नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दो प्रमुख दक्षिणी राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. वह 15, 16 अप्रैल को केरल में और 17 अप्रैल को कर्नाटक में पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे. पार्टी आलाकमान को दोनों दक्षिणी राज्यों से महत्वपूर्ण संख्या में सीटें जीतने की उम्मीद है. केरल की 20 सीटों के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि कर्नाटक की 28 सीटों के लिए दो चरणों में 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा.
पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में कांग्रेस केरल में सत्ता में नहीं थी, लेकिन पुरानी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ ने राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से 19 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं. वहीं, सहयोगी आईयूएमएल (IUML) ने दो सीटें, आरएसपी ने एक सीट और केसीएम ने एक सीट जीती थीं.
पार्टी आलाकमान ने इस शानदार परिणाम का श्रेय राहुल गांधी की उपस्थिति को दिया था, जिन्होंने पहली बार वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था. 2024 में राहुल फिर से वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एआईसीसी महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी अलपुझा से मैदान में उतरे हैं. यूडीएफ को सभी 20 सीटें जीतने की उम्मीद है.
केरल के प्रभारी एआईसीसी सचिव पी विश्वनाथन ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमारे कार्यकर्ता उत्साहित हैं और अभियान बहुत अच्छा चल रहा है. यह मुख्य रूप से पार्टी की सामाजिक कल्याण गारंटी पर आधारित है. राहुल गांधी की उपस्थिति से अभियान को और बढ़ावा मिलेगा'.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि राहुल के दो दिवसीय दौरे के दौरान तिरुवनंतपुरम, वायनाड, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम सीटों पर प्रचार करने की संभावना है, लेकिन कई अन्य क्षेत्रों से भी मांग थी. कर्नाटक में कांग्रेस और जद-एस ने 2019 का चुनाव गठबंधन में लड़ा था. कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल एक सीट जीती. जद-एस ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल एक सीट जीती. इसके विपरीत, भाजपा ने कर्नाटक में 28 में से 27 सीटों पर चुनाव लड़ा और 25 सीटें जीतीं.
2024 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस भाजपा-जद-एस गठबंधन के खिलाफ खड़ी है. वह 2023 के विधानसभा चुनाव परिणामों के आधार पर 20 सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है. इसमें कांग्रेस ने 224 में से 135 सीटें जीतीं, जो तीन दशकों में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. दोस्त से दुश्मन बनी जद-एस तीन सीटों मांड्या, हासन और कोलार पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के रणनीतिकारों ने 17 अप्रैल को कोलार और मांड्या में राहुल की रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है.
कोलार में, कांग्रेस प्रबंधकों को वरिष्ठ नेता केएच मुनियप्पा से संबंधित प्रस्तावित पार्टी उम्मीदवार को लेकर अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा. बाद में एक युवा चेहरे केवी गौतम को मैदान में उतारा गया, जो जेडी-एस के मल्लेश बाबू से मुकाबला करेंगे. यह सीट बीजेपी के पास थी.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार ने हाल ही में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ एक रणनीति सत्र आयोजित किया और आलाकमान को कोलार सीट जीतने का आश्वासन दिया. मांड्या में पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार वेंकटरमणे गौड़ा से है.
एआईसीसी के कर्नाटक प्रभारी सचिव अभिषेक दत्त ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमारी राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किए गए सभी प्रमुख वादों को पूरा किया है. लोगों को इससे लाभ हुआ है. इस बार की 25 गारंटी उस संदेश को और आगे ले जाएंगी. हमें राज्य में अच्छा स्कोर मिलने का भरोसा है'. उन्होंने कहा कि हमने भाजपा को बाहर रखने के लिए 2018 में बलिदान दिया और जद-एस को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी. उन्होंने हमें धोखा दिया और भगवा पार्टी से हाथ मिला लिया.
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