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कांग्रेस ने सेरिंग नामग्याल को लद्दाख से बनाया उम्मीदवार, पार्टी ने जताई जीत की उम्मीद, कहा- बीजेपी से नाराज हैं लोग - Lok Sabha polls 2024

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने लद्दाख से सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है.उनका मुकाबला लद्दाख स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद और बीजेपी प्रत्याशी ताशी ग्यालसन से होगा.

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कांग्रेस ने सेरिंग नामग्याल को लद्दाख से बनाया उम्मीदवार (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 3, 2024, 4:02 PM IST

Updated : May 3, 2024, 4:09 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने इंडिया अलायंस में शामिल नेशनल कांफ्रेंस से समर्थन जुटाने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मिलकर मुकाबला करने के लिए शुक्रवार को लद्दाख संसदीय क्षेत्र से बौद्ध धर्मावलंबी सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार लद्दाख की राजनीति लेह और कारगिल क्षेत्रों के बीच विभाजित है, जहां क्रमशः बौद्ध और शिया मुस्लिम समुदायों का वर्चस्व है.

यहां इंडिया अलायंस के बीच उस समय दरारें दिखाई दी थीं, जब कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ नेताओं ने आधिकारिक उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल के खिलाफ लद्दाख लोकसभा सीट के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में हाजी हनीफा जान के नाम की घोषणा करने की मांग की थी. हालांकि, कांग्रेस ने लद्दाख से सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है.

इस संबंध में AICC के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'आमतौर पर स्थानीय चुनावों के दौरान सांस्कृतिक और क्षेत्रीय फैक्टर के कारण दोनों समुदाय एक-दूसरे का विरोध करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों में एक जुट हो जाते हैं.

ताशी ग्यालसन से होगा सेरिंग नामग्याल का मुकाबला
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि लेह के बौद्ध सेरिंग नामग्याल को पिछले साल हुए लद्दाख स्वायत्त परिषद चुनावों में जीत हासिल करने वाले कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन से फायदा होने की उम्मीद है. उनका मुकाबला लेह में लद्दाख स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद और बीजेपी प्रत्याशी ताशी ग्यालसन से होगा.

'खाता नहीं खोल पाएगी बीजेपी'
एआईसीसी प्रभारी जम्मू-कश्मीर भरत सिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत को बताया, 'बीजेपी को इस क्षेत्र में एक भी सीट नहीं मिलेगी. जम्मू क्षेत्र में हमारे दो उम्मीदवार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में सेरिंग नामग्याल को निश्चित रूप से लद्दाख में बीजेपी उम्मीदवार पर बढ़त मिलेगी.

2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था. साथ ही पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. यहां लोकसभा की 5 सीटें हैं और एक सीट लद्दाख में है. पिछले चुनावों में बीजेपी ने यहां से उधमपुर, जम्मू और लद्दाख की सीटें जीती थीं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग सीटें जीती थीं.

तीन-तीन सीट पर लड़ रही कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस
2024 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ हुए गठबंधन के तहत कांग्रेस लद्दाख, उधमपुर और जम्मू सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सहयोगी दल श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग से चुनाव लड़ रहा है. पिछले साल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सप्ताह लद्दाख क्षेत्र में प्रचार किया था, जिससे गठबंधन को परिषद चुनावों में मदद मिली थी. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि तब सेरिंग नामग्याल भी राहुल के साथ थे.

सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की तरह लद्दाख क्षेत्र के लोग भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल हो, क्योंकि उन्हें अनुच्छेद 370 के माध्यम से उपलब्ध संवैधानिक सुरक्षा उपायों का अभाव है. हाल ही में इसके लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं.

'ठगा हुआ महसूस कर रहे लोग'
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमने अपने उम्मीदवार के रूप में एक बौद्ध को नामांकित करने का एक रणनीतिक फैसला लिया था और इसका फल मिलेगा.'जम्मू के लोगों को भी अब लगता है कि उन्हें पिछले वर्षों में बीजेपी ने भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया और वे खुद ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. 2019 में, अधिकांश लोग अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से बहक गए, लेकिन अब वे उन संवैधानिक सुरक्षा उपायों को याद कर रहे हैं जो उनके लिए उपलब्ध थे. वे बीजेपी से काफी नाराज हैं.

सूत्रों के अनुसार बीजेपी का सत्ता समर्थक फॉर्मूला भले ही सीमावर्ती क्षेत्र में काम कर रहा हो, लेकिन वैचारिक घटक कमजोर हो गया है. चुनाव आयोग ने हाल ही में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र के लिए 7 मई को होने वाले मतदान को स्थगित कर दिया था यहां अब 25 मई वोटिंग होगी.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि किसी भी कीमत पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को हराया जाए. इसलिए, उन्होंने रणनीतिक रूप से अनंतनाग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़ा किया.

यह भी पढ़ें-जयराम रमेश का मोदी-शाह पर तंज, बोले- शतरंज की कुछ चालें अब भी बाकी हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस ने इंडिया अलायंस में शामिल नेशनल कांफ्रेंस से समर्थन जुटाने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मिलकर मुकाबला करने के लिए शुक्रवार को लद्दाख संसदीय क्षेत्र से बौद्ध धर्मावलंबी सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार लद्दाख की राजनीति लेह और कारगिल क्षेत्रों के बीच विभाजित है, जहां क्रमशः बौद्ध और शिया मुस्लिम समुदायों का वर्चस्व है.

यहां इंडिया अलायंस के बीच उस समय दरारें दिखाई दी थीं, जब कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ नेताओं ने आधिकारिक उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल के खिलाफ लद्दाख लोकसभा सीट के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में हाजी हनीफा जान के नाम की घोषणा करने की मांग की थी. हालांकि, कांग्रेस ने लद्दाख से सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है.

इस संबंध में AICC के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'आमतौर पर स्थानीय चुनावों के दौरान सांस्कृतिक और क्षेत्रीय फैक्टर के कारण दोनों समुदाय एक-दूसरे का विरोध करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों में एक जुट हो जाते हैं.

ताशी ग्यालसन से होगा सेरिंग नामग्याल का मुकाबला
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि लेह के बौद्ध सेरिंग नामग्याल को पिछले साल हुए लद्दाख स्वायत्त परिषद चुनावों में जीत हासिल करने वाले कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन से फायदा होने की उम्मीद है. उनका मुकाबला लेह में लद्दाख स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद और बीजेपी प्रत्याशी ताशी ग्यालसन से होगा.

'खाता नहीं खोल पाएगी बीजेपी'
एआईसीसी प्रभारी जम्मू-कश्मीर भरत सिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत को बताया, 'बीजेपी को इस क्षेत्र में एक भी सीट नहीं मिलेगी. जम्मू क्षेत्र में हमारे दो उम्मीदवार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में सेरिंग नामग्याल को निश्चित रूप से लद्दाख में बीजेपी उम्मीदवार पर बढ़त मिलेगी.

2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था. साथ ही पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. यहां लोकसभा की 5 सीटें हैं और एक सीट लद्दाख में है. पिछले चुनावों में बीजेपी ने यहां से उधमपुर, जम्मू और लद्दाख की सीटें जीती थीं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग सीटें जीती थीं.

तीन-तीन सीट पर लड़ रही कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस
2024 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ हुए गठबंधन के तहत कांग्रेस लद्दाख, उधमपुर और जम्मू सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सहयोगी दल श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग से चुनाव लड़ रहा है. पिछले साल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सप्ताह लद्दाख क्षेत्र में प्रचार किया था, जिससे गठबंधन को परिषद चुनावों में मदद मिली थी. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि तब सेरिंग नामग्याल भी राहुल के साथ थे.

सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की तरह लद्दाख क्षेत्र के लोग भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल हो, क्योंकि उन्हें अनुच्छेद 370 के माध्यम से उपलब्ध संवैधानिक सुरक्षा उपायों का अभाव है. हाल ही में इसके लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं.

'ठगा हुआ महसूस कर रहे लोग'
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमने अपने उम्मीदवार के रूप में एक बौद्ध को नामांकित करने का एक रणनीतिक फैसला लिया था और इसका फल मिलेगा.'जम्मू के लोगों को भी अब लगता है कि उन्हें पिछले वर्षों में बीजेपी ने भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया और वे खुद ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. 2019 में, अधिकांश लोग अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से बहक गए, लेकिन अब वे उन संवैधानिक सुरक्षा उपायों को याद कर रहे हैं जो उनके लिए उपलब्ध थे. वे बीजेपी से काफी नाराज हैं.

सूत्रों के अनुसार बीजेपी का सत्ता समर्थक फॉर्मूला भले ही सीमावर्ती क्षेत्र में काम कर रहा हो, लेकिन वैचारिक घटक कमजोर हो गया है. चुनाव आयोग ने हाल ही में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र के लिए 7 मई को होने वाले मतदान को स्थगित कर दिया था यहां अब 25 मई वोटिंग होगी.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि किसी भी कीमत पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को हराया जाए. इसलिए, उन्होंने रणनीतिक रूप से अनंतनाग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़ा किया.

यह भी पढ़ें-जयराम रमेश का मोदी-शाह पर तंज, बोले- शतरंज की कुछ चालें अब भी बाकी हैं

Last Updated : May 3, 2024, 4:09 PM IST
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