नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के घोषणापत्र को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मेनिफेस्टो में कुछ भी नहीं है. दूसरी ओर कांग्रेस के घोषणापत्र को उसके कल्याणकारी वादों की वजह लोकप्रियता मिल रही है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा, 'कांग्रेस का घोषणापत्र तीन सिद्धांतों- वर्क, वेल्थ और वेलफेयर पर आधारित है. वहीं, बीजेपी के घोषणापत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी तुलना कांग्रेस के मेनिफेस्टो से हो. इसीलिए पीएम मोदी और दूसरे बीजेपी नेता अपने घोषणापत्र के बारे में नहीं बोलते.'
लोगों के मन में छोड़ी छाप
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो ने लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ी है और यह देश के लाखों लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. यह केवल गरीबों के बारे में बात करता है. महाराष्ट्र के सोलापुर में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार एससी, एसटी, ओबीसी और गरीबों का है, जबकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने नवंबर 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद में अपने भाषण में भी यही बात कही थी. डॉ मनमोहन सिंह ने अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों को उस सूची में जोड़ा था.
कांग्रेस के घोषणापत्र में गरीबों का उत्थान करने वाली नीतियां
कांग्रेस नेता ने पूछा कि पीएम नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों को क्यों भूल गए? क्या वहां गरीब अल्पसंख्यक, गरीब महिलाएं और गरीब बच्चे नहीं हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस मानती है कि विकास के बावजूद देश में बड़ी संख्या में गरीब आबादी है. इसलिए, कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसी नीतियां हैं जो गरीबों का उत्थान करेंगी, उनकी आय बढ़ाएंगी और असमानताओं को कम करेंगी. गौरतलब है कि चिदंबरम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष थे.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
इससे पहले 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि कांग्रेस और इंडिया अलायंस ओबीसी प्रतिनिधित्व पर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि दलित, आदिवासी और ओबीसी देश का नेतृत्व करे.
महाराष्ट्र के सोलापुर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने दलित नेता डॉ बीआर अंबेडकर का अपमान किया. कांग्रेस कभी भी देश में दलित, आदिवासी और ओबीसी नेतृत्व नहीं चाहती. बाबासाहेब अंबेडकर को भारत रत्न तब मिला जब केंद्र में बीजेपी समर्थित सरकार सत्ता में थी.