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जम्मू कश्मीर में छप्पर फाड़ वोटिंग, 35 साल के टूटे रिकॉर्ड : मुख्य चुनाव आयुक्त - Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार जम्मू कश्मीर में लोगों ने मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. चुनाव आयोग का कहना है कि लोगों की यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सकारात्मक है.

Rajiv Kumar
सीईसी राजीव कुमार (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 27, 2024, 5:15 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छह चरण की वोटिंग हो चुकी है, जबकि सातवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे. इस बीच चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले 35 साल में सबसे अधिक मतदान हुआ है. आयोग के मुताबिक प्रदेश की 5 लोकसभा सीटों पर 58.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

छठे चरण में घाटी की अनंतनाग-राजौरी सीट पर 25 मई को छठे चरण के मतदान के साथ ही जम्मू-कश्मीर की सभी पांच सीटों पर चुनाव समाप्त हो गया. परिसीमन फॉर्मूले के बाद इस सीट पर पुंछ और राजौरी को भी शामिल कर लिया गया है.

लोगों की भागीदारी में इजाफा
इस संबंध मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2019 के बाद पहली बार हो रहे लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या में 25 फीसदी के इजाफा हुआ. इतना ही नहीं सी-विजिल ऐप पर शिकायतें बढ़ी हुई नागरिक भागीदारी दिखाती हैं. वहीं, सुविधा पोर्टल पर 2455 रिक्वेस्ट मौजूद हैं. इससे पता चलता है कि लोगों ने चुनाव में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों की यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ी सकारात्मक बात है. केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया आगे भी इसी तरह चलती रहे.

कितनी हुई वोटिंग?
चुनाव आयोग के अनुसार कश्मीर घाटी की श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी सीट पर क्रमशः 38.49 प्रतिशत, 59.1 प्रतिशत और 54.84 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक है. पोल पैनल ने कहा, '2019 में हुए आम चुनावों के मुकाबले इस बाल लोगों की भागेदारी में 30 पॉइंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है. पिछले बार जम्मू कश्मीर में केवल 19.16 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.' चुनाव पैनल ने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश की उधमपुर और जम्मू सीट पर क्रमश: 68.27 प्रतिशत और 72.22 प्रतिशत मतदान हुआ.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद यहां होने वाला पहला बड़ा चुनाव है. 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में लद्दाख सहित छह लोकसभा सीटें थीं, अब जबकि लद्दाख एक अलग केंद्रशासित प्रदेश है, तो जम्मू-कश्मीर में संसदीय सीटें घटकर पांच रह गई हैं.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना में वारंगल-खम्मम-नलगोंडा ग्रेजुएट MLC उपचुनाव, मतदान जारी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छह चरण की वोटिंग हो चुकी है, जबकि सातवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे. इस बीच चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले 35 साल में सबसे अधिक मतदान हुआ है. आयोग के मुताबिक प्रदेश की 5 लोकसभा सीटों पर 58.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

छठे चरण में घाटी की अनंतनाग-राजौरी सीट पर 25 मई को छठे चरण के मतदान के साथ ही जम्मू-कश्मीर की सभी पांच सीटों पर चुनाव समाप्त हो गया. परिसीमन फॉर्मूले के बाद इस सीट पर पुंछ और राजौरी को भी शामिल कर लिया गया है.

लोगों की भागीदारी में इजाफा
इस संबंध मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2019 के बाद पहली बार हो रहे लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या में 25 फीसदी के इजाफा हुआ. इतना ही नहीं सी-विजिल ऐप पर शिकायतें बढ़ी हुई नागरिक भागीदारी दिखाती हैं. वहीं, सुविधा पोर्टल पर 2455 रिक्वेस्ट मौजूद हैं. इससे पता चलता है कि लोगों ने चुनाव में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों की यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ी सकारात्मक बात है. केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया आगे भी इसी तरह चलती रहे.

कितनी हुई वोटिंग?
चुनाव आयोग के अनुसार कश्मीर घाटी की श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी सीट पर क्रमशः 38.49 प्रतिशत, 59.1 प्रतिशत और 54.84 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक है. पोल पैनल ने कहा, '2019 में हुए आम चुनावों के मुकाबले इस बाल लोगों की भागेदारी में 30 पॉइंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है. पिछले बार जम्मू कश्मीर में केवल 19.16 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.' चुनाव पैनल ने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश की उधमपुर और जम्मू सीट पर क्रमश: 68.27 प्रतिशत और 72.22 प्रतिशत मतदान हुआ.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद यहां होने वाला पहला बड़ा चुनाव है. 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में लद्दाख सहित छह लोकसभा सीटें थीं, अब जबकि लद्दाख एक अलग केंद्रशासित प्रदेश है, तो जम्मू-कश्मीर में संसदीय सीटें घटकर पांच रह गई हैं.

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