मुंबई: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में लगभग 50 युवा को प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS के संपर्क में हैं. इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी जोएब खान मोहम्मद के खिलाफ कोर्ट में पेश NIA की चार्जशीट से यह जानकारी सामने आई है. आरोप पत्र में NIA ने कहा कि धार्मिक कट्टरतावाद के नाम पर आतंकवाद फैलाने वाले ISIS का नेटवर्क छत्रपति संभाजी नगर जिले में बढ़ गया है. NIA ने शुक्रवार को मुंबई की एनआईए स्पेशल कोर्ट में मोहम्मद जोहेब खान और लीबिया में रहने वाले मोहम्मद शोएब खान के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. दोनों को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में संचालित एक वैश्विक आतंकी नेटवर्क से जुड़े आतंकी मॉड्यूल में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है.
मोहम्मद जोहेब खान को इस साल फरवरी में छत्रपति संभाजी नगर से एनआईए ने गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि फरार आरोपी मोहम्मद शोएब खान लीबिया में रहता है और वह जोहेब का भाई है, शोएब, जो वर्तमान में भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादी है, कई साल पहले लीबिया में आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़कर चला गया था, लेकिन अपने भाई जोहेब के साथ संपर्क बनाए रखा है. जांच से पता चला कि जोहेब खान भी कट्टरपंथी था और कथित तौर पर ISIS भर्ती कार्यक्रमों में शामिल था, भारत में कई ISIS स्लीपर सेल के साथ संपर्क बनाए रखता था. कई स्थानों पर व्यापक तलाशी के बाद, NIA ने ISIS के भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने की साजिश के लिए जोहेब और शोएब खान को चार्जशीट किया.
आरोपपत्र में बताया गया है कि किस तरह भाइयों ने भारत भर में संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करने के लिए कमजोर युवाओं को भर्ती करने की साजिश रची. उन्होंने ISIS के स्वयंभू खलीफा के प्रति वफादारी की शपथ ली और विभिन्न प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की योजना बनाई. जोहेब ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने के बाद अफगानिस्तान या तुर्की भागने की योजना बनाई थी.
इसके अलावा, जोहेब को कथित तौर पर ISIS की चरमपंथी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए एक वेबसाइट विकसित करने में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं को ISIS के पाले में लाना था. उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें औरंगाबाद क्षेत्र के 50 से अधिक युवाओं को जोड़ा गया, जिसका उद्देश्य भारत में ISIS गतिविधियों के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाना और भर्ती करना था.
जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद जोएब एक उच्च शिक्षित युवक है और वह एक आईटी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था. लेकिन वर्क फ्रॉम होम के नाम पर उसने शहर में स्लीपर सेल का नेटवर्क फैलाने का काम किया. आजीविका और धार्मिक कट्टरता के लिए नौकरी करके आतंकी बना. पिछले कई सालों से वह छत्रपति संभाजीनगर जिले में कट्टरपंथी युवाओं का गिरोह बनाने का काम कर रहा था. उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और अलग-अलग इलाकों के युवाओं को जोड़ा. वह व्हाट्सएप ग्रुप पर विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दे रहा था. किसी जगह पर विस्फोट करने के बाद वह वहां से कैसे निकलना है और कहां जाना है, इसकी विस्तृत योजना बना रहा था. लेकिन साजिश से पहले ही एनआईए ने उसे हिरासत में ले लिया.
आतंकी स्लीपर सेल का नेटवर्क छत्रपति संभाजीनगर जिले में फैल चुका है. 1988 से लेकर अब तक कई बार इस इलाके से आतंकी गतिविधियों के सबूत जुटाए गए हैं. हिमायत बाग में आतंकियों का एनकाउंटर हो या एलोरा गुफा इलाके में मिले विस्फोटक, यह बात सामने आई है कि आतंकवाद की जड़ें इस इलाके में गहरी हैं. मोहम्मद जोएब खान युवाओं को भड़काकर आतंकी समूह में शामिल करता है. इसके लिए गुजरात के कुछ पुराने दंगों के वीडियो का प्रयोग, 1988 से अब तक हुए स्थानीय दंगों का अलग-अलग प्रस्तुतिकरण, से युवाओं के मन में नफरत पैदा कर उन्हें आतंकवाद की तरफ धकेला जाता है.
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