महाराष्ट्र: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने की घटना के एक महीने से ज्यादा समय बाद महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को निलंबित कर दिया. बता दें कि, इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जब आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद रेलवे डिवीजन के पुलिस आयुक्त थे, तब एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को डीजीपी कार्यालय से पूर्व अनुमति के बिना घाटकोपर में चार होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी. अब नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कैसर खालिद को अंततः निलंबित कर दिया गया है.
कैसर खालिद 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मुंबई रेलवे पुलिस (GRP) के तत्कालीन आयुक्त हैं. उनके कार्यकाल के दौरान ही घाटकोपर में गलत होर्डिंग को अनुमति दी गई थी. घाटकोपर होर्डिंग की अनुमति देने में प्रशासनिक त्रुटियों और अनियमितताओं के लिए कैसर खालिद को दोषी ठहराया गया है. कैसर खालिद पर 120 गुणा 140 वर्ग फीट के बड़े होर्डिंग लगाने की अनुमति देकर सत्ता का दुरुपयोग करने का भी आरोप है, जबकि घाटकोपर में होर्डिंग का कानूनी आकार 40 गुणा 40 था.
घाटकोपर होर्डिंग कांड मामले में आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद की पत्नी जिस कंपनी की निदेशक हैं, उसके सह निदेशक अरशद खान से 15 दिन पहले विशेष जांच दल ने पूछताछ की थी. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. अरशद खान को एगो मीडिया से चेक के जरिए 46 लाख 50 हजार की बड़ी रकम मिली थी. ऐसा विशेष जांच दल की जांच में पता चला है कि, अरशद ने एगो मीडिया से बड़ी मात्रा में बेनामी चेक लिए और इन चेकों को गोवंडी और शिवाजी नगर में 10 से 15 लोगों के बैंक खातों में जमा किया. उन्हें एक निश्चित प्रतिशत देकर उनसे नकदी निकाली.
पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी है कि, अरशद को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह रकम उसे एगो मीडिया ने क्यों दी. उसने इस रकम का क्या किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि यह पैसा अभी तक कैसर खालिद की पत्नी सुम्माना के बैंक खाते में नहीं गया है.
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