नई दिल्लीः दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' से कथित तौर पर राजनीतिक धन प्राप्त करने के मामले में उनके खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है. सोमवार शाम राज निवास के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा है कि शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को कथित तौर पर देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग मिली थी. शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच सहित जांच की आवश्यकता है.
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पत्र में कहा गया है कि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है. LG ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौजूदा लोकसभा चुनावों के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार करने से एक दिन पहले उठाया है. AAP प्रमुख दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं. 7 मई को सुप्रीम कोर्ट उनकी अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर सकती है.
भाजपा के इशारे पर एक और साजिश: वहीं, इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश भाजपा के इशारे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक और साजिश है. AAP नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "यह भाजपा के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश है. वे दिल्ली की सभी सात सीटों पर हार रहे हैं और लोकसभा चुनाव में हार के डर से घबरा गए हैं."
बीजेपी नेता सिरसा ने केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोपः उधर, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून हमेशा भारत के खिलाफ आतंक माहौल बनाता है. पन्नून कभी एयर इंडिया को उड़ाने की बात कहता हैं तो कभी वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को लेकर धमकी देता है.
सिरसा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों को गुरपतवंत सिंह पन्नून और खातिस्तानी आतंकवादी संगठनों की ओर से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड देने का खुलासा पिछले दिनों किया गया था. अब इस मामले की जांच एनआईए से कराने का फैसला स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
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