चेन्नई (तमिलनाडु) : आईएएस और आईपीएस जैसे अखिल भारतीय पदों पर भर्ती के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षाओं को राज्य भाषाओं में लिखने की अनुमति दी गई है. हालांकि प्रश्न पत्र अभी भी केवल अंग्रेजी और हिंदी में दिए जा रहे हैं.
मद्रास उच्च न्यायालय में मदुरै के रहने वाले एस पालमुरुगन ने याचिका दाखिल की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि संविधान की अनुसूची में शामिल सभी 22 राज्य भाषाओं में इन यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्रों के प्रावधान की सुविधा के लिए एक आदेश दिया जा सकता है.
यह मामला चेन्नई में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय विजयकुमार गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति सत्यनारायण प्रसाद की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया. सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए केंद्र सरकार के वकील ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. इसे स्वीकार करते हुए न्यायाधीशों ने मामले की सुनवाई 28 जून तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि अनुवाद अब नवीनतम तकनीक - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आसानी से किया जा सकता है.
जजों ने आगे कहा कि भले ही यह अनुवाद 100 फीसदी सही न हो, लेकिन 70 फीसदी तक सही है और इन्हें इंसानों की मदद से ठीक किया जा सकता है और केंद्र सरकार को इस संबंध में सकारात्मक विचार करना चाहिए.