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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा: आक्रामक मूड में दिखेंगे राहुल गांधी, सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा - President Address Debate

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By Amit Agnihotri

Published : Jun 30, 2024, 10:33 PM IST

President address debate in Lok Sabha: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सोमवार को संसद में चर्चा होगी. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विपक्ष की ओर से पहले वक्ता होंगे. राहुल अपने भाषण में सरकार के खिलाफ आक्रामक दिख सकते हैं.

President address debate in Lok Sabha
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (ANI)

नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार 1 जुलाई को एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे, जब सदन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस करेगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आठवीं बार के लोकसभा सांसद के सुरेश ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विपक्ष की ओर से पहले वक्ता होंगे. परंपरागत बहस के लिए धन्यवाद प्रस्ताव एक मंत्री द्वारा पेश किया जाएगा और एक भाजपा सदस्य सत्ता पक्ष से पहला वक्ता होगा. राहुल विपक्ष की तरफ से पहले वक्ता होंगे.

रायबरेली के सांसद राहुल गांधी, जो NEET-UG और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में कथित घोटालों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, वे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की नीतियों पर आक्रामक हो सकते हैं. हालांकि राहुल गांधी ने पिछली लोकसभा में सांसद के रूप में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण और सशक्त भाषण दिए हैं, लेकिन 1 जुलाई को दिया जाने वाला भाषण विपक्ष के नेता के तौर पर उनका पहला पूर्ण भाषण होगा. 2004 में सदन में प्रवेश करने के बाद से वह पहली बार नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. सोमवार को राहुल का भाषण आक्रामक विपक्ष के लिए माहौल तैयार करेगा, जो नए सदन में एनडीए से मुकाबला करने के लिए इंतजार कर रहा है.

पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भाजपा के पास सदन में पूर्ण बहुमत था (2014 में 282/543 सीटें और 2019 में 303 सीटें). हालांकि, भाजपा इस बार 240 सीटों पर आ गई है, लेकिन फिर भी अपने सहयोगियों की मदद से सरकार बनाने में सफल रही. क्योंकि भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों की कुल सीटों की संख्या 292 तक पहुंच गई है, जो बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से अधिक है.

इसके उलट, कांग्रेस ने इस बार 2019 में 52 सीटे के मुकाबले अपनी सीटों की संख्या को 99 कर लिया है, जबकि इंडिया गठबंधन 232 सीटों के साथ लोकसभा में मजबूत विपक्ष के रूप में उभरा है. तीन निर्दलीय सांसदों के समर्थन ने इंडिया गठबंधन की सीटों की संख्या को 235 तक पहुंचा दिया है. यही वजह है कि विपक्षी खेमे में इस बार आक्रामकता दिखाई दे रही है, चाहे प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति हो या लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, विपक्ष में एकजुटता दिखी.

संसदीय परंपरा के अनुसार, प्रोटेम स्पीकर बनने का सम्मान कांग्रेस के दिग्गज नेता के सुरेश को मिलना चाहिए था, लेकिन एनडीए ने इसके बजाय भाजपा सांसद बी महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. बाद में एनडीए ने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद देने के इंडिया गठबंधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ के सुरेश को मैदान में उतारने के लिए विपक्ष की आलोचना की.

कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा कि विपक्ष इस बार आक्रामकता के साथ जनहित के विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. राहुल गांधी चाहते थे कि सदन में NEET घोटाले पर चर्चा हो और लाखों प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों को आश्वस्त करने के लिए एक संदेश दिया जाए, लेकिन सरकार इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुई.

राहुल गांधी जहां लोकसभा में विपक्ष का नेतृत्व करेंगे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे संसद के ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करेंगे.

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार ने लिखा था, लेकिन लगता है कि पीएम मोदी इनकार की मुद्रा में हैं. लोगों ने उनके 400 सीटों के दावे को खारिज कर दिया और उन्हें 240 पर सीमित कर दिया. यह जनादेश बदलाव के लिए था, लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी और महंगाई के अलावा नीट परीक्षा घोटाले में जवाबदेही, ट्रेन दुर्घटनाएं और यात्रियों की सुरक्षा, मणिपुर में संघर्ष और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले जैसे प्रमुख मुद्दों को नजरअंदाज किया गया. हम इन मुद्दों पर सरकार से जवाब चाहते हैं.

यह भी पढ़ें- अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद बनेंगे डिप्टी स्पीकर? टीएमसी प्रमुख ममता ने दिया प्रस्ताव!

नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार 1 जुलाई को एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे, जब सदन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस करेगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आठवीं बार के लोकसभा सांसद के सुरेश ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विपक्ष की ओर से पहले वक्ता होंगे. परंपरागत बहस के लिए धन्यवाद प्रस्ताव एक मंत्री द्वारा पेश किया जाएगा और एक भाजपा सदस्य सत्ता पक्ष से पहला वक्ता होगा. राहुल विपक्ष की तरफ से पहले वक्ता होंगे.

रायबरेली के सांसद राहुल गांधी, जो NEET-UG और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में कथित घोटालों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, वे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की नीतियों पर आक्रामक हो सकते हैं. हालांकि राहुल गांधी ने पिछली लोकसभा में सांसद के रूप में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण और सशक्त भाषण दिए हैं, लेकिन 1 जुलाई को दिया जाने वाला भाषण विपक्ष के नेता के तौर पर उनका पहला पूर्ण भाषण होगा. 2004 में सदन में प्रवेश करने के बाद से वह पहली बार नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. सोमवार को राहुल का भाषण आक्रामक विपक्ष के लिए माहौल तैयार करेगा, जो नए सदन में एनडीए से मुकाबला करने के लिए इंतजार कर रहा है.

पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भाजपा के पास सदन में पूर्ण बहुमत था (2014 में 282/543 सीटें और 2019 में 303 सीटें). हालांकि, भाजपा इस बार 240 सीटों पर आ गई है, लेकिन फिर भी अपने सहयोगियों की मदद से सरकार बनाने में सफल रही. क्योंकि भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों की कुल सीटों की संख्या 292 तक पहुंच गई है, जो बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से अधिक है.

इसके उलट, कांग्रेस ने इस बार 2019 में 52 सीटे के मुकाबले अपनी सीटों की संख्या को 99 कर लिया है, जबकि इंडिया गठबंधन 232 सीटों के साथ लोकसभा में मजबूत विपक्ष के रूप में उभरा है. तीन निर्दलीय सांसदों के समर्थन ने इंडिया गठबंधन की सीटों की संख्या को 235 तक पहुंचा दिया है. यही वजह है कि विपक्षी खेमे में इस बार आक्रामकता दिखाई दे रही है, चाहे प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति हो या लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, विपक्ष में एकजुटता दिखी.

संसदीय परंपरा के अनुसार, प्रोटेम स्पीकर बनने का सम्मान कांग्रेस के दिग्गज नेता के सुरेश को मिलना चाहिए था, लेकिन एनडीए ने इसके बजाय भाजपा सांसद बी महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. बाद में एनडीए ने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद देने के इंडिया गठबंधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ के सुरेश को मैदान में उतारने के लिए विपक्ष की आलोचना की.

कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा कि विपक्ष इस बार आक्रामकता के साथ जनहित के विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. राहुल गांधी चाहते थे कि सदन में NEET घोटाले पर चर्चा हो और लाखों प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों को आश्वस्त करने के लिए एक संदेश दिया जाए, लेकिन सरकार इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुई.

राहुल गांधी जहां लोकसभा में विपक्ष का नेतृत्व करेंगे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे संसद के ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करेंगे.

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार ने लिखा था, लेकिन लगता है कि पीएम मोदी इनकार की मुद्रा में हैं. लोगों ने उनके 400 सीटों के दावे को खारिज कर दिया और उन्हें 240 पर सीमित कर दिया. यह जनादेश बदलाव के लिए था, लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी और महंगाई के अलावा नीट परीक्षा घोटाले में जवाबदेही, ट्रेन दुर्घटनाएं और यात्रियों की सुरक्षा, मणिपुर में संघर्ष और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले जैसे प्रमुख मुद्दों को नजरअंदाज किया गया. हम इन मुद्दों पर सरकार से जवाब चाहते हैं.

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