नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में हैं. इधर, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल सचिवालय ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अदालतों को गुमराह करके दिल्ली सरकार आम लोगों के बीच उपराज्यपाल कार्यालय की गलत छवि बनाने की कोशिश कर रही है.
उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पांच पेज का पत्र गृह मंत्रालय को भेजा है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा अदालत को गुमराह करके न्याय प्रणाली को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए कोर्ट के साथ व्यवहार के संबंध में दिल्ली सरकार पर उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. हाल ही में कोर्ट को गुमराह करने के ठोस प्रयास किए गए हैं, यह आरोप उपराज्यपाल ने लगाए हैं.
एलजी के संवैधानिक कार्यालय को बदनाम करने का आरोप
उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा केंद्रीय गृह सचिव को भेजे गए पत्र में बताया है कि दिल्ली सरकार जानबूझकर अदालत को गुमराह करने के अलावा एक गलत आरोप लगाया कि एलजी के संवैधानिक कार्यालय को बदनाम किया जा सके. पत्र में हाई कोर्ट और जिला अदालत के बुनियादी ढांचे से संबंधित मामला, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं आदि का जिक्र किया गया है.
मंत्री सौरभ भारद्वाज का पलटवार
वहीं, इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि वह बार-बार अधिकारियों द्वारा मंत्रियों की बात नहीं मानने की शिकायत उपराज्यपाल से करते रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करने के चलते कोर्ट का ही विकल्प बचता है. अधिकारियों के काम नहीं करने की वजह से दिल्ली जल बोर्ड के बजट, अस्पतालों में दवाइयां की कमी, फरिश्ते योजना का बंद होना, स्मोक टावर सहित कई महत्वपूर्ण काम रोक दिए गए हैं और इन योजनाओं को शुरू करने के लिए ही अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.