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दिल्ली, गोवा, गुजरात और हरियाणा में साथ कांग्रेस और AAP का गठबंधन!, 'फार्मूला' तैयार, बस घोषणा बाकी

दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का फार्मूला तय हो गया है. दोनों पार्टी चार राज्यों में एक साथ लड़ेगी, जबकि पंजाब में अलग-अलग लड़ेगी. हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन दोनों पार्टी के नेता इस फार्मूले को खारिज करने से बच रहे हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 1:03 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 6:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला लगभग तय हो चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी चार सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी तो कांग्रेस दिल्ली के तीन सीटों पर अपनी प्रत्याशी को उतारेगी. अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन दोनों ही पार्टी के नेता इस फार्मूले को खारिज करने से बच रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सरकार की मंत्री को पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "जल्द ही सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान हो जाएगा आप लोग इंतजार करें."

दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों में भी होगा गठबंधनः सूत्रों के अनुसार, सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर गुजरात की 2 सीट कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को दी है. गुजरात की भरूच और भावनगर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. वहीं, चंडीगढ़ की सीट आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दी है.

गोवा में आम आदमी पार्टी ने साउथ गोवा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन अब आम आदमी पार्टी यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ेगी. कांग्रेस हरियाणा की एक सीट आम आदमी पार्टी को देगी. पंजाब के लिए पहले ही अलग-अलग लड़ने की घोषणा हो चुकी है. पंजाब की 13 लोकसभा सीट पर आप और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे.

कई राउंड हो चुकी है बैठकः लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए सीट शेयरिंग अहम मुद्दा है तो इस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कई दौर में बातचीत हो चुकी है. इससे पहले आम आदमी पार्टी ने गुजरात, गोवा, असम की लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी का नाम के ऐलान कर चुकी हैं.

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बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना आप के लिए चुनौती समान है.

दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा तथा हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है वहां बेहतर संभावना है वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी.दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस की गठबंधन समिति और AAP के बीच सीट शेयरिंग को लेकर दूसरी बैठक आज

नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला लगभग तय हो चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी चार सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी तो कांग्रेस दिल्ली के तीन सीटों पर अपनी प्रत्याशी को उतारेगी. अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन दोनों ही पार्टी के नेता इस फार्मूले को खारिज करने से बच रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सरकार की मंत्री को पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "जल्द ही सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान हो जाएगा आप लोग इंतजार करें."

दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों में भी होगा गठबंधनः सूत्रों के अनुसार, सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर गुजरात की 2 सीट कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को दी है. गुजरात की भरूच और भावनगर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. वहीं, चंडीगढ़ की सीट आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दी है.

गोवा में आम आदमी पार्टी ने साउथ गोवा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन अब आम आदमी पार्टी यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ेगी. कांग्रेस हरियाणा की एक सीट आम आदमी पार्टी को देगी. पंजाब के लिए पहले ही अलग-अलग लड़ने की घोषणा हो चुकी है. पंजाब की 13 लोकसभा सीट पर आप और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे.

कई राउंड हो चुकी है बैठकः लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए सीट शेयरिंग अहम मुद्दा है तो इस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कई दौर में बातचीत हो चुकी है. इससे पहले आम आदमी पार्टी ने गुजरात, गोवा, असम की लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी का नाम के ऐलान कर चुकी हैं.

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बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना आप के लिए चुनौती समान है.

दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा तथा हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है वहां बेहतर संभावना है वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी.दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस की गठबंधन समिति और AAP के बीच सीट शेयरिंग को लेकर दूसरी बैठक आज

Last Updated : Feb 22, 2024, 6:52 PM IST
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