lok sabha election 2024: लखनऊ/हैदराबादः यूपी में बीते तीन चरणों में मतदान प्रतिशत के लगातार गिरते ग्राफ ने बड़े-बड़े चुनाव पंडितों को हैरान कर दिया है. अभी तक 26 लोकसभा सीटों के लिए यूपी में मतदान पूरा हो चुका है. कल चौथे चरण में 13 सीटों के लिए वोटिंग होनी है. अभी तक तीन चरणों में कम मतदान की आखिर प्रमुख वजहें क्या है चलिए जानते हैं.
बीते साल से अब तक की वोटिंग की तुलना
चरण | 2019 | 2024 |
पहला | 63.66% | 58.49% |
दूसरा | 62.18% | 54.85% |
तीसरा | 59.97% | 57.34% |
पहले चरण में इन सीटों पर हुआ मतदान
कैराना, नगीना, पीलीभीत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर और सहारनपुर.
दूसरे चरण की सीटें
अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा.
तीसरे चरण की सीटें
संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली
पहले चरण में कहां ज्यादा-कम वोटिंग?
पहले चरण में सहारनपुर में सबसे ज्यादा और रामपुर में सबसे कम मतदान हुआ था. वहीं दूसरे चरण में अमरोहा में सबसे ज्यादा और मथुरा में सबसे कम वोटिंग हुई थी. वहीं, तीसरे चरण में संभल में सर्वाधिक 62.81% और आगरा में सबसे कम 53.99% मतदान हुआ था.
गिरते मतदान की पांच बड़ीं वजहें
- बिगड़ा मौसम- अप्रैल-मई में इस बार रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ रही हैं. पारा 40 से 42 डिग्री के बीच है. ऐसे में कई क्षेत्रों में वोटर पोलिंग बूथों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. यह गिरते वोटिंग ग्रॉफ की पहली बड़ी वजहें सामने आई है.
- वोटिंग बहिष्कार: कई इलाकों में वोटिंग बहिष्कार की खबरें भी सामने आईं हैं. इस वजह से भी वोटिंग प्रतिशत में गिरावट देखने को मिल रही है.
- वोटरों में असमंजस- यूपी के चुनावी मैदान में राजनीतिक दलों के दावों को लेकर भी वोटरों में असमंजस की स्थिति है. इस वजह से भी वह वोट देने से किनारा कर रहे हैं.
- कई वोटरों का राज्य से बाहर होनाः यूपी के ज्यादातर युवा राज्य से बाहर नौकरी और बिजनेस कर रहे हैं. भीषण गर्मी में वे वोटिंग का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. इस वजह से वे वोटिंग में शामिल होने नहीं आए.
- वोटिंग लिस्ट में नाम न होनाः कई वोटरों का वोटिंग लिस्ट से नाम गायब है तो कई के वोटर आईडी कार्ड में गलती है. इस वजह से भी बड़ी संख्या में वोटर मतदान में शामिल नहीं हो सके हैं. यह भी गिरते मतदान प्रतिशत की बड़ी वजह है.
किसका फायदा-नुकसान?
गिरते मतदान प्रतिशत का नुकसान हर पार्टी को उठाना पड़ता है. कई बार तो सरकार बनाने की गणित कम प्रतिशत से फेल हो जाती है. पार्टियों को आंकलन के अनुसार सीटें नहीं मिल पाती हैं और वह सत्ता में आते-आते रह जाती हैं. अभी तक के तीन चरणों में गिरते मतदान प्रतिशत से किसे फायदा और नुकसान होगा, यह कहना जल्दबाजी होगी. सातवें और अंतिम चरण के बाद ही फायदे और नुकसान की स्थिति स्पष्ट होगी.
मतदान की अपील
देश हित में मतदान बेहद जरूरी है. आपका एक वोट राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान अदा कर सकता है. अपने वोट का महत्व समझिए और वोटिंग जरूर करिए. यह हर देशवासी का नैतिक कर्तव्य और जिम्मेदारी है. कल चौथे चरण के चुनाव में बढ़चढ़कर हिस्सा लीजिए.
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