लखनऊः देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) की लोकप्रियता पूरे देश में हैं. उनके प्रखर व्यक्तित्व और भाषणों की चर्चा हमेशा होती रहती है. अटलजी ने राजनीति के क्षेत्र में कई रिकार्ड बनाए लेकिन एक रिकार्ड ऐसा रहा जो वह कभी नहीं तोड़ सके. उन्हें एक गुमनाम नेता से ऐसी चुनौती मिली कि वह अपने पूरे राजनीतिक करियर में उससे आगे नहीं निकल सके. अगर अटलजी वह रिकार्ड तोड़ लेते तो देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में जीत का सबसे बड़ा रिकार्ड उनके ही नाम होता.
बता दें कि अटलजी ने देश के चार राज्यों की छह लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व किया था. इनमें यूपी के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर और विदिशा और दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट शामिल है. चार राज्यों की इतनी सीटों पर जीत दर्ज करने वाले वह देश के इकलौते नेता हैं. यह रिकार्ड अभी भी कायम है. अटल बिहारी बाजपेई अपने पूरे राजनीतिक करियर में 12 बार सांसद रहे. इनमें दस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता और दो बार वह राज्यसभा सदस्य रहे. हालांकि लोकसभा और राज्यसभा की जीत मिलाकर सबसे ज्यादा बार सांसद बनने का रिकार्ड अटलजी के नाम पर दर्ज है. वहीं, अगर सिर्फ लोकसभा चुनाव में जीत की बात की जाए तो वह दूसरे नंबर पर आते हैं.
इनका रिकार्ड कभी नहीं तोड़ पाए
अटल जी पश्चिम बंगाल के कम्युनिस्ट नेता इंद्रजीत गुप्ता का रिकार्ड कभी नहीं तोड़ पाए. दरअसल, पूरे देश में सर्वाधिक बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड इन्हीं के नाम है. इंद्रजीत गुप्ता ने कुल 11 बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया है जबकि अटलजी सिर्फ दस बार ही लोकसभा चुनाव जीत सके थे. इस वजह से अटलजी वह कीर्तिमान नहीं तोड़ सके. अभी भी देश में सर्वाधिक लोकसभा चुनाव जीतने का बड़ा रिकार्ड इंद्रजीत गुप्ता के नाम पर ही दर्ज है.
कौन थे इंद्रजीत गुप्ता?
इंद्रजीत गुप्ता सीपीआई के नेता थे. उन्होंने पश्चिम बंगाल से कुल 11 बार लोकसभा चुनाव जीता था. उनका कार्यकाल 18 मार्च 1919 - 20 फरवरी 2001 तक रहा. उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में कुल 12 बार चुनाव लड़ा था और उसमें 11 चुनाव वह जीते थे. साल 1977 में लोकसभा चुनाव में उन्हें अलीपुर सीट पर अशोक कृष्ण दत्त से हार मिली थी. इसकी वजह थी कि उनकी पार्टी ने आपातकाल में इंदिरा गांधी को समर्थन दे दिया था, इस वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने प्रधानमंत्रियों एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल की संयुक्त मोर्चा सरकारों में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में काम किया था. फिलहाल पूरे भारत में अभी तक सर्वाधिक 11 लोकसभा चुनाव जीतने का उनका रिकार्ड कोई नहीं तोड़ सका है.