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महाराष्ट्र: छत्रपति शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक 'वाघ नख' देख सकेंगे लोग, म्यूजियम में रखा गया - Shivaji tiger claws

Shivaji Maharaj historical tiger claws entered Satara: इतिहास में खासकर छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरगाथा में दिलचस्पी रखने वालों लोगों के लिए बड़ी खबर है. शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक 'वाघ नख' को सतारा के म्यूजियम में रखा गया है. कहा जाता है कि इसी 'वाघ नख' से शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर के सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मौत के घाट उतारा था.

Shivaji tiger claws
शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक बाघ का पंजा (ETV Bharat)
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By ANI

Published : Jul 18, 2024, 12:44 PM IST

सतारा: छत्रपति शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित 'वाघ नख' आखिरकार बुधवार को सतारा लाया गया. बाघ को छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में रखा गया है और संग्रहालय के चारों ओर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में आज उपमुख्यमंत्री अजित पवार 'शिव शौर्य गाथा' हथियारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे.

उसके बाद शनिवार से इतिहास और छत्रपति शिवाजी महाराज में दिलचस्पी रखने वाले लोग 'वाघ नख' को देख सकेंगे. सतारा के छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में यह प्रदर्शनी शनिवार (20 जुलाई) से नागरिकों के लिए खुली रहेगी. 'वाघ नख' को अगले 7 महीनों तक सभी दिनों में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक देखा जा सकेगा. टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध होंगे. एक बार में 200 लोग प्रदर्शनी देख सकते हैं. इसके लिए दिन में चार स्लॉट बनाए गए हैं. पहला स्लॉट विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क है. दोपहर एक बजे के बाद तीनों स्लॉट में नागरिक मामूली शुल्क देकर प्रदर्शनी देख सकते हैं.

इन 'वाघ नख' को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज कलाकृति संग्रहालय, सतारा के छत्रपति शिवाजी महाराज कलाकृति संग्रहालय, नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय और कोल्हापुर के लक्ष्मी-विलास पैलेस में रखा जाएगा. 'वाघ नख' को लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से 3 साल के लिए भारत लाया गया है. तत्कालीन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयासों से 'वाघ नख' को महाराष्ट्र लाया गया.

इसके लिए वे स्वयं लंदन गए थे. महाराष्ट्र में 'वाघ नख' लाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. अफजल खान को मारने में छत्रपति शिवाजी द्वारा इस्तेमाल किया गया 'वाघ नख' महाराष्ट्र के लोगों की पहचान है. सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि 'वाघ नख' छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियों का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें- मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की युद्ध रणनीति आज भी कई देशों के लिए है प्रेरणास्रोत

सतारा: छत्रपति शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित 'वाघ नख' आखिरकार बुधवार को सतारा लाया गया. बाघ को छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में रखा गया है और संग्रहालय के चारों ओर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में आज उपमुख्यमंत्री अजित पवार 'शिव शौर्य गाथा' हथियारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे.

उसके बाद शनिवार से इतिहास और छत्रपति शिवाजी महाराज में दिलचस्पी रखने वाले लोग 'वाघ नख' को देख सकेंगे. सतारा के छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में यह प्रदर्शनी शनिवार (20 जुलाई) से नागरिकों के लिए खुली रहेगी. 'वाघ नख' को अगले 7 महीनों तक सभी दिनों में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक देखा जा सकेगा. टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध होंगे. एक बार में 200 लोग प्रदर्शनी देख सकते हैं. इसके लिए दिन में चार स्लॉट बनाए गए हैं. पहला स्लॉट विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क है. दोपहर एक बजे के बाद तीनों स्लॉट में नागरिक मामूली शुल्क देकर प्रदर्शनी देख सकते हैं.

इन 'वाघ नख' को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज कलाकृति संग्रहालय, सतारा के छत्रपति शिवाजी महाराज कलाकृति संग्रहालय, नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय और कोल्हापुर के लक्ष्मी-विलास पैलेस में रखा जाएगा. 'वाघ नख' को लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से 3 साल के लिए भारत लाया गया है. तत्कालीन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयासों से 'वाघ नख' को महाराष्ट्र लाया गया.

इसके लिए वे स्वयं लंदन गए थे. महाराष्ट्र में 'वाघ नख' लाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. अफजल खान को मारने में छत्रपति शिवाजी द्वारा इस्तेमाल किया गया 'वाघ नख' महाराष्ट्र के लोगों की पहचान है. सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि 'वाघ नख' छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियों का प्रतीक है.

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