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अगर 200 सीट जीता इंडिया ब्लॉक तो एकदम से बदल जाएंगे हालात, बैकफुट पर होगी BJP - Lok Sabha Election Result

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 4, 2024, 12:29 PM IST

Lok Sabha Election Result 2024: अगर एनडीए दो-तिहाई बहुमत के करीब पहुंचने में विफल रहता है, तो यह बीजेपी की एक राष्ट्र, एक चुनाव योजना को पटरी से उतार सकता है.

INDIA Bloc
200 सीट जीता इंडिया ब्लॉक तो क्या होगा (ANI)

नई दिल्ली: मंगलवार को शुरुआती मतगणना के रुझानों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले डिया ब्लॉक को 220 से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं. जो वर्तमान 119 सीटों से लगभग दोगुनी है. इंडिया ब्लॉक 200 से ऊपर की कोई भी संख्या न केवल मनोबल को बढ़ावा देगी, बल्कि उसके लिए फायदेमंद भी होगी. अगर इंडिया अलायंस से यह आंकड़ा हासिल कर लेता है तो वह संसद में एक प्रेशर ग्रुप के रूप में सरकार मजबूती के साथ मुकाबला कर सकता है.

इससे कांग्रेस के लोकसभा नेता को विपक्ष के नेता का दर्जा मिलेगा और संसदीय समितियों में अधिक अध्यक्ष पद मिलेंगे, जो सरकार के कामकाज की देखरेख करने वाली प्रमुख संस्थाएं हैं. इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह प्रधानमंत्री के लिए न केवल राजनीतिक हार बल्कि नैतिक हार भी है.

संविधान संशोधन में बाधा
निचले सदन में 400 सीटें जीतने में एनडीए की विफलता सरकार के लिए संविधान में संशोधन करने में एक बड़ी बाधा पेश कर सकती है - जिसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और अधिकांश राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है.

एक राष्ट्र, एक चुनाव की प्लानिंग होगी फेल
इतना ही नहीं अगर एनडीए नई लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब पहुंचने में विफल रहता है, तो इससे बीजेपी की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' योजना भी पटरी से उतर सकती है, क्योंकि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत होगी. साथ ही तेलंगाना और कर्नाटक जैसी कई सरकारों को भंग करना होगा.

संसद में मजबूत होगी विपक्ष की आवाज
वहीं, एनडीए को दो तिहाई बहुमत न मिलने से विपक्ष के नेता का पद, जो पिछले एक दशक से कांग्रेस के पास नहीं था. वह कांग्रेस का पास आ जाएगा. विपक्ष नेता का पद कांग्रेस को अतिरिक्त विशेषाधिकार देगा. फिलहाल विपक्ष सदन की सिर्फ दो संसदीय समितियों का नेतृत्व करता है. यह पद मिलने के बाद विपक्ष सरकार पर सुपरवाइज करने की शक्ति मिलेगी.

यह भी पढ़ें- स्मृति ईरानी 45000 से अधिक वोटों से पीछे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा के आवास पर पहुंचीं

नई दिल्ली: मंगलवार को शुरुआती मतगणना के रुझानों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले डिया ब्लॉक को 220 से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं. जो वर्तमान 119 सीटों से लगभग दोगुनी है. इंडिया ब्लॉक 200 से ऊपर की कोई भी संख्या न केवल मनोबल को बढ़ावा देगी, बल्कि उसके लिए फायदेमंद भी होगी. अगर इंडिया अलायंस से यह आंकड़ा हासिल कर लेता है तो वह संसद में एक प्रेशर ग्रुप के रूप में सरकार मजबूती के साथ मुकाबला कर सकता है.

इससे कांग्रेस के लोकसभा नेता को विपक्ष के नेता का दर्जा मिलेगा और संसदीय समितियों में अधिक अध्यक्ष पद मिलेंगे, जो सरकार के कामकाज की देखरेख करने वाली प्रमुख संस्थाएं हैं. इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह प्रधानमंत्री के लिए न केवल राजनीतिक हार बल्कि नैतिक हार भी है.

संविधान संशोधन में बाधा
निचले सदन में 400 सीटें जीतने में एनडीए की विफलता सरकार के लिए संविधान में संशोधन करने में एक बड़ी बाधा पेश कर सकती है - जिसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और अधिकांश राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है.

एक राष्ट्र, एक चुनाव की प्लानिंग होगी फेल
इतना ही नहीं अगर एनडीए नई लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब पहुंचने में विफल रहता है, तो इससे बीजेपी की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' योजना भी पटरी से उतर सकती है, क्योंकि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत होगी. साथ ही तेलंगाना और कर्नाटक जैसी कई सरकारों को भंग करना होगा.

संसद में मजबूत होगी विपक्ष की आवाज
वहीं, एनडीए को दो तिहाई बहुमत न मिलने से विपक्ष के नेता का पद, जो पिछले एक दशक से कांग्रेस के पास नहीं था. वह कांग्रेस का पास आ जाएगा. विपक्ष नेता का पद कांग्रेस को अतिरिक्त विशेषाधिकार देगा. फिलहाल विपक्ष सदन की सिर्फ दो संसदीय समितियों का नेतृत्व करता है. यह पद मिलने के बाद विपक्ष सरकार पर सुपरवाइज करने की शक्ति मिलेगी.

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