नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला एनडीए बहुमत मिल गया है. हालांकि, उसे उत्तर प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है. यहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस शानदार प्रदर्शन किया है.
वहीं, अखिलेश यादव के नीत समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. माना जा रहा है कि यूपी में सपा ने जिस तरह से जातीय समीकरण को साधा यह उसी का असर है. उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने चार मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.
सपा के मुस्लिम उम्मीदवारों को बढ़त
उन्होंने यूपी की कैराना सीट से इकरा हसन को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने 60 हजार मतों से जीत दर्ज की है.वह शुरुआत में पीछे चल रही थीं. हालांकि, बाद में उन्होंने बढ़त बना ली. वहीं, रामपुर से सपा के उम्मीदवार मोहिबुल्लाह नदवी भी 87 हजार से ज्यादा वोट से चुनाव जीत गए हैं. इसके अलावा गाजीपुर लोकसभा सीट से अफजाल अंसारी 1 लाख से अधिक वोटों से जीते गए हैं. संभल लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार जिया उर रहमान अजेय बढ़त बनाए हुए हैं.
अखिलेश को PDA का फायदा
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने इस बार मुस्लिम-यादव (MY) फ़ैक्टर से आगे बढ़कर PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) का नारा दिया था. इसके जरिए उन्होंने मुसलमानों और यादवों के साथ-साथ दलितों और पिछड़ों को भी जोड़ने की कोशिश की थी. इसका फायदा अब उन्हें नतीजों में भी मिलता नजर आ रहा है.
यूपी में समाजवादी पार्टी को बढ़त
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक यूपी में समाजवादी पार्टी 35 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी 34, कांग्रेस 7, राष्ट्रीय लोकदल 2, आजाद समाज पार्टी 1 और अपना दल (सोनालाल) 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं.