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छत्तीसगढ़ के कोरबा में मिली दुर्लभ लेपर्ड गेको छिपकली, ईरान, अफगानिस्तान की गुफाओं में रहना है पसंद - LEOPARD GECKO Lizard - LEOPARD GECKO LIZARD

Rare Creature किंग कोबरा के लिए मशहूर कोरबा के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. कोरबा में ईरान, अफगानिस्तान में मिलने वाली दुर्लभ लेपर्ड गीको छिपकली मिली है. किंग कोबरा के रिसर्च के दौरान वन विभाग के ट्रैप कैमरा में लेपर्ड गेको छिपकली की तस्वीर कैद हुई.

Rare Creature
लेपर्ड गीको छिपकली (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 16, 2024, 7:15 PM IST

Updated : May 22, 2024, 8:25 AM IST

लेपर्ड गीको छिपकली (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के जंगल में दुर्लभ प्रजाति की लेपर्ड गीको छिपकली (Leopard Gecko Lizard) मिली है. सामान्य तौर पर यह छिपकली भारत-पाकिस्तान की सीमा ईरान, अफगानिस्तान में पाई जाती है. यह पहाड़ी इलाकों में मिलते हैं और गुफाओं में रहना पसंद करते हैं. कोरबा जिले में किंग कोबरा के ऊपर चल रहे रिसर्च के दौरान यह दुर्लभ छिपकली की अजगरबहार के पास देखी गयी है. जो वन विभाग के कैमरे में कैद हो गई.

दिखने में बेहद खूबसूरत छिपकली : यह छिपकली देखने में बेहद खूबसूरत होती है. छिपकली को खतरा महसूस होता है, तो तेज रफ्तार में भागती है. यह सांपों की तरह तेज आवाज भी निकालती है. इसकी लंबाई करीब 20 सेंटीमीटर तक हो सकती है. इसके अंदर विष नहीं होता.

वन विभाग के ट्रैप कैमरा ने किया कैद: कोरबा जिले के वनांचल क्षेत्र में किंग कोबरा का भी रहवास है. छत्तीसगढ़ में कोरबा इकलौता ऐसा जिला है. जहां किंग कोबरा की मौजूदगी है. 12 से लेकर 17 फीट तक के किंग कोबरा यहां पाए जा चुके हैं. किंग कोबरा के रहवास लिए वन विभाग रिसर्च कर रहा है. जहां किंग कोबरा पाए गए हैं. वहां रिसर्च किया जा रहा है, इनके संरक्षण की दिशा में काम चल रहा है. इसी दौरान वन विभाग के ट्रैप कैमरा में लेपर्ड गेको छिपकली की तस्वीर कैद हुई.

अजगरबहार के पास हमें दुर्लभ लेपर्ड गेको छिपकली मिली है. हमारे ट्रैप कैमरा ने इसकी तस्वीर कैद की है. किंग कोबरा के रहवास क्षेत्र में रिसर्च के दौरान हमें यह छिपकली मिली है. कोरबा के लिए यह बेहद खुशी की बात है. जब हम किंग कोबरा के रहवास को विकसित कर रहे हैं. तब अन्य जीव भी इसमे शामिल हो जाते हैं. अन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हम लगातार काम कर रहे हैं.- अरविंद पीएम, डीएफओ, कोरबा वन मंडल

कोरबा का 70 फीसदी हिस्से में जंगल, बायोडायवर्सिटी बेहद समृद्ध : कोरबा जिले का 70 फीसदी हिस्सा घने वन वाला क्षेत्र है. कई बार जंगल से भटककर जंगली जीव आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं. कोरबा के वनों मे कई बार दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव देखे जा चुके हैं. कोरबा जिले के जैव विविधता की अक्सर तारीफ भी की जाती है. यहां तेंदुआ, भालू, हाथी, किंग कोबरा सहित ऑटर भी पाया जाता है. जिनके संरक्षण की दिशा में वन विभाग के अधिकारी काम भी करते हैं. हालांकि दुर्लभ जीवों को संरक्षण देना उनके लिए बड़ी चुनौती भी है.

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लेपर्ड गीको छिपकली (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के जंगल में दुर्लभ प्रजाति की लेपर्ड गीको छिपकली (Leopard Gecko Lizard) मिली है. सामान्य तौर पर यह छिपकली भारत-पाकिस्तान की सीमा ईरान, अफगानिस्तान में पाई जाती है. यह पहाड़ी इलाकों में मिलते हैं और गुफाओं में रहना पसंद करते हैं. कोरबा जिले में किंग कोबरा के ऊपर चल रहे रिसर्च के दौरान यह दुर्लभ छिपकली की अजगरबहार के पास देखी गयी है. जो वन विभाग के कैमरे में कैद हो गई.

दिखने में बेहद खूबसूरत छिपकली : यह छिपकली देखने में बेहद खूबसूरत होती है. छिपकली को खतरा महसूस होता है, तो तेज रफ्तार में भागती है. यह सांपों की तरह तेज आवाज भी निकालती है. इसकी लंबाई करीब 20 सेंटीमीटर तक हो सकती है. इसके अंदर विष नहीं होता.

वन विभाग के ट्रैप कैमरा ने किया कैद: कोरबा जिले के वनांचल क्षेत्र में किंग कोबरा का भी रहवास है. छत्तीसगढ़ में कोरबा इकलौता ऐसा जिला है. जहां किंग कोबरा की मौजूदगी है. 12 से लेकर 17 फीट तक के किंग कोबरा यहां पाए जा चुके हैं. किंग कोबरा के रहवास लिए वन विभाग रिसर्च कर रहा है. जहां किंग कोबरा पाए गए हैं. वहां रिसर्च किया जा रहा है, इनके संरक्षण की दिशा में काम चल रहा है. इसी दौरान वन विभाग के ट्रैप कैमरा में लेपर्ड गेको छिपकली की तस्वीर कैद हुई.

अजगरबहार के पास हमें दुर्लभ लेपर्ड गेको छिपकली मिली है. हमारे ट्रैप कैमरा ने इसकी तस्वीर कैद की है. किंग कोबरा के रहवास क्षेत्र में रिसर्च के दौरान हमें यह छिपकली मिली है. कोरबा के लिए यह बेहद खुशी की बात है. जब हम किंग कोबरा के रहवास को विकसित कर रहे हैं. तब अन्य जीव भी इसमे शामिल हो जाते हैं. अन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हम लगातार काम कर रहे हैं.- अरविंद पीएम, डीएफओ, कोरबा वन मंडल

कोरबा का 70 फीसदी हिस्से में जंगल, बायोडायवर्सिटी बेहद समृद्ध : कोरबा जिले का 70 फीसदी हिस्सा घने वन वाला क्षेत्र है. कई बार जंगल से भटककर जंगली जीव आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं. कोरबा के वनों मे कई बार दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव देखे जा चुके हैं. कोरबा जिले के जैव विविधता की अक्सर तारीफ भी की जाती है. यहां तेंदुआ, भालू, हाथी, किंग कोबरा सहित ऑटर भी पाया जाता है. जिनके संरक्षण की दिशा में वन विभाग के अधिकारी काम भी करते हैं. हालांकि दुर्लभ जीवों को संरक्षण देना उनके लिए बड़ी चुनौती भी है.

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Last Updated : May 22, 2024, 8:25 AM IST
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