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लिंगायत संत दिंगलेश्वर स्वामी ने नामांकन वापस लिया, कहा- प्रह्लाद जोशी के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई - Dingaleshwar Swami

Dingaleshwar Swami withdraws nomination: घटनाओं के एक आश्चर्यजनक मोड़ में, शिरहट्टी फक्किरेश्वर मठ के लिंगायत संत दिंगलेश्वर स्वामी ने धारवाड़ संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन वापस ले लिया. उन्होंने 18 अप्रैल को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र जमा किया था.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 22, 2024, 6:41 PM IST

धारवाड़: शिरहट्टी भावैक्यता महासंस्थान पीठ के फकीरा दिंगलेश्वर स्वामी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है. इन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. दिंगलेश्वर स्वामी के एजेंट सचिन पाटिल और वकील अमृता बेलोली सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नामांकन पत्र वापस ले लिया.

नामांकन पत्र वापस लेने के बारे में हुबली में मीडिया से बात करते हुए दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा, 'हमने पिछले 20 दिनों से संघर्ष शुरू किया था. इस लड़ाई को अपना धर्म कहा था. हमने कहा कि यह आत्मसम्मान का चुनाव है. मैंने नामांकन पत्र वापस मिल गया है, लेकिन मैं प्रल्हाद जोशी के खिलाफ धार्मिक लड़ाई से पीछे नहीं हट रहा हूं'.

लिंगायत संत ने कहा, 'नामांकन पत्र जमा करने के बाद भी, दोनों (कांग्रेस-भाजपा) दलों के नेताओं ने मुझसे चर्चा की. कल सीएम, डीसीएम, पूर्व सीएम ने भी बात की. मैंने सभी सवालों के जवाब दिए. हमारे गुरु ने मुझे नामांकन वापस लेने का निर्देश दिया. हमारी धार्मिक लड़ाई जारी है. चुनाव को छोड़कर सभी श्रेणियों में धार्मिक युद्ध जारी है'.

उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियों से समर्थन की मांग है. मैं उन लोगों से मिलूंगा, जिन्होंने पहले मेरा समर्थन किया है. राजनीति में बदलाव आम बात है. मैंने राजनीतिक नेताओं के सुझाव पर अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. जब तक मैं अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाता, तब तक मैं माला नहीं पहनूंगा. धर्मयुद्ध में विजय प्राप्त होने तक माला नहीं पहनी जाती. मैंने बीजेपी उम्मीदवार का विरोध किया है'. भाजपा विधायक बसाना गौड़ा यतनाल के स्वामीजी को भुगतान मिलने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, 'यतनाल ने यह बात मेरे नामांकन पत्र वापस लेने से पहले कही थी. कर्नाटक को उसका स्तर पता है. वह अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलते हैं. एक भी बीजेपी नेता ने यतनाल की जुबान पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं की. यतनाल एक बुद्धिहीन शरीर है'.

8 अप्रैल को बेंगलुरु के वीरशैव लिंगायत भवन में एक मीडिया सम्मेलन आयोजित करने वाले दिंगलेश्वर स्वामी ने आधिकारिक तौर पर धारवाड़ से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी. फिर 18 अप्रैल को उन्होंने एक गैर-पार्टी उम्मीदवार के रूप में धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की.

पढ़ें: निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे दिंगलेश्वर स्वामी, कहा- चुनाव से हटाने वाला धरती पर पैदा नहीं हुआ

धारवाड़: शिरहट्टी भावैक्यता महासंस्थान पीठ के फकीरा दिंगलेश्वर स्वामी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है. इन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. दिंगलेश्वर स्वामी के एजेंट सचिन पाटिल और वकील अमृता बेलोली सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नामांकन पत्र वापस ले लिया.

नामांकन पत्र वापस लेने के बारे में हुबली में मीडिया से बात करते हुए दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा, 'हमने पिछले 20 दिनों से संघर्ष शुरू किया था. इस लड़ाई को अपना धर्म कहा था. हमने कहा कि यह आत्मसम्मान का चुनाव है. मैंने नामांकन पत्र वापस मिल गया है, लेकिन मैं प्रल्हाद जोशी के खिलाफ धार्मिक लड़ाई से पीछे नहीं हट रहा हूं'.

लिंगायत संत ने कहा, 'नामांकन पत्र जमा करने के बाद भी, दोनों (कांग्रेस-भाजपा) दलों के नेताओं ने मुझसे चर्चा की. कल सीएम, डीसीएम, पूर्व सीएम ने भी बात की. मैंने सभी सवालों के जवाब दिए. हमारे गुरु ने मुझे नामांकन वापस लेने का निर्देश दिया. हमारी धार्मिक लड़ाई जारी है. चुनाव को छोड़कर सभी श्रेणियों में धार्मिक युद्ध जारी है'.

उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियों से समर्थन की मांग है. मैं उन लोगों से मिलूंगा, जिन्होंने पहले मेरा समर्थन किया है. राजनीति में बदलाव आम बात है. मैंने राजनीतिक नेताओं के सुझाव पर अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. जब तक मैं अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाता, तब तक मैं माला नहीं पहनूंगा. धर्मयुद्ध में विजय प्राप्त होने तक माला नहीं पहनी जाती. मैंने बीजेपी उम्मीदवार का विरोध किया है'. भाजपा विधायक बसाना गौड़ा यतनाल के स्वामीजी को भुगतान मिलने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, 'यतनाल ने यह बात मेरे नामांकन पत्र वापस लेने से पहले कही थी. कर्नाटक को उसका स्तर पता है. वह अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलते हैं. एक भी बीजेपी नेता ने यतनाल की जुबान पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं की. यतनाल एक बुद्धिहीन शरीर है'.

8 अप्रैल को बेंगलुरु के वीरशैव लिंगायत भवन में एक मीडिया सम्मेलन आयोजित करने वाले दिंगलेश्वर स्वामी ने आधिकारिक तौर पर धारवाड़ से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी. फिर 18 अप्रैल को उन्होंने एक गैर-पार्टी उम्मीदवार के रूप में धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की.

पढ़ें: निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे दिंगलेश्वर स्वामी, कहा- चुनाव से हटाने वाला धरती पर पैदा नहीं हुआ

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