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तीन दशक से यहां योगी और मठ का दबदबा, क्या हीरोइन के सहारे किला भेद पाएगी सपा? - GORAKHPUR LOK SABHA SEAT

Lok Sabha Elections 2024: गोरखपुर लोकसभा सीट यूपी की ऐसी वीआईपी सीट है, जिसकी दशा और दिशा मठ से तय होती है. माना जाता है जिसको गोरक्षनाथ बाबा का आशीर्वाद मिला वही इस सीट पर जीत दर्ज करता है. यही कारण है कि यहां से 8 बार भाजपा जीत चुकी है. कांग्रेस 5 बार तो सपा ने एक बार जीत दर्ज की. बसपा का यहां खाता नहीं खुला. आईए जानते हैं लोकसभा चुनाव 2024 में क्या समीकरण बैठता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 22, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 6:20 PM IST

गोरखपुर: यूपी की वीआईपी लोकसभा सीटों में से एक गोरखपुर भी है. यहां वैसे तो दबदबा भाजपा का रहा है लेकिन, सपा और कांग्रेस टक्कर जोरदार देते हैं. इंडिया गठबंधन से यह सीट सपा के खाते में आई है. उसने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है. सपा ने काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है, जो भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री भी हैं.

दूसरी तरफ भाजपा ने अपने सांसद रवि किशन को ही टिकट दिया है. रवि किशन का भी बैक ग्राउंड फिल्मी है. अब इस बार देखना ये होगा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ को क्या सपा की अभिनेत्री भाजपा के अभिनेता के सामने भेद पाएगी.

काजल के साथ खास बात यह है कि वह निषाद समाज से आती हैं. जिसका गोरखपुर लोकसभा सीट पर बड़ा असर माना जाता है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने 8वीं बार इस सीट पर निषाद उम्मीदवार को मैदान में उतारने का कार्य किया है. सपा को 2018 के उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतने में पहली बार कामयाबी मिली थी. तब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

माना जाता है कि अगर तब के भाजपा प्रत्याशी को लेकर भाजपा संगठन में भितरघात नहीं हुआ होता, तो बीजेपी से यह सीट समाजवादी पार्टी तब भी नहीं जीत पाती. हालांकि, दोनों पार्टियों के जिलाध्यक्ष साफ तौर पर कहते हैं कि, इस बार फिर गोरखपुर में इतिहास दोहराया जाएगा.

गोरखपुर सीट पर अब तक के सांसद

  • 1952 दशरथ प्रसाद द्विवेदी कांग्रेस
  • 1957 सिंहासन सिंह कांग्रेस
  • 1962 सिंहासन सिंह कांग्रेस
  • 1967 में महंत दिग्विजय नाथ हिंदू महासभा
  • 1971 नरसिंह नारायण पांडे कांग्रेस
  • 1977 हरिकेश बहादुर भारतीय लोक दल
  • 1980 हरिकेश बहादुर कांग्रेस
  • 1984 मदन पांडे कांग्रेस
  • 1989 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1991 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1996 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1998 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 1999 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2004 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2009 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2014 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2018 प्रवीण निषाद सपा (उपचुनाव )
  • 2019 रवि किशन शुक्ला भाजपा
    Lok Sabha Elections
    Lok Sabha Elections

किस जाति के कितने मतदाता: गोरखपुर सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग के मतदाता यहां सबसे अधिक संख्या में हैं, जिनमें निषाद जाति के वोटर ज्यादा हैं. इनकी संख्या करीब 4 लाख है, तो यादव और दलितों की संख्या भी दो-दो लाख के करीब है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है. इसके अलावा 3 लाख ब्राह्मण और ठाकुर मतदाता हैं. भूमिहार और वैश्य वोटों की संख्या भी डेढ़ लाख के करीब है.

चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे रहते हैं हावी: 2019 के चुनाव के पहले सिर्फ हिंदुत्व और गोरखनाथ मंदिर ही मुद्दा होता था. योगी आदित्यनाथ के इर्द-गिर्द चुनाव घूमता था. यही मुद्दा होता था कि बाबा को जिताना है. लेकिन, 2019 के चुनाव से यहां पर विकास भी प्रमुख मुद्दा बना. गोरखपुर शहर समेत आसपास में हुए विकास को बीजेपी और खुद सीएम योगी ने बड़ा मुद्दा बनाया. जिसकी काट विपक्षी दल के पास नहीं रहती. जातिवाद का मुद्दा इस सीट पर काम नहीं करता.

गोरखपुर सीट पर कितने हैं मतदाता: गोरखपुर सीट पर मतदाताओं की बात करें तो इनकी कुल संख्या 20 लाख 82 हजार 237 हैं. इसमें 11 लाख 16 हजार 27 पुरुष, 9 लाख 66 हजार 210 महिला, 174 ट्रांस जेंडर मतदाता हैं. इसके अलावा 18 से 19 वर्ष के कुल 23 हजार 790 मतदाता हैं. इस बार कुल 65 हजार नए मतदाता बनाए गए हैं.

गोरखपुर सीट पर पैराशूट प्रत्याशी: गोरखपुर लोकसभा सीट पर 2009 में भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी और वर्तमान में सांसद और भाजपा उम्मीदवार रवि किशन पैराशूट प्रत्याशी हैं. इनका मूलरूप से गोरखपुर से कोई रिश्ता नहीं है.

सिर्फ सपा को महिला पर भरोसा: गोरखपुर संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी ने ही दो बार महिला प्रत्याशियों पर अपना दांव लगाया है. 2014 के चुनाव में राजमती निषाद समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी थीं, तो 2024 के चुनाव में काजल निषाद सपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

ये भी पढ़ेंः मोदी को भाये बाबा और बनारस; अबकी जीते तो नेहरू-इंदिरा की करेंगे बराबरी; क्या कांग्रेस दे पाएगी चुनौती?

ये भी पढ़ेंः आगरा लोकसभा सीट; भाजपा ने कैसे रोका कांग्रेस का विजय रथ, अभिनेता भी यहां से बने नेता

गोरखपुर: यूपी की वीआईपी लोकसभा सीटों में से एक गोरखपुर भी है. यहां वैसे तो दबदबा भाजपा का रहा है लेकिन, सपा और कांग्रेस टक्कर जोरदार देते हैं. इंडिया गठबंधन से यह सीट सपा के खाते में आई है. उसने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है. सपा ने काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है, जो भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री भी हैं.

दूसरी तरफ भाजपा ने अपने सांसद रवि किशन को ही टिकट दिया है. रवि किशन का भी बैक ग्राउंड फिल्मी है. अब इस बार देखना ये होगा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ को क्या सपा की अभिनेत्री भाजपा के अभिनेता के सामने भेद पाएगी.

काजल के साथ खास बात यह है कि वह निषाद समाज से आती हैं. जिसका गोरखपुर लोकसभा सीट पर बड़ा असर माना जाता है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने 8वीं बार इस सीट पर निषाद उम्मीदवार को मैदान में उतारने का कार्य किया है. सपा को 2018 के उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतने में पहली बार कामयाबी मिली थी. तब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

माना जाता है कि अगर तब के भाजपा प्रत्याशी को लेकर भाजपा संगठन में भितरघात नहीं हुआ होता, तो बीजेपी से यह सीट समाजवादी पार्टी तब भी नहीं जीत पाती. हालांकि, दोनों पार्टियों के जिलाध्यक्ष साफ तौर पर कहते हैं कि, इस बार फिर गोरखपुर में इतिहास दोहराया जाएगा.

गोरखपुर सीट पर अब तक के सांसद

  • 1952 दशरथ प्रसाद द्विवेदी कांग्रेस
  • 1957 सिंहासन सिंह कांग्रेस
  • 1962 सिंहासन सिंह कांग्रेस
  • 1967 में महंत दिग्विजय नाथ हिंदू महासभा
  • 1971 नरसिंह नारायण पांडे कांग्रेस
  • 1977 हरिकेश बहादुर भारतीय लोक दल
  • 1980 हरिकेश बहादुर कांग्रेस
  • 1984 मदन पांडे कांग्रेस
  • 1989 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1991 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1996 महंत अवेद्यनाथ भाजपा
  • 1998 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 1999 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2004 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2009 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2014 योगी आदित्यनाथ भाजपा
  • 2018 प्रवीण निषाद सपा (उपचुनाव )
  • 2019 रवि किशन शुक्ला भाजपा
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किस जाति के कितने मतदाता: गोरखपुर सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग के मतदाता यहां सबसे अधिक संख्या में हैं, जिनमें निषाद जाति के वोटर ज्यादा हैं. इनकी संख्या करीब 4 लाख है, तो यादव और दलितों की संख्या भी दो-दो लाख के करीब है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है. इसके अलावा 3 लाख ब्राह्मण और ठाकुर मतदाता हैं. भूमिहार और वैश्य वोटों की संख्या भी डेढ़ लाख के करीब है.

चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे रहते हैं हावी: 2019 के चुनाव के पहले सिर्फ हिंदुत्व और गोरखनाथ मंदिर ही मुद्दा होता था. योगी आदित्यनाथ के इर्द-गिर्द चुनाव घूमता था. यही मुद्दा होता था कि बाबा को जिताना है. लेकिन, 2019 के चुनाव से यहां पर विकास भी प्रमुख मुद्दा बना. गोरखपुर शहर समेत आसपास में हुए विकास को बीजेपी और खुद सीएम योगी ने बड़ा मुद्दा बनाया. जिसकी काट विपक्षी दल के पास नहीं रहती. जातिवाद का मुद्दा इस सीट पर काम नहीं करता.

गोरखपुर सीट पर कितने हैं मतदाता: गोरखपुर सीट पर मतदाताओं की बात करें तो इनकी कुल संख्या 20 लाख 82 हजार 237 हैं. इसमें 11 लाख 16 हजार 27 पुरुष, 9 लाख 66 हजार 210 महिला, 174 ट्रांस जेंडर मतदाता हैं. इसके अलावा 18 से 19 वर्ष के कुल 23 हजार 790 मतदाता हैं. इस बार कुल 65 हजार नए मतदाता बनाए गए हैं.

गोरखपुर सीट पर पैराशूट प्रत्याशी: गोरखपुर लोकसभा सीट पर 2009 में भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी और वर्तमान में सांसद और भाजपा उम्मीदवार रवि किशन पैराशूट प्रत्याशी हैं. इनका मूलरूप से गोरखपुर से कोई रिश्ता नहीं है.

सिर्फ सपा को महिला पर भरोसा: गोरखपुर संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी ने ही दो बार महिला प्रत्याशियों पर अपना दांव लगाया है. 2014 के चुनाव में राजमती निषाद समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी थीं, तो 2024 के चुनाव में काजल निषाद सपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

ये भी पढ़ेंः मोदी को भाये बाबा और बनारस; अबकी जीते तो नेहरू-इंदिरा की करेंगे बराबरी; क्या कांग्रेस दे पाएगी चुनौती?

ये भी पढ़ेंः आगरा लोकसभा सीट; भाजपा ने कैसे रोका कांग्रेस का विजय रथ, अभिनेता भी यहां से बने नेता

Last Updated : Mar 23, 2024, 6:20 PM IST
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