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गहलोत ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, बोले जनता में गुस्सा, एनडीए सरकार चली जाए तो आश्चर्य मत करना - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव के रण में राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी है. प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को लेकर उन पर बड़ा हमला बोला है. गुजरात दौरे पर रवाना होने से पहले गहलोत ने कहा कि लोग मोदी के बयानों पर हंस रहे हैं. वे पता नहीं कहां से मंगलसूत्र और भैंस लेकर आ गए.

गहलोत का बीजेपी पर हमला
गहलोत का बीजेपी पर हमला
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 2, 2024, 1:18 PM IST

गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना

जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी है. प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को लेकर उन पर बड़ा हमला बोला है. गुजरात दौरे पर रवाना होने से पहले गहलोत ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वे पता नहीं कहां से मंगलसूत्र और भैंस लेकर आ गए. पीएम मोदी के इन दिनों अजीबो गरीब बयान आ रहे हैं. वे बोल रहे हैं कि दो भैंस होगी तो एक भैंस कांग्रेस ले लेगी. यह क्या बयान है? हमारी कांग्रेस सरकार ने तो दो गाय और दो भैंस का बीमा किया था. वे पता नहीं कहां से मंगलसूत्र लेकर आ गए, कहां से भैंस लेकर आ गए? क्या-क्या स्टेटमेंट दे रहे हैं?

पूरे देश में लोगों में आक्रोश है, लोगों को हंसी भी आ रही है कि हो क्या रहा है. वहीं, अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आलाकमान तय करेगा कि किसे कहां से चुनाव लड़वाना है. राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन के सवाल पर गहलोत ने दावा किया कि यहां कांग्रेस डबल डिजिट में सीट जीत रही है. प्रदेश की 22 सीटों पर खुद गया हूं. मुझे मालूम है कि कांग्रेस दो अंकों में सीट लाएगी. साथ ही अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि ये लोग 400 पार का दावा कर रहे हैं. लेकिन जो माहौल है. उसमें अगर इनकी सरकार चली भी जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान से निपटे तो दूसरे राज्यों में डाला डेरा, चुनावी तपिश को बढ़ाने पहुंचे भाजपा व कांग्रेस के ये दिग्गज

हमारे मेनिफेस्टो का मुस्लिम लीग से क्या संबंध : अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं कर सकते जिसका कोई तुक नहीं है. कांग्रेस मेनिफेस्टो का मुस्लिम लीग से क्या संबंध है. उसमें जो गारंटी दी गई है. उन्होंने उस पर बहस शुरू कर दी. पहली बार देख रहा हूं कि मोदी के खुद के मेनिफेस्टो में कुछ नहीं है. उसमें कोई दम नहीं है और वह कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जो शानदार मेनिफेस्टो है. उसमें यह निचोड़ है कि देश क्या चाहता है. हम कुछ कहना चाहते हैं. वह कुछ और बोलते हैं. उसका क्या जवाब दें.

प्रज्ज्वल पर भाजपा क्या बोलेगी, उन्होंने तो प्रचार किया : कर्नाटक में सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना पर महिलाओं के शोषण के आरोपों को लेकर गहलोत ने भाजपा की नियत पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, इस पर भाजपा बोलेगी भी क्या? उन्होंने साथ में प्रचार किया था. उनको कार्रवाई करनी चाहिए. राज्य सरकार ने तो एसआईटी बना दी. लोग सोचते होंगे कि देश में क्या हो रहा है? एक सांसद ऐसा भी कर सकता है क्या? यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.

रिसर्च कर सच सामने लाए IMCR : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट पर चल रही बहस पर गहलोत बोले, लोगों को पोस्ट कोविड प्रॉब्लम हो रही है. मुझे भी समस्याएं हुई थी. मैंने सुना है की पोस्ट कोविड शरीर के किसी भी अंग में परेशानी कर सकता है. आईसीएमआर को चाहिए कि वह कृपा करके सब काम छोड़कर प्राथमिकता से यह रिसर्च करें. लंदन में जो नए तथ्य सामने आए हैं. उनके आधार पर आगे बढ़े. यह भी पता लगाएं कि अगर यह स्थिति है तो बचा कैसे जाए.

पढ़ें: लोकसभा चुनाव का रण: मोदी-शाह को आज 'घर' में घेरेंगे अशोक गहलोत, अहमदाबाद में चुनावी रैली को करेंगे संबोधित

मोदी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो का प्रचार किया : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर अशोक गहलोत ने कहा कि जनता का मूड बदल गया है. जो मुद्दे जनता सामने लेकर आ गई. वही मुद्दे कांग्रेस के हैं. महंगाई, बेरोजगारी, अमीर-गरीब के बीच की खाई, यह सब जनता के मुद्दे हैं और कांग्रेस के भी यही मुद्दे हैं. राहुल गांधी कह रहे हैं कि प्यार मोहब्बत से रहो. यह जनता का भी मुद्दा है और कांग्रेस का भी. मेनिफेस्टो में भी यही बातें हैं. शानदार गारंटी दी गई है. जब प्रधानमंत्री ने इसकी आलोचना की तो लोग इसे ज्यादा डाउनलोड करने लगे और यह ज्यादा पॉपुलर हो गया.

सूरत और इंदौर मामले पर उठाए सवाल : सूरत और इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशियों के पलटने के सवाल पर गहलोत बोले, ब्लैकमेल करो और 376 का केस लगा दो तो अच्छे-अच्छे लोग घबरा जाते हैं. मैनिपुलेट करो तो लोग बदल जाते हैं. यही सूरत और इंदौर में हुआ है. एक तरफ जिस पार्टी का 400 पार का नारा हो. उसे इस तरह के हथकंडे अपनाने की क्या जरूरत आ गई है. जबकि सूरत और इंदौर में तो 25 साल से भाजपा जीत रही है. इसके बावजूद मैसेज देने के लिए ऐसा काम कर रहे हैं. इसका उल्टा संदेश जा रहा है. चुनाव में जीत-हार तो होती रहती है.

मोदी को क्यों कहना पड़ा आरक्षण खत्म नहीं होगा : संविधान व आरक्षण में बदलाव के सवाल पर गहलोत ने कहा, पीएम मोदी को यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि हम आरक्षण खत्म नहीं करेंगे. इनकी पहले की हरकतों को देखकर देशवासियों के जेहन में यह बात आ गई. जिस प्रकार से संविधान संशोधन किए हैं. बिना सदन में बहस लोकसभा-राज्यसभा में कानून पास किए गए. इनका काम करने का जो रवैया है. उसे देखकर लोग भय खा रहे हैं. इनकी क्रेडिबिलिटी इतनी डाउन हो गई है कि लोगों को लगता है कि 400 पार की बात इसलिए कर रहे हैं कि उनको संविधान बदलना है. अंबेडकर के संविधान को बदलने की जरूरत नहीं है. इसी को लेकर रिएक्शन है.

पढ़ें: कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' पर विवाद के बीच अशोक गहलोत की मांग, कहा-रिसर्च कर साइड इफेक्ट का पता लगाएं

इंदिरा गांधी-वाजपेयी भी हार गए थे चुनाव : गहलोत ने कहा कि देश में हालात खराब है. जनता कम पढ़ी-लिखी हो सकती है लेकिन लोगों का कॉमन सेंस शानदार है. ऐसा झटका देती है कि मालूम नहीं पड़ता है. हमें तो अनुभव है. जिन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, खालिस्तान नहीं बनने दिया. वो इंदिरा गांधी भी चुनाव हार गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हार गए थे. पता ही नहीं पड़ेगा की जनता क्या कब फैसला करेगी? अगर एनडीए सरकार चली जाए तो आश्चर्य मत करना. 400 पार की बात दूर समझो अगर यह सरकार चली जाए तो आश्चर्य नहीं करना.

गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना

जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी है. प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को लेकर उन पर बड़ा हमला बोला है. गुजरात दौरे पर रवाना होने से पहले गहलोत ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वे पता नहीं कहां से मंगलसूत्र और भैंस लेकर आ गए. पीएम मोदी के इन दिनों अजीबो गरीब बयान आ रहे हैं. वे बोल रहे हैं कि दो भैंस होगी तो एक भैंस कांग्रेस ले लेगी. यह क्या बयान है? हमारी कांग्रेस सरकार ने तो दो गाय और दो भैंस का बीमा किया था. वे पता नहीं कहां से मंगलसूत्र लेकर आ गए, कहां से भैंस लेकर आ गए? क्या-क्या स्टेटमेंट दे रहे हैं?

पूरे देश में लोगों में आक्रोश है, लोगों को हंसी भी आ रही है कि हो क्या रहा है. वहीं, अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आलाकमान तय करेगा कि किसे कहां से चुनाव लड़वाना है. राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन के सवाल पर गहलोत ने दावा किया कि यहां कांग्रेस डबल डिजिट में सीट जीत रही है. प्रदेश की 22 सीटों पर खुद गया हूं. मुझे मालूम है कि कांग्रेस दो अंकों में सीट लाएगी. साथ ही अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि ये लोग 400 पार का दावा कर रहे हैं. लेकिन जो माहौल है. उसमें अगर इनकी सरकार चली भी जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान से निपटे तो दूसरे राज्यों में डाला डेरा, चुनावी तपिश को बढ़ाने पहुंचे भाजपा व कांग्रेस के ये दिग्गज

हमारे मेनिफेस्टो का मुस्लिम लीग से क्या संबंध : अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं कर सकते जिसका कोई तुक नहीं है. कांग्रेस मेनिफेस्टो का मुस्लिम लीग से क्या संबंध है. उसमें जो गारंटी दी गई है. उन्होंने उस पर बहस शुरू कर दी. पहली बार देख रहा हूं कि मोदी के खुद के मेनिफेस्टो में कुछ नहीं है. उसमें कोई दम नहीं है और वह कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जो शानदार मेनिफेस्टो है. उसमें यह निचोड़ है कि देश क्या चाहता है. हम कुछ कहना चाहते हैं. वह कुछ और बोलते हैं. उसका क्या जवाब दें.

प्रज्ज्वल पर भाजपा क्या बोलेगी, उन्होंने तो प्रचार किया : कर्नाटक में सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना पर महिलाओं के शोषण के आरोपों को लेकर गहलोत ने भाजपा की नियत पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, इस पर भाजपा बोलेगी भी क्या? उन्होंने साथ में प्रचार किया था. उनको कार्रवाई करनी चाहिए. राज्य सरकार ने तो एसआईटी बना दी. लोग सोचते होंगे कि देश में क्या हो रहा है? एक सांसद ऐसा भी कर सकता है क्या? यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.

रिसर्च कर सच सामने लाए IMCR : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट पर चल रही बहस पर गहलोत बोले, लोगों को पोस्ट कोविड प्रॉब्लम हो रही है. मुझे भी समस्याएं हुई थी. मैंने सुना है की पोस्ट कोविड शरीर के किसी भी अंग में परेशानी कर सकता है. आईसीएमआर को चाहिए कि वह कृपा करके सब काम छोड़कर प्राथमिकता से यह रिसर्च करें. लंदन में जो नए तथ्य सामने आए हैं. उनके आधार पर आगे बढ़े. यह भी पता लगाएं कि अगर यह स्थिति है तो बचा कैसे जाए.

पढ़ें: लोकसभा चुनाव का रण: मोदी-शाह को आज 'घर' में घेरेंगे अशोक गहलोत, अहमदाबाद में चुनावी रैली को करेंगे संबोधित

मोदी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो का प्रचार किया : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर अशोक गहलोत ने कहा कि जनता का मूड बदल गया है. जो मुद्दे जनता सामने लेकर आ गई. वही मुद्दे कांग्रेस के हैं. महंगाई, बेरोजगारी, अमीर-गरीब के बीच की खाई, यह सब जनता के मुद्दे हैं और कांग्रेस के भी यही मुद्दे हैं. राहुल गांधी कह रहे हैं कि प्यार मोहब्बत से रहो. यह जनता का भी मुद्दा है और कांग्रेस का भी. मेनिफेस्टो में भी यही बातें हैं. शानदार गारंटी दी गई है. जब प्रधानमंत्री ने इसकी आलोचना की तो लोग इसे ज्यादा डाउनलोड करने लगे और यह ज्यादा पॉपुलर हो गया.

सूरत और इंदौर मामले पर उठाए सवाल : सूरत और इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशियों के पलटने के सवाल पर गहलोत बोले, ब्लैकमेल करो और 376 का केस लगा दो तो अच्छे-अच्छे लोग घबरा जाते हैं. मैनिपुलेट करो तो लोग बदल जाते हैं. यही सूरत और इंदौर में हुआ है. एक तरफ जिस पार्टी का 400 पार का नारा हो. उसे इस तरह के हथकंडे अपनाने की क्या जरूरत आ गई है. जबकि सूरत और इंदौर में तो 25 साल से भाजपा जीत रही है. इसके बावजूद मैसेज देने के लिए ऐसा काम कर रहे हैं. इसका उल्टा संदेश जा रहा है. चुनाव में जीत-हार तो होती रहती है.

मोदी को क्यों कहना पड़ा आरक्षण खत्म नहीं होगा : संविधान व आरक्षण में बदलाव के सवाल पर गहलोत ने कहा, पीएम मोदी को यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि हम आरक्षण खत्म नहीं करेंगे. इनकी पहले की हरकतों को देखकर देशवासियों के जेहन में यह बात आ गई. जिस प्रकार से संविधान संशोधन किए हैं. बिना सदन में बहस लोकसभा-राज्यसभा में कानून पास किए गए. इनका काम करने का जो रवैया है. उसे देखकर लोग भय खा रहे हैं. इनकी क्रेडिबिलिटी इतनी डाउन हो गई है कि लोगों को लगता है कि 400 पार की बात इसलिए कर रहे हैं कि उनको संविधान बदलना है. अंबेडकर के संविधान को बदलने की जरूरत नहीं है. इसी को लेकर रिएक्शन है.

पढ़ें: कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' पर विवाद के बीच अशोक गहलोत की मांग, कहा-रिसर्च कर साइड इफेक्ट का पता लगाएं

इंदिरा गांधी-वाजपेयी भी हार गए थे चुनाव : गहलोत ने कहा कि देश में हालात खराब है. जनता कम पढ़ी-लिखी हो सकती है लेकिन लोगों का कॉमन सेंस शानदार है. ऐसा झटका देती है कि मालूम नहीं पड़ता है. हमें तो अनुभव है. जिन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, खालिस्तान नहीं बनने दिया. वो इंदिरा गांधी भी चुनाव हार गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हार गए थे. पता ही नहीं पड़ेगा की जनता क्या कब फैसला करेगी? अगर एनडीए सरकार चली जाए तो आश्चर्य मत करना. 400 पार की बात दूर समझो अगर यह सरकार चली जाए तो आश्चर्य नहीं करना.

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