नई दिल्ली: दक्षिण भारत जहां भाजपा कर्नाटक से आगे नहीं बढ़ पाई थी, उसी दक्षिण भारत में इस बार पार्टी ने सेंटर प्वाइंट तमिलनाडु को बनाया है. द्रविड़ बनाम सनातन का मुद्दा इस बार भी तमिलनाडु में सबसे बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए गए बयान के बाद से यह बड़ा मुद्दा बन गया है. हालांकि इससे पहले भी डीएमके नेता ए राजा ने सनातन की तुलना एचआईवी से की थी, जिसको लेकर भी काफी विवाद हुआ था. उदयनिधि और ए राजा के सनातन विरोधी बयानों से तमिलनाडु में कहीं ना कहीं भाजपा को काफी बल मिला है और पार्टी के पक्ष में भी हवा का रुख बदला है.
भाजपा के संकल्प पत्र में भी तमिल की छाप
भाजपा संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कहकर तमिलनाडु की जनता का दिल जीतने की कोशिश की है. मगर सिर्फ चुनाव ही नहीं भाजपा पिछले कई महीनों से तमिलनाडु के वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही थी. ऐसे में मोदी सरकार की तरफ से संसद में सेंगोल की स्थापना की गई थी. इसके अलावा भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि सरकार दुनिया भर में तिरुवल्लूर कल्चरल सेंटर की स्थापना करेगी. साथ ही तमिल को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा बताते हुए इसकी वैश्विक उपलब्धता बढ़ाने की बात कही है.
कई कार्यक्रमों से तमिल वोट बैंक साधने का प्रयास
दिल्ली में भारत मंडपम का निर्माण, काशी तमिल संगमम का आयोजन जैसे कई कार्यक्रम भाजपा ने तमिल वोट बैंक को ध्यान में रखकर किए. प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में काशी तमिल संगमम का भव्य आयोजन कर तमिल संस्कृति और वहां की जनता से जुड़ने का भी पार्टी की तरफ से पूरा प्रयास किया गया.
भाजपा ने परिवारवाद, सनातन और भ्रष्टाचार को बनाया मुद्दा
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान भाजपा तमिलनाडु में परिवारवाद, सनातन, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को जमकर उठा रहा है. पिछले एक महीने में खुद पीएम मोदी का इतनी बार दौरा इस बात को बताता है कि दक्षिण के ये राज्य इस बार भाजपा के लिए कितने जरूरी हैं. पार्टी तमिलनाडु के अलावा कर्नाटक में भी अपने ग्राफ और बढ़ने पर जोर दे रही है. साथ ही केरल और तेलंगाना में भी भाजपा आक्रामक प्रचार कर रही है. मगर जिस तरह तमिलनाडु पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा, उसे देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा ने जो 400 पार का नारा दिया है, उसमें इन राज्यों से ज्यादा से ज्यादा भागीदारी बढ़ने की कोशिश में है.
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