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पांच वजहें, रायबरेली या वायनाड, कौन सी सीट राहुल गांधी छोड़ सकते हैं?, क्या प्रियंका गांधी उतरेंगी मैदान में? - lok sabha election up result 2024

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड सीट से जीत दर्ज की है. अब उनको इन सीटों में एक सीट छोड़नी पड़ेगी. चलिए जानते हैं आखिर कौन सी सीट वह छोड़ सकते हैं.

which seat rahul gandhi leave raebareli or wayanad in india in lok sabha election 2024
lok sabha election up result 2024 (photo credit: ians)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 7:28 AM IST

Updated : Jun 6, 2024, 10:34 AM IST

हैदराबादः लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड सीट से जीत दर्ज की है. उत्तर और दक्षिण की इन सीटों में किसी एक सीट को राहुल गांधी को छोड़ना पड़ेगा. अब इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर सामने आ रही है. हालांकि इस मामले को लेकर जब दिल्ली में राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराकर बेहद ही सधे अंदाज में जवाब दिया. हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है. चलिए आगे जानते कि आखिर कौन सी सीट राहुल गांधी छोड़ सकते हैं.

which seat rahul gandhi leave raebareli or wayanad in india in lok sabha election 2024
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी. (photo credit: ani)

रायबरेली में राहुल गांधी 3.90 लाख वोटों से जीते
2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को करीब 1.70 लाख से अधिक वोटों से हराया था. 2019 में अमेठी से राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े थे. तब उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी से करारी हार का सामना करना पड़ा था. 2024 में राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की सीट से चुनाव लड़े और वह बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 390030 वोटों के अंतर से हराने से सफल रहे.

वायनाड से भी राहुल गांधी ने दर्ज की बंपर जीत
पिछली बार की तरह इस बार भी राहुल गांधी ने वायनाड सीट से बंपर जीत दर्ज की है. हालांकि इस बार उनकी जीत का मार्जिन थोड़ा कम रहा है. इस चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड सीट से सीपीआई नेता एनी राजा को 3,64,422 वोटों के अंतर से हराया है. हालांकि रायबरेली की तुलना में यहां उनकी जीत का मार्जिन थोड़ा कम रहा है.

बड़ा सवाल? दोनों में किस सीट को रखेंगे राहुल
अब राहुल गांधी को रायबरेली अथवा वायनाड में किसी एक सीट को रखना होगा. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन सी सीट छोड़ेंगे. इसे लेकर दिल्ली में जब कल पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि 'मुझसे पूछा जा रहा है कि मैं वायनाड से सांसद रहूंगा या फिर बरेली से. मैं तो दोनों जगहों से सांसद रहना चाहता हूं, आप सबों को बहुत बधाई." वहीं, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बकायदा वीडियो जारी कर दोनों ही सीटों के मतदाताओं के प्रति अपना आभार जताया साथ ही इच्छा जताई कि वह दोनों ही सीटों को रखना चाहते हैं लेकिन वह मजबूर हैं.

अब गणित समझिए आखिर कौन सी सीट राहुल रख सकते हैं?
अरसे बाद कांग्रेस ने यूपी में वापसी की है. दो विधायकों वाली पार्टी के पास इस लोकसभा चुनाव में यूपी से छह सांसद मिल गए हैं. ये कांग्रेस के लिए किसी ऑक्सीजन से कम नहीं है. सधी हुई रणनीति के तहत कांग्रेस ने जिस तरह से अमेठी में कम बैक किया है वह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. चर्चा है कि कांग्रेस राहुल गांधी की जो इमेज यूपी में उभरी है उसे गंवाना नहीं चाहती है. ऐसे में संभव है कि पार्टी राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर बरकरार रख सकती है. वहीं, उन्हें वायनाड सीट छोड़ने के लिए कहा जा सकता है. साउथ में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है, इसलिए पार्टी यह फैसला ले सकती है.

क्या प्रियंका गांधी लड़ सकती है चुनाव?
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि राहुल गांधी यदि वायनाड सीट छोड़ते हैं तो उस सीट से पार्टी प्रियंका गांधी को उतार सकती है. क्योंकि राहुल गांधी ने कहा है कि वह दोनों ही सीटें रखना चाहते हैं, उसी के बाद चर्चाएं तेज हो गईं कि गांधी परिवार इन दोनों ही सीटों को फिलहाल अपने पास ही रखेगा. ऐसे में राहुल गांधी के सीट छोड़ने की स्थिति में प्रियंका गांधी को मैदान में उतारकर वह सीट कांग्रेस हासिल करने की कोशिश करेगी.

रायबरेली सीट रखने की पांच बड़ी वजहें

  • रायबरेली सीट पर प्रियंका गांधी ने जब प्रचार की शुरुआत की थी, उस दौरान उन्होंने लोगों को गांधी परिवार से मजबूत रिश्ते का हवाला देते हुए ये भरोसा दिया था कि कांग्रेस कभी उनका साथ नहीं छोड़ेगी. ऐसे में कांग्रेस अपने इस वादे पर अडिग रहकर स्थिति मजबूत रखना चाहती है. पार्टी नहीं चाहती है कि कोई वादाखिलाफी का मैसेज जनता के बीच जाए.
  • कांग्रेस जानती है कि रायबरेली और अमेठी ये दो ऐसे रास्ते हैं जहां से यूपी में पार्टी की वापसी हो सकती है. इस चुनाव में ऐसा हुआ भी. कांग्रेस ने छह सीटें जीतकर जबर्दस्त कम बैक किया है. पार्टी नहीं चाहेगी की राहुल गांधी को रायबरेली सीट छुड़वाकर वह खुद को यूपी में कमजोर करे.
  • स्मृति ईरानी को हराकर पार्टी ने अमेठी में अपना बदला ले लिया है. अब पार्टी फिर नहीं चाहेंगी कि किसी दूसरे दल का उम्मीदवार यहां से नुकसान पहुंचाए. ऐसे में राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर बरकरार रखना जरूरी है. इससे दोनों ही सीटों पर पार्टी की मजबूत पकड़ बनी रहेगी.
  • रायबरेली और अमेठी सीट गांधी परिवार की प्रतिष्ठा मानी जाती है. अब पार्टी नहीं चाहेगी इस प्रतिष्ठा में किसी भी तरह की कोई आंच आए. बड़े संघर्ष के बाद पार्टी ने परिवार की प्रतिष्ठा हासिल की है, इसलिए पार्टी इसमें कोई चूक नहीं करने वाली.
  • कांग्रेस पार्टी जानती है कि साउथ में पार्टी की स्थिति बेहद मजबूत है, यदि राहुल गांधी यह सीट छोड़ भी देंगे तो पार्टी पर इस पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. पार्टी इसका डैमेज कंट्रोल आसानी से कर सकती है और विपक्ष इसका फायदा नहीं उठा पाएगा.

ये भी पढ़ेंः रायबरेली और वायनाड की सीट को लेकर राहुल गांधी करेंगे, कांग्रेस बोली- यूपी में रहें राहुल


ये भी पढ़ेंः केरल की वायनाड सीट छोड़ सकते हैं राहुल गांधी, प्रियंका कर सकती हैं एंट्री

हैदराबादः लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड सीट से जीत दर्ज की है. उत्तर और दक्षिण की इन सीटों में किसी एक सीट को राहुल गांधी को छोड़ना पड़ेगा. अब इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर सामने आ रही है. हालांकि इस मामले को लेकर जब दिल्ली में राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराकर बेहद ही सधे अंदाज में जवाब दिया. हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है. चलिए आगे जानते कि आखिर कौन सी सीट राहुल गांधी छोड़ सकते हैं.

which seat rahul gandhi leave raebareli or wayanad in india in lok sabha election 2024
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी. (photo credit: ani)

रायबरेली में राहुल गांधी 3.90 लाख वोटों से जीते
2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को करीब 1.70 लाख से अधिक वोटों से हराया था. 2019 में अमेठी से राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े थे. तब उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी से करारी हार का सामना करना पड़ा था. 2024 में राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की सीट से चुनाव लड़े और वह बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 390030 वोटों के अंतर से हराने से सफल रहे.

वायनाड से भी राहुल गांधी ने दर्ज की बंपर जीत
पिछली बार की तरह इस बार भी राहुल गांधी ने वायनाड सीट से बंपर जीत दर्ज की है. हालांकि इस बार उनकी जीत का मार्जिन थोड़ा कम रहा है. इस चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड सीट से सीपीआई नेता एनी राजा को 3,64,422 वोटों के अंतर से हराया है. हालांकि रायबरेली की तुलना में यहां उनकी जीत का मार्जिन थोड़ा कम रहा है.

बड़ा सवाल? दोनों में किस सीट को रखेंगे राहुल
अब राहुल गांधी को रायबरेली अथवा वायनाड में किसी एक सीट को रखना होगा. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन सी सीट छोड़ेंगे. इसे लेकर दिल्ली में जब कल पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि 'मुझसे पूछा जा रहा है कि मैं वायनाड से सांसद रहूंगा या फिर बरेली से. मैं तो दोनों जगहों से सांसद रहना चाहता हूं, आप सबों को बहुत बधाई." वहीं, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बकायदा वीडियो जारी कर दोनों ही सीटों के मतदाताओं के प्रति अपना आभार जताया साथ ही इच्छा जताई कि वह दोनों ही सीटों को रखना चाहते हैं लेकिन वह मजबूर हैं.

अब गणित समझिए आखिर कौन सी सीट राहुल रख सकते हैं?
अरसे बाद कांग्रेस ने यूपी में वापसी की है. दो विधायकों वाली पार्टी के पास इस लोकसभा चुनाव में यूपी से छह सांसद मिल गए हैं. ये कांग्रेस के लिए किसी ऑक्सीजन से कम नहीं है. सधी हुई रणनीति के तहत कांग्रेस ने जिस तरह से अमेठी में कम बैक किया है वह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. चर्चा है कि कांग्रेस राहुल गांधी की जो इमेज यूपी में उभरी है उसे गंवाना नहीं चाहती है. ऐसे में संभव है कि पार्टी राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर बरकरार रख सकती है. वहीं, उन्हें वायनाड सीट छोड़ने के लिए कहा जा सकता है. साउथ में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है, इसलिए पार्टी यह फैसला ले सकती है.

क्या प्रियंका गांधी लड़ सकती है चुनाव?
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि राहुल गांधी यदि वायनाड सीट छोड़ते हैं तो उस सीट से पार्टी प्रियंका गांधी को उतार सकती है. क्योंकि राहुल गांधी ने कहा है कि वह दोनों ही सीटें रखना चाहते हैं, उसी के बाद चर्चाएं तेज हो गईं कि गांधी परिवार इन दोनों ही सीटों को फिलहाल अपने पास ही रखेगा. ऐसे में राहुल गांधी के सीट छोड़ने की स्थिति में प्रियंका गांधी को मैदान में उतारकर वह सीट कांग्रेस हासिल करने की कोशिश करेगी.

रायबरेली सीट रखने की पांच बड़ी वजहें

  • रायबरेली सीट पर प्रियंका गांधी ने जब प्रचार की शुरुआत की थी, उस दौरान उन्होंने लोगों को गांधी परिवार से मजबूत रिश्ते का हवाला देते हुए ये भरोसा दिया था कि कांग्रेस कभी उनका साथ नहीं छोड़ेगी. ऐसे में कांग्रेस अपने इस वादे पर अडिग रहकर स्थिति मजबूत रखना चाहती है. पार्टी नहीं चाहती है कि कोई वादाखिलाफी का मैसेज जनता के बीच जाए.
  • कांग्रेस जानती है कि रायबरेली और अमेठी ये दो ऐसे रास्ते हैं जहां से यूपी में पार्टी की वापसी हो सकती है. इस चुनाव में ऐसा हुआ भी. कांग्रेस ने छह सीटें जीतकर जबर्दस्त कम बैक किया है. पार्टी नहीं चाहेगी की राहुल गांधी को रायबरेली सीट छुड़वाकर वह खुद को यूपी में कमजोर करे.
  • स्मृति ईरानी को हराकर पार्टी ने अमेठी में अपना बदला ले लिया है. अब पार्टी फिर नहीं चाहेंगी कि किसी दूसरे दल का उम्मीदवार यहां से नुकसान पहुंचाए. ऐसे में राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर बरकरार रखना जरूरी है. इससे दोनों ही सीटों पर पार्टी की मजबूत पकड़ बनी रहेगी.
  • रायबरेली और अमेठी सीट गांधी परिवार की प्रतिष्ठा मानी जाती है. अब पार्टी नहीं चाहेगी इस प्रतिष्ठा में किसी भी तरह की कोई आंच आए. बड़े संघर्ष के बाद पार्टी ने परिवार की प्रतिष्ठा हासिल की है, इसलिए पार्टी इसमें कोई चूक नहीं करने वाली.
  • कांग्रेस पार्टी जानती है कि साउथ में पार्टी की स्थिति बेहद मजबूत है, यदि राहुल गांधी यह सीट छोड़ भी देंगे तो पार्टी पर इस पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. पार्टी इसका डैमेज कंट्रोल आसानी से कर सकती है और विपक्ष इसका फायदा नहीं उठा पाएगा.

ये भी पढ़ेंः रायबरेली और वायनाड की सीट को लेकर राहुल गांधी करेंगे, कांग्रेस बोली- यूपी में रहें राहुल


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Last Updated : Jun 6, 2024, 10:34 AM IST
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