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न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं, समस्याएं समझने की इच्छा ही उपकरण: सीजेआई चंद्रचूड़ - newly appointed judges in sc

CJI Chandrachud : मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि एक न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है, जिसके लिए मानव जीवन और लोगों की समस्याओं को समझने की उनकी इच्छा सबसे मजबूत उपकरण है

सीजेआई चंद्रचूड़
CJI Chandrachud
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By PTI

Published : Feb 28, 2024, 10:22 PM IST

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि किसी न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है तथा उनके लिए मानव जीवन और लोगों की समस्याओं को समझने की इच्छा ही सबसे मजबूत उपकरण है.

एससीबीए द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में CJI ने क्या कहा?
नवनियुक्त न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले के सम्मान में उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इन न्यायाधीशों की पदोन्नति के साथ शीर्ष अदालत एक बार फिर न्यायाधीशों की अधिकतम अनिवार्य संख्या 34 के साथ काम कर रही है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शीर्ष अदालत को उनके अनुभव की विविधता से लाभ होगा.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है. मानव जीवन को समझने की उनकी इच्छा ही सबसे मजबूत उपकरण है. न्यायमूर्ति शर्मा, न्यायमूर्ति मसीह, न्यायमूर्ति मेहता और न्यायमूर्ति वराले की यात्रा मानव जीवन को समझने और हमारे कानूनों की मदद से इसे बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. एससीबीए के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने प्रतिभाशाली न्यायाधीशों को चुनने के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सराहना की.

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नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि किसी न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है तथा उनके लिए मानव जीवन और लोगों की समस्याओं को समझने की इच्छा ही सबसे मजबूत उपकरण है.

एससीबीए द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में CJI ने क्या कहा?
नवनियुक्त न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले के सम्मान में उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इन न्यायाधीशों की पदोन्नति के साथ शीर्ष अदालत एक बार फिर न्यायाधीशों की अधिकतम अनिवार्य संख्या 34 के साथ काम कर रही है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शीर्ष अदालत को उनके अनुभव की विविधता से लाभ होगा.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी न्यायाधीश के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है. मानव जीवन को समझने की उनकी इच्छा ही सबसे मजबूत उपकरण है. न्यायमूर्ति शर्मा, न्यायमूर्ति मसीह, न्यायमूर्ति मेहता और न्यायमूर्ति वराले की यात्रा मानव जीवन को समझने और हमारे कानूनों की मदद से इसे बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. एससीबीए के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने प्रतिभाशाली न्यायाधीशों को चुनने के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सराहना की.

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