नई दिल्ली: उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में 41 श्रमिकों को बचाने वाले दिल्ली के रैट माइनर वकील हसन के खजुरी खास स्थित मकान को डीडीए द्वारा गिराए जाने के मामले पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने संज्ञान लिया है. उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे उपराज्यपाल ने कहा कि वकील हसन को मुआवजे के तौर पर घर दिया जाएगा.
इस मौके पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी भी मौजूद थे. उन्होंने भी इस बात पर हामी भरी. इससे पहले बुधवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने रैट माइनर वकील हसन के खजुरी खास स्थित मकान को अवैध बताते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था. इस घटना के दौरान वकील हसन और उसकी पत्नी घर पर मौजूद नहीं थे और डीडीए की टीम ने बच्चों के सामने घर को गिरा दिया था.
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इसपर वकील हसन ने दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि जब मेरी टीम ने सिल्कयारा सुरंग से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला था, तब मैंने अपने घर को बचाने की गुहार लगाई थी. इतने ही नहीं, सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा था कि मेरे मकान को कुछ नहीं होगा, लेकिन फिर भी मेरे घर को जमींदोज कर दिया गया. वकील हसन ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई बिना किसी नोटिस के की गई. वहीं डीडीए अधिकारियों ने कहा था कि जिस जमीन पर कार्रवाई की गई, वह योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा है. वहां पर कई अवैध निर्माण थे इसलिए उनपर कार्रवाई की गई.
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