नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक है. पश्चिमी दिल्ली सीट काफी खास है. यह सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई. इस सीट पर 14वीं लोकसभा के समय पहला चुनाव हुआ था. इस सीट पर पूर्वांचली मतदाताओं की बड़ी तादाद है. इस लोकसभा सीट से पिछला चुनाव दिल्ली के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने जीता था. इस बार बीजेपी ने उनकी जगह महिला प्रत्याशी कमलजीत सहरावत को टिकट दिया है.
वहीं, आम आदमी पार्टी ने पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा भी आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. इस लोकसभा सीट पर पंजाबी और सिख वोटरों की तादाद लगभग 20 फीसद है. इस लोकसभा सीट में एक तरफ पंजाबी बाग राजौरी गार्डन जैसे पॉश कॉलोनियां है. तो अनधिकृत कॉलोनी की भी तादात अच्छी खासी है. इसके अलावा दिल्ली देहात का नजफगढ़ क्षेत्र भी इस सीट में शामिल है.
दिल्ली में हुए परिसीमन के बाद अब तक इस सीट पर कुल तीन लोकसभा चुनाव में से एक बार कांग्रेस ने और दो बार बीजेपी ने बाजी मारी है. अब यह चौथा चुनाव होने जा रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें जनकपुरी, तिलक नगर, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, मदीपुर, हरिनगर, उत्तम नगर, द्वारका, नजफगढ़ और विकास पुरी शामिल हैं.
इन समीकरणों पर होगी कांटे की टक्कर: बीजेपी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पिछले दो बार से चुनाव जीतती आ रही है. हालांकि, इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी महाबल मिश्रा 2009 में यहां से सांसद चुने गए थे. फिलहाल वह कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं.
बता दें, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही है. महाबल मिश्रा की इस सीट पर पहले से पकड़ है. वह मूलतः बिहार के रहने वाले हैं. पश्चिमी दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार के लोग भी रहते हैं. ऐसे में वह क्षेत्रीय वोटरों को भी साधने में कामयाब होंगे. इस सीट पर सभी पार्टियों ने वोटरों को साधने के लिए अलग अलग दांव चले हैं. इस बार मुकाबला कांटे का होगा.
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