नई दिल्ली: कांग्रेस ने दावा किया कि केंद्र सरकार पर झारखंड का कोयला रॉयल्टी और केंद्रीय योजना लाभ का लाखों करोड़ रुपये बकाया है. पार्टी से शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया है. इतना ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने झारखंड के पलामू में प्रधानमंत्री की रैली से पहले उनसे कई सवाल पूछे.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'प्रधानमंत्री झारखंड के लिए 1.36 लाख करोड़ रुपये क्यों जारी नहीं कर रहे हैं? प्रधानमंत्री झारखंड के 8 लाख लोगों को उनके वादे से वंचित क्यों कर रहे हैं? मंडल बांध का क्या हुआ?' उन्होंने कहा कि झारखंड में कोयला खदानें कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियां संचालित कर रही हैं, जिन पर राज्य सरकार का भारी पैसा बकाया है.
झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार पर भूमि मुआवजे का भुगतान न करने के लिए 1,01,142 करोड़ रुपये और धुले कोयला रॉयल्टी के तहत 2,500 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके अलावा केंद्र पर 32,000 करोड़ रुपये का सामान्य बकाया भी है. विपक्ष शासित राज्यों में बीजेपी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए रमेश ने कहा, झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
सबका साथ, सबका विकास का क्या हुआ?
उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री के पसंदीदा नारे - सबका साथ, सबका विकास का क्या हुआ? झारखंड और इसके लोगों से जो 1,36,042 करोड़ रुपये का वादा किया गया था वह कहां हैं? केंद्र ने अभी तक अपनी प्रमुख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड में 8 लाख पात्र लाभार्थियों को लाभ क्यों नहीं दिया.
कांग्रेस महासचिव ने कहा 2021-2022 में योजना के पोर्टल पर 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को सूचीबद्ध करने के बावजूद केवल 4 लाख घरों को मंजूरी दी गई. हाल ही में, लगभग दो लाख लाभार्थियों को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनमाने ढंग से सूची से हटा दिया. 8 लाख घर कहां हैं जिसका झारखंड और यहां के लोग हकदार हैं?
पलामू में मंडल बांध परियोजना को लेकर पूछा सवाल
जयराम रमेश ने कहा, 'पलामू में मंडल बांध परियोजना एक और चुनावी वादा है, जिसे चुनाव के बाद पीएम मोदी आसानी से भूल गए.' उन्होंने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम ने बड़ी धूमधाम से मंडल बांध परियोजना की आधारशिला रखी थी.
रमेश ने कहा, "पांच साल बाद भी यह परियोजना रुकी हुई है. जबकि राज्य को हाल के वर्षों में लगातार सूखे का सामना करना पड़ा है. उन्होंने दावा किया कि बांध की प्रगति बाधित हो गई है क्योंकि बीजेपी ने विस्थापित परिवारों की मांगों को पूरा करने से इनकार कर दिया है और मुआवजे के मुद्दों को हल करने में विफल रही है.