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छठे चरण में प. बंगाल के आदिवासी बेल्ट में होगा मतदान, TMC के लिए हो सकती है दिक्कत - West Bengal - WEST BENGAL

West Bengal Key Constituencies: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के लिए शनिवार को वोटिंग होगी. इस चरण में पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान होगा. बता दें, यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल की आदिवासी बेल्ट का हिस्सा है.

Lok Sabha Election
लोकसभा चुनाव (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 24, 2024, 2:51 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पांच चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है, जबकि छठे चरण के लिए शनिवार 25 मई को मतदान होगा. इस फेज में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. इस चरण में कुल 889 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

छठे चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में वोट डाले जाएंगे. छठे फेज में पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान होगा. इनमें तमलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा बिशनपुर शामिल हैं. यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल की आदिवासी बेल्ट का हिस्सा है.

तमलुक
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट पर वोटिंग होनी है. तमलुक पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां से अभिजीत गंगोपाध्याय को मैदान में उतारा है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने देबांगशु भट्टाचार्य और सीपीएम ने यहां से सायन बनर्जी को टिकट दिया है. पिछले चुनाव में टीएमसी उम्मीदवार दिव्येंदु अधिकारी ने यहां से बीजेपी के सिद्धार्थ नस्कर को 1.9 लाख से अधिक मतों से हराया था.

कांथी
कांथी संसदीय क्षेत्र भी पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है. इसका गठन 2008 में चुनाव आयोग के सुझाव पर किया गया था. यहां से बीजेपी के शोमेंदु अधिकारी का मुकाबला टीएमसी के उत्तम बारिक और कांग्रेस की उर्बासी बनर्जी से होगा. 2019 में टीएमसी के सिसिर अधिकारी ने बीजेपी के देबाशीष सामंत को 1.1 लाख से अधिक वोटों से मात दी थी.

घाटल
घाटल पहले हुगली जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन साल 1872 में इसे मेदिनीपुर जिले में मिला दिया गया. पश्चिम बंगाल में परिसीमन के बाद, पंसकुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया और एक नया घाटल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया. यहां से बीजेपी ने हिरण्मय चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा है, जबकि टीएमसी ने दीपक अधिकारी को टिकट दिया है. वहीं, सीपीआई के तपन गांगुली घाटल से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पिछली चुनाव में टीएमसी दीपक अधिकारी ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को एक लाख से ज़्यादा वोटों से हराया था.

झारग्राम
झारग्राम लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट का गठन 1962 में परिसीमन आयोग की सिफारिश पर किया गया था. चुनाव आयोग की सिफारिश पर, 2009 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. यहां डॉ पनत टुडू का मुकाबला टीएमसी के कालीपदा सारेन और सीपीएम के सोनमणि टुडू से होगा. 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार कुनार हेम्ब्रम जीते थे.

मेदिनीपुर
यह संसदीय क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया था. यह कांगस्ताब्ती नदी के तट पर स्थित है. यह संसदीय क्षेत्र सीपीएम के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत गुप्ता की कर्मभूमि थी. बीजेपी ने यहां से अग्नामित्र पॉल को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला टीएमसी के जुन मालिया और सीपीआई के बिप्लब भट्ट से होगा. पिछली बार यहां से बीजेपी के दिलीप घोष जीते थे.

पुरुलिया
पुरुलिया शहर कसाल नदी के उत्तरी तट पर स्थित है. यह अपने लैंडस्केप के लिए जाना जाता है. यहां से बीजेपी के ज्योतिर्मय सिंह महतो कांग्रेस के नेपाल चंद्र महतो और टीएमसी के शांतिराम महतो के खिलाफ चुनाव लड़ते नजर आएंगे. 2019 में पुरुलिया से ज्योतिर्मय सिंह महतो ने जीत हासिल की थी.

बांकुरा
बांकुरा अपनी चित्रकला, संगीत और अन्य कलाओं के लिए जाना जाता है. इस स्थान ने आधुनिक बंगाल कला और वास्तुकला में योगदान दिया है. यहां से बीजेपी डॉ सुभाष सरकार टीएमसी के अरूप चक्रवर्ती और सीपीएम के नीलांजन दासगुप्ता को चुनौती पेश करेंगे. 2019 में बांकूरा में भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी. यहां से सुभाष सरकार ने टीएमसी के सुब्रत मुखर्जी को 1.7 लाख से अधिक मतों से हराया था.

बिष्णुपुर
बिष्णुपुर लोकसभा सीट सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से बीजेपी ने खान सौमित्र को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला टीएमसी की सुजाता मंडल और सीपीएम के सीतल चंद्र कैबर्त्या से होगा. 2019 के चुनाव में बिष्णुपुर से बीजेपी के सौमित्र खान ने टीएमसी के श्यामल संतरा को हराया था.

यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी ने पीड़ित महिलाओं से मांगी माफी!, संदेशखाली जाएंगी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पांच चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है, जबकि छठे चरण के लिए शनिवार 25 मई को मतदान होगा. इस फेज में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. इस चरण में कुल 889 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

छठे चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में वोट डाले जाएंगे. छठे फेज में पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान होगा. इनमें तमलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा बिशनपुर शामिल हैं. यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल की आदिवासी बेल्ट का हिस्सा है.

तमलुक
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट पर वोटिंग होनी है. तमलुक पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां से अभिजीत गंगोपाध्याय को मैदान में उतारा है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने देबांगशु भट्टाचार्य और सीपीएम ने यहां से सायन बनर्जी को टिकट दिया है. पिछले चुनाव में टीएमसी उम्मीदवार दिव्येंदु अधिकारी ने यहां से बीजेपी के सिद्धार्थ नस्कर को 1.9 लाख से अधिक मतों से हराया था.

कांथी
कांथी संसदीय क्षेत्र भी पूर्व मेदिनीपुर जिले में आता है. इसका गठन 2008 में चुनाव आयोग के सुझाव पर किया गया था. यहां से बीजेपी के शोमेंदु अधिकारी का मुकाबला टीएमसी के उत्तम बारिक और कांग्रेस की उर्बासी बनर्जी से होगा. 2019 में टीएमसी के सिसिर अधिकारी ने बीजेपी के देबाशीष सामंत को 1.1 लाख से अधिक वोटों से मात दी थी.

घाटल
घाटल पहले हुगली जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन साल 1872 में इसे मेदिनीपुर जिले में मिला दिया गया. पश्चिम बंगाल में परिसीमन के बाद, पंसकुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया और एक नया घाटल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया. यहां से बीजेपी ने हिरण्मय चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा है, जबकि टीएमसी ने दीपक अधिकारी को टिकट दिया है. वहीं, सीपीआई के तपन गांगुली घाटल से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पिछली चुनाव में टीएमसी दीपक अधिकारी ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को एक लाख से ज़्यादा वोटों से हराया था.

झारग्राम
झारग्राम लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट का गठन 1962 में परिसीमन आयोग की सिफारिश पर किया गया था. चुनाव आयोग की सिफारिश पर, 2009 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. यहां डॉ पनत टुडू का मुकाबला टीएमसी के कालीपदा सारेन और सीपीएम के सोनमणि टुडू से होगा. 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार कुनार हेम्ब्रम जीते थे.

मेदिनीपुर
यह संसदीय क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया था. यह कांगस्ताब्ती नदी के तट पर स्थित है. यह संसदीय क्षेत्र सीपीएम के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत गुप्ता की कर्मभूमि थी. बीजेपी ने यहां से अग्नामित्र पॉल को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला टीएमसी के जुन मालिया और सीपीआई के बिप्लब भट्ट से होगा. पिछली बार यहां से बीजेपी के दिलीप घोष जीते थे.

पुरुलिया
पुरुलिया शहर कसाल नदी के उत्तरी तट पर स्थित है. यह अपने लैंडस्केप के लिए जाना जाता है. यहां से बीजेपी के ज्योतिर्मय सिंह महतो कांग्रेस के नेपाल चंद्र महतो और टीएमसी के शांतिराम महतो के खिलाफ चुनाव लड़ते नजर आएंगे. 2019 में पुरुलिया से ज्योतिर्मय सिंह महतो ने जीत हासिल की थी.

बांकुरा
बांकुरा अपनी चित्रकला, संगीत और अन्य कलाओं के लिए जाना जाता है. इस स्थान ने आधुनिक बंगाल कला और वास्तुकला में योगदान दिया है. यहां से बीजेपी डॉ सुभाष सरकार टीएमसी के अरूप चक्रवर्ती और सीपीएम के नीलांजन दासगुप्ता को चुनौती पेश करेंगे. 2019 में बांकूरा में भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी. यहां से सुभाष सरकार ने टीएमसी के सुब्रत मुखर्जी को 1.7 लाख से अधिक मतों से हराया था.

बिष्णुपुर
बिष्णुपुर लोकसभा सीट सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से बीजेपी ने खान सौमित्र को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला टीएमसी की सुजाता मंडल और सीपीएम के सीतल चंद्र कैबर्त्या से होगा. 2019 के चुनाव में बिष्णुपुर से बीजेपी के सौमित्र खान ने टीएमसी के श्यामल संतरा को हराया था.

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