर से मुलाकात की. इस दौरान भारतीय विदेशमंत्री ने कहा कि भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है.

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एस जयशंकर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 9, 2024, 4:21 PM IST

Updated : May 9, 2024, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत-मालदीव कोओपरेशन के तहत नई दिल्ली ने साझा गतिविधियों, इक्विपमेंटप प्रोविजनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग के जरिए से माले की सुरक्षा को बढ़ा दिया है. जयशंकर ने यह टिप्पणी मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात के दौरान की, जो पहली बार भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हैं.

विदेश मंत्री मूसा जमीर और मंत्री जयशंकर के बीच हुई बैठक भविष्य की प्रतिबद्धताओं के लिए दिशा तय करेगी और दोनों पक्ष देश में भारत की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं सहित कई मुद्दों पर एक साथ कैसे काम कर सकते हैं.

राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा पर चर्चा
जमीर की यात्रा पर ऐसे समय में हो रही हा, जब द्वीपसमूह से भारत अपने सैन्य सैनिकों को वापस बुलाने और उनके स्थान पर नागरिकों को तैनात करने के लिए निर्धारित 10 मई की समय सीमा पूरी होने वाली है. विदेश मंत्री की यात्रा से भारत और मालदीव के बीच ठंडे संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है. बैठक में जमीर ने राष्ट्रपति मुइज्जू की संभावित भारत यात्रा पर भी चर्चा की.

इस संबंध में जयशंकर ने आगे कहा, 'पड़ोसियों के रूप में हमारे संबंधों का डेवलपमेंट स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है. जहां तक ​​भारत का सवाल है, ये हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और SAGAR विजन का हिस्सा है. जयशंकर ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक ने हमें विभिन्न क्षेत्रों में अपने विजन को मजबूत करने में सक्षम बनाया है.'

'हमारी योजनाएं से मालदीव को लाभ'
मालदीव के विदेश मंत्री के साथ हुई बैठक में जयशंकर ने कहा कि भारत मालदीव को एक डेवलपमेंट असिस्टेंट प्रोवाइडर मानता है. हमारी परियोजनाओं ने आपके देश के लोगों के जीवन को लाभान्वित किया है और उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ में सीधे योगदान दिया है. इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहलों से लेकर मेडिकल और स्वास्थ्य सुविधाओं तक शामिल हैं. हमने अतीत में भी मालदीव को वित्तीय सहायता दी है.

पड़ोसियों की दी प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि भारत कई मौकों पर मालदीव के लिए फर्स्ट रिस्पोंसर रहा है. दुनिया आज एक अस्थिर और अनिश्चित दौर से गुजर रही है. हमने कोविड के दौरान, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक कठिनाइयों के दौरान पड़ोसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी को प्राथमिकता दी. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'यह हमारे साझा हित में है कि हम इस बात पर सहमति बनाएं कि हम अपने रिश्ते को किस तरह बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं.'

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च के प्रमुख के निधन पर जताया शोक

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत-मालदीव कोओपरेशन के तहत नई दिल्ली ने साझा गतिविधियों, इक्विपमेंटप प्रोविजनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग के जरिए से माले की सुरक्षा को बढ़ा दिया है. जयशंकर ने यह टिप्पणी मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात के दौरान की, जो पहली बार भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हैं.

विदेश मंत्री मूसा जमीर और मंत्री जयशंकर के बीच हुई बैठक भविष्य की प्रतिबद्धताओं के लिए दिशा तय करेगी और दोनों पक्ष देश में भारत की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं सहित कई मुद्दों पर एक साथ कैसे काम कर सकते हैं.

राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा पर चर्चा
जमीर की यात्रा पर ऐसे समय में हो रही हा, जब द्वीपसमूह से भारत अपने सैन्य सैनिकों को वापस बुलाने और उनके स्थान पर नागरिकों को तैनात करने के लिए निर्धारित 10 मई की समय सीमा पूरी होने वाली है. विदेश मंत्री की यात्रा से भारत और मालदीव के बीच ठंडे संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है. बैठक में जमीर ने राष्ट्रपति मुइज्जू की संभावित भारत यात्रा पर भी चर्चा की.

इस संबंध में जयशंकर ने आगे कहा, 'पड़ोसियों के रूप में हमारे संबंधों का डेवलपमेंट स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है. जहां तक ​​भारत का सवाल है, ये हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और SAGAR विजन का हिस्सा है. जयशंकर ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक ने हमें विभिन्न क्षेत्रों में अपने विजन को मजबूत करने में सक्षम बनाया है.'

'हमारी योजनाएं से मालदीव को लाभ'
मालदीव के विदेश मंत्री के साथ हुई बैठक में जयशंकर ने कहा कि भारत मालदीव को एक डेवलपमेंट असिस्टेंट प्रोवाइडर मानता है. हमारी परियोजनाओं ने आपके देश के लोगों के जीवन को लाभान्वित किया है और उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ में सीधे योगदान दिया है. इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहलों से लेकर मेडिकल और स्वास्थ्य सुविधाओं तक शामिल हैं. हमने अतीत में भी मालदीव को वित्तीय सहायता दी है.

पड़ोसियों की दी प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि भारत कई मौकों पर मालदीव के लिए फर्स्ट रिस्पोंसर रहा है. दुनिया आज एक अस्थिर और अनिश्चित दौर से गुजर रही है. हमने कोविड के दौरान, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक कठिनाइयों के दौरान पड़ोसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी को प्राथमिकता दी. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'यह हमारे साझा हित में है कि हम इस बात पर सहमति बनाएं कि हम अपने रिश्ते को किस तरह बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं.'

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Last Updated : May 9, 2024, 4:52 PM IST
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