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एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से टूट रहे हैं घर, जानिए क्या है कानून में प्रावधान - extra marital affair

Legal help in extra marital affair छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. राज्य महिला आयोग और थानों में भी ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं.

Legal help in extra marital affair
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से टूट रहे हैं घर (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 5, 2024, 9:21 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 2:41 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के महिला थाना और राज्य महिला आयोग में इन दिनों पति-पत्नी और वो यानी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. ज्यादातर महिलाओं की एक ही शिकायत होती है कि उनके पति का किसी दूसरी औरत से अफेयर है.इस बात को लेकर आए दिन घर में लड़ाई झगड़ा और मारपीट की नौबत आती है. कई मामलों में देखा गया है कि पति बिना तलाक लिए ही दूसरी महिलाओं के साथ रहने लगते हैं. ऐसे में उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है. आखिर ऐसे मामलों को लेकर महिला थाना और महिला आयोग क्या कार्रवाई करता है. कानून में इसके लिए क्या प्रावधान है. आइये जानते हैं.

मॉडर्न युग में बदले तौर तरीके : एक समय था जब शादी जन्म जन्मांतर और सात जन्मों का बंधन माना जाता था. लेकिन इन दिनों पति पत्नी और वो का चलन तेजी से बढ़ा है.आए दिन पति-पत्नी और वो, याने एक्स्ट्रा अफेयर के मामले देखने को मिल रहे हैं. महिला थाना हो या फिर महिला आयोग यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं की यही शिकायत होती है. इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ जाता है. मारपीट तक की नौबत आ जाती है. कई मामलों में तो देखा गया है कि पति अपनी पत्नी को बिना तलाक दिए, दूसरी महिला के साथ रहने भी लगता है. इन शिकायतों में न्याय की गुहार लगाने महिलाएं थाना और महिला आयोग पहुंचती है.

क्या है कानून में प्रावधान ?: महिला थाना प्रभारी वेदवती दरियों ने बताया कि महिला थाने में लगभग 100 मामलों में से 30 से 35 मामले पति पत्नी और वो यानी एक्स्ट्रा अफेयर के होते हैं. इसके बाद अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती है. देववती ने बताया कि यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं का यही कहना होता है कि उनके पति का किसी और औरत के साथ संबंध हैं. कुछ मामलों में पति इन औरतों के साथ ही रहते हैं. ऐसी शिकायतें भी महिला थाने को प्राप्त हो रही है. ऐसा मामले में सबसे पहले ये पता किया जाता है कि महिला सही बोल रही है या नहीं. उसके पति से संबंधित मोबाइल कॉल्स, व्हाट्सएप चैटिंग सहित अन्य जानकारी इकट्ठा की जाती है.

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महिलाएं थाने में कैसे करें शिकायत ? (ETV Bharat Chhattisgarh)


''शिकायतकर्ता महिला और उसके पति को थाने बुलाया जाता है और काउंसलिंग की जाती है. उन्हें समझाने की कोशिश की जाती है, कि इस तरह से आपका परिवार टूट सकता है. जिसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा . ऐसे में आप अपनी पत्नी के साथ रहें और बाकी चीजों पर ध्यान ना दें. कई बार पुरुषों को हमारी ओर से समझाईश भी दी जाती है. इसके अलावा जिस महिला से उसका एक्स्ट्रा अफेयर होता है उसे भी बुलाकर समझाइश दी जाती है कि वह आदमी शादीशुदा है इससे दूर रहें, इससे दोनों घर बर्बाद नहीं होंगे.'' वेदवती दरियो,महिला थाना, रायपुर

काउंसलिंग का होता है असर : वेदवती दरियों ने बताया कि इस काउंसलिंग का अच्छा असर भी देखने को मिलता है. कई बार टूटते बिखरते परिवार बच जाते हैं. शिकायतकर्ता महिला भी समय-समय पर महिला थाना को अपने पति से संबंधित गतिविधियों की जानकारी देती है. इस तरह से कई घरों को टूटने से महिला थाना ने बचाया है.लेकिन कई मामलों में पति पत्नी साथ रहने को राजी नहीं होते हैं. तो ऐसे मामलों को कोर्ट भेज दिया जाता है. उसके बाद आगे का निर्णय कोर्ट करती है. हालांकि इसके पहले तीन बार से 6 बार तक इन लोगों की काउंसलिंग की जाती है. हमारा प्रयास होता है कि यह परिवार आपसी सहमति से साथ में रहने लगे.

क्या होता है बच्चों पर असर : ऐसे मामलों में बच्चों की कस्टडी को लेकर वेदवती ने बताया कि यदि बच्चा दूधमुंहा होता है तो वह अपने मां के साथ रहता है. हम उसे उसकी मां को सौंप देते हैं. उस बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं किया जाता है. हालांकि बड़े बच्चों के मामलों में कोर्ट के जरिए निर्णय लिया जाता है. लेकिन यह जरूर है कि पति-पत्नी और वो के चक्कर में बच्चे का भविष्य अंधकारमय हो जाता है.

क्या है कानून के जानकारों का कहना ?: एक्स्ट्रा मैरिटल मामलों को देखने वाले एडवोकेट आयुष जय सरकार का भी कहना है कि बिना तलाक दिए किसी और महिला के साथ यदि कोई पुरुष रहता है तो वह कानूनी अपराध है. इसमें सजा का भी प्रावधान है. ऐसे मामलों में पुरुष को 7 साल तक की सजा हो सकती है. कानूनी तौर पर आप एक ही पत्नी को रख सकते हैं. यदि आपका तलाक नहीं होता है , तब तक आप दूसरा विवाह नहीं कर सकते हैं.

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कोर्ट में कैसे चलता है मामला ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

कहां कर सकती है महिला शिकायत : एडवोकेट सरकार ने बताया कि यदि किसी महिला को ऐसी सूचना मिलती है कि उसका पति का किसी और के साथ अफेयर है. वह किसी और के साथ शादी कर रहे हैं, तो उसकी शिकायत महिला थाने में कर सकती है. महिला हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से भी इसकी शिकायत कर सकती है. इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होते हैं. जैसे फोटो हो या अन्य जानकारी भी शिकायत के दौरान साझा करनी होती है. यदि आपके आसपास महिला थाना नहीं है तो जो भी नजदीक में थाना होगा वहां भी इस मामले से संबंधित शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

''शुरुआती शिकायत के बाद कोशिश होती है कि है मामला थानों में ही आपसी समझौते से समाप्त हो जाए. जब आपसी राजामंदी नहीं होती है तो मामला कोर्ट जाता है.यदि मामला कोर्ट गया तो ज्यादातर लोग उसमें तलाक ही लेते हैं.साथ रहने की गुंजाइश नजर नहीं आती है. यदि कोई बिना पहली पत्नी को तलाक दिए, दूसरी शादी करता है तो उसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान भी है हालांकि अलग-अलग कंडीशन में यह सजा कम भी हो सकती है.'' आयुष जय सरकार, एडवोकेट

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में क्या हैं कानूनी प्रावधान (ETV Bharat Chhattisgarh)

राज्य महिला आयोग में आते हैं कई मामले : वहीं छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक का कहना है कि पति पत्नी वो को लेकर एक्स्ट्रा अफेयर के मामलों में अभी बढ़ोतरी हुई है.अधिकतर मामले निम्न एवं निम्न मध्यम वर्ग परिवारों में ज्यादा देखने को मिल रहा है.जहां पति अपनी पत्नी को छोड़कर दूसरी औरत के साथ रहता है, बाद में उसे भी छोड़ कर चला जाता है.कई मामलों में यह भी देखने को मिला है की पत्नी को छोड़कर पति जिस औरत के पास जाता है, वह औरत उसे छोड़कर दूसरे आदमी के साथ चली जाती है. इस तरह से परिवार में एक्स्ट्रा अफेयर को लेकर लगातार विवाद बढ़ता रहता है.बाद में मामला थाने से लेकर महिला आयोग आता है.

बच्चों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी : किरणमयी नायक ने कहा कि इस बीच दोनों ही परिवार के बच्चे सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. उनके सामने भविष्य की चिंता होती है. इन बच्चों को भविष्य में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि जब हमारे पास इस तरह के मामले आते हैं तो हमारी कोशिश होती है कि दोनों ही परिवार को समझाइए दी जाए. उनकी काउंसलिंग की जाए, इससे उन दोनों के बीच सुलह का रास्ता निकाल सके.इस बीच हमारे थोड़े से प्रयास से दो घर बस जाते हैं.


बच्चों के लिए क्या करता है आयोग : किरणमयी नायक ने कहा कि बच्चों की कस्टडी को लेकर भी तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाता है कि बच्चा कहां सुरक्षित रहेगा. उन बातों को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक व्यवस्था के तहत उसके माता या पिता को बच्चों की कस्टडी दी जाती है. किरणमयी नायक का कहना है कि यदि कोई बिना तलाक दिए दूसरे के साथ रहता है तो ऐसी स्थिति में उसे साबित करना काफी कठिन होता है.दूसरी शादी के संबंधित जानकारी देनी होती है. इसके अलावा भी कई तरह की अड़चने आती हैं.

महिलाओं के लिए कोर्ट जाना है कठिन : किरणमयी नायक की मानें तो महिलाओं को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने में दिक्कत होती है.साथ ही आर्थिक परेशानियों का सामना भी उसे करना पड़ता है. यही वजह है कि ज्यादातर मामलों में महिलाएं कोर्ट कचहरी से दूर ही रहती है और उनकी कोशिश होती है कि आपसी बातचीत से मामला सुलझ जाए, जिससे उन्हें भरण पोषण सहित किसी अन्य परेशानी का सामना ना करना पड़े. यदि महिला आयोग की बात की जाए. ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा रही है.यहां निशुल्क न्याय मिलता है, यही वजह है कि महिलाओं का विश्वास महिला आयोग पर ज्यादा बढ़ रहा है.

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मॉडर्न युग में बदले तौर तरीके : एक समय था जब शादी जन्म जन्मांतर और सात जन्मों का बंधन माना जाता था. लेकिन इन दिनों पति पत्नी और वो का चलन तेजी से बढ़ा है.आए दिन पति-पत्नी और वो, याने एक्स्ट्रा अफेयर के मामले देखने को मिल रहे हैं. महिला थाना हो या फिर महिला आयोग यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं की यही शिकायत होती है. इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ जाता है. मारपीट तक की नौबत आ जाती है. कई मामलों में तो देखा गया है कि पति अपनी पत्नी को बिना तलाक दिए, दूसरी महिला के साथ रहने भी लगता है. इन शिकायतों में न्याय की गुहार लगाने महिलाएं थाना और महिला आयोग पहुंचती है.

क्या है कानून में प्रावधान ?: महिला थाना प्रभारी वेदवती दरियों ने बताया कि महिला थाने में लगभग 100 मामलों में से 30 से 35 मामले पति पत्नी और वो यानी एक्स्ट्रा अफेयर के होते हैं. इसके बाद अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती है. देववती ने बताया कि यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं का यही कहना होता है कि उनके पति का किसी और औरत के साथ संबंध हैं. कुछ मामलों में पति इन औरतों के साथ ही रहते हैं. ऐसी शिकायतें भी महिला थाने को प्राप्त हो रही है. ऐसा मामले में सबसे पहले ये पता किया जाता है कि महिला सही बोल रही है या नहीं. उसके पति से संबंधित मोबाइल कॉल्स, व्हाट्सएप चैटिंग सहित अन्य जानकारी इकट्ठा की जाती है.

Legal help in extra marital affair
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''शिकायतकर्ता महिला और उसके पति को थाने बुलाया जाता है और काउंसलिंग की जाती है. उन्हें समझाने की कोशिश की जाती है, कि इस तरह से आपका परिवार टूट सकता है. जिसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा . ऐसे में आप अपनी पत्नी के साथ रहें और बाकी चीजों पर ध्यान ना दें. कई बार पुरुषों को हमारी ओर से समझाईश भी दी जाती है. इसके अलावा जिस महिला से उसका एक्स्ट्रा अफेयर होता है उसे भी बुलाकर समझाइश दी जाती है कि वह आदमी शादीशुदा है इससे दूर रहें, इससे दोनों घर बर्बाद नहीं होंगे.'' वेदवती दरियो,महिला थाना, रायपुर

काउंसलिंग का होता है असर : वेदवती दरियों ने बताया कि इस काउंसलिंग का अच्छा असर भी देखने को मिलता है. कई बार टूटते बिखरते परिवार बच जाते हैं. शिकायतकर्ता महिला भी समय-समय पर महिला थाना को अपने पति से संबंधित गतिविधियों की जानकारी देती है. इस तरह से कई घरों को टूटने से महिला थाना ने बचाया है.लेकिन कई मामलों में पति पत्नी साथ रहने को राजी नहीं होते हैं. तो ऐसे मामलों को कोर्ट भेज दिया जाता है. उसके बाद आगे का निर्णय कोर्ट करती है. हालांकि इसके पहले तीन बार से 6 बार तक इन लोगों की काउंसलिंग की जाती है. हमारा प्रयास होता है कि यह परिवार आपसी सहमति से साथ में रहने लगे.

क्या होता है बच्चों पर असर : ऐसे मामलों में बच्चों की कस्टडी को लेकर वेदवती ने बताया कि यदि बच्चा दूधमुंहा होता है तो वह अपने मां के साथ रहता है. हम उसे उसकी मां को सौंप देते हैं. उस बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं किया जाता है. हालांकि बड़े बच्चों के मामलों में कोर्ट के जरिए निर्णय लिया जाता है. लेकिन यह जरूर है कि पति-पत्नी और वो के चक्कर में बच्चे का भविष्य अंधकारमय हो जाता है.

क्या है कानून के जानकारों का कहना ?: एक्स्ट्रा मैरिटल मामलों को देखने वाले एडवोकेट आयुष जय सरकार का भी कहना है कि बिना तलाक दिए किसी और महिला के साथ यदि कोई पुरुष रहता है तो वह कानूनी अपराध है. इसमें सजा का भी प्रावधान है. ऐसे मामलों में पुरुष को 7 साल तक की सजा हो सकती है. कानूनी तौर पर आप एक ही पत्नी को रख सकते हैं. यदि आपका तलाक नहीं होता है , तब तक आप दूसरा विवाह नहीं कर सकते हैं.

Legal help in extra marital affair
कोर्ट में कैसे चलता है मामला ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

कहां कर सकती है महिला शिकायत : एडवोकेट सरकार ने बताया कि यदि किसी महिला को ऐसी सूचना मिलती है कि उसका पति का किसी और के साथ अफेयर है. वह किसी और के साथ शादी कर रहे हैं, तो उसकी शिकायत महिला थाने में कर सकती है. महिला हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से भी इसकी शिकायत कर सकती है. इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होते हैं. जैसे फोटो हो या अन्य जानकारी भी शिकायत के दौरान साझा करनी होती है. यदि आपके आसपास महिला थाना नहीं है तो जो भी नजदीक में थाना होगा वहां भी इस मामले से संबंधित शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

''शुरुआती शिकायत के बाद कोशिश होती है कि है मामला थानों में ही आपसी समझौते से समाप्त हो जाए. जब आपसी राजामंदी नहीं होती है तो मामला कोर्ट जाता है.यदि मामला कोर्ट गया तो ज्यादातर लोग उसमें तलाक ही लेते हैं.साथ रहने की गुंजाइश नजर नहीं आती है. यदि कोई बिना पहली पत्नी को तलाक दिए, दूसरी शादी करता है तो उसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान भी है हालांकि अलग-अलग कंडीशन में यह सजा कम भी हो सकती है.'' आयुष जय सरकार, एडवोकेट

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में क्या हैं कानूनी प्रावधान (ETV Bharat Chhattisgarh)

राज्य महिला आयोग में आते हैं कई मामले : वहीं छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक का कहना है कि पति पत्नी वो को लेकर एक्स्ट्रा अफेयर के मामलों में अभी बढ़ोतरी हुई है.अधिकतर मामले निम्न एवं निम्न मध्यम वर्ग परिवारों में ज्यादा देखने को मिल रहा है.जहां पति अपनी पत्नी को छोड़कर दूसरी औरत के साथ रहता है, बाद में उसे भी छोड़ कर चला जाता है.कई मामलों में यह भी देखने को मिला है की पत्नी को छोड़कर पति जिस औरत के पास जाता है, वह औरत उसे छोड़कर दूसरे आदमी के साथ चली जाती है. इस तरह से परिवार में एक्स्ट्रा अफेयर को लेकर लगातार विवाद बढ़ता रहता है.बाद में मामला थाने से लेकर महिला आयोग आता है.

बच्चों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी : किरणमयी नायक ने कहा कि इस बीच दोनों ही परिवार के बच्चे सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. उनके सामने भविष्य की चिंता होती है. इन बच्चों को भविष्य में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि जब हमारे पास इस तरह के मामले आते हैं तो हमारी कोशिश होती है कि दोनों ही परिवार को समझाइए दी जाए. उनकी काउंसलिंग की जाए, इससे उन दोनों के बीच सुलह का रास्ता निकाल सके.इस बीच हमारे थोड़े से प्रयास से दो घर बस जाते हैं.


बच्चों के लिए क्या करता है आयोग : किरणमयी नायक ने कहा कि बच्चों की कस्टडी को लेकर भी तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाता है कि बच्चा कहां सुरक्षित रहेगा. उन बातों को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक व्यवस्था के तहत उसके माता या पिता को बच्चों की कस्टडी दी जाती है. किरणमयी नायक का कहना है कि यदि कोई बिना तलाक दिए दूसरे के साथ रहता है तो ऐसी स्थिति में उसे साबित करना काफी कठिन होता है.दूसरी शादी के संबंधित जानकारी देनी होती है. इसके अलावा भी कई तरह की अड़चने आती हैं.

महिलाओं के लिए कोर्ट जाना है कठिन : किरणमयी नायक की मानें तो महिलाओं को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने में दिक्कत होती है.साथ ही आर्थिक परेशानियों का सामना भी उसे करना पड़ता है. यही वजह है कि ज्यादातर मामलों में महिलाएं कोर्ट कचहरी से दूर ही रहती है और उनकी कोशिश होती है कि आपसी बातचीत से मामला सुलझ जाए, जिससे उन्हें भरण पोषण सहित किसी अन्य परेशानी का सामना ना करना पड़े. यदि महिला आयोग की बात की जाए. ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा रही है.यहां निशुल्क न्याय मिलता है, यही वजह है कि महिलाओं का विश्वास महिला आयोग पर ज्यादा बढ़ रहा है.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 2:41 PM IST
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