हैदराबाद: मद्रास हाई कोर्ट के छह और एक पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर 2024 के आम चुनावों के संचालन पर गहरी चिंता व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा करने का आग्रह भी किया है.
मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डी हरिपरंथमन, जीएम अकबर अली, अरुणा जगदीशन, पीआर शिवकुमार, एस विमला और सीटी सेल्वम के साथ-साथ पटना हाई कोर्ट की अंजना प्रकाश के लिखे लेटर में चुनावी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है.
चुनाव आयोग की निंदा
उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा हर सीट के प्रत्येक बूथ पर डाले गए वोटों की सही संख्या का खुलासा करने से इनकार करने और चुनाव संचालन नियमों के फॉर्म 17 (सी) की सार्वजनिक उपलब्धता की कमी की आलोचना की. जजों ने सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ राजनेताओं के अल्पसंख्यकों और विपक्षी दलों को निशाना बनाकर की गई नफरत भरी बातों के खिलाफ की गई न्यूनतम कार्रवाई की भी निंदा की.
पूर्व जजों ने क्या लिखा
पूर्व जजों ने लिखा, 'हम, पूर्व हाई कोर्ट के जज, जिनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है, लेकिन भारत के संविधान में निहित आदर्शों और चुनावी लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. हम लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में हाल ही में और वर्तमान में चल रही घटनाओं पर गहरी पीड़ा के साथ यह खुला पत्र लिख रहे हैं.'
'निष्पक्ष तरीके से खत्म हो चुनाव'
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की और चुनाव के बाद उत्पन्न होने वाले किसी भी संवैधानिक संकट से निपटने के लिए मौजूदा गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पांच जजों की की मांग की. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी आशंकाएं गलत हों. चुनाव निष्पक्ष और ईमानदार तरीके से नतीजों के ऐलान साथ खत्म हों.
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