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बिहार की लक्ष्मी ने रचा इतिहास, मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराने वाली बनी पहली भारतीय महिला - Laxmi Jha Mount Kinabalu

Bihar Laxmi Jha: बिहार के सहरसा की लक्ष्मी झा ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है. लक्ष्मी ने मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराया है. सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा फहराने वाली लक्ष्मी पहली भारतीय महिला हैं.

Laxmi Jha Mount Kinabalu
सहरसा की लक्ष्मी झा ने रचा इतिहास (सोशल मीडिया इंस्टाग्राम)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 12:51 PM IST

सहरसा: मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा लहरा कर पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने एकबार फिर न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि देश मे सहरसा का नाम भी रौशन किया है. दरअसल सहरसा जिले के वनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा लहराने के बाद अपना अनुभव साझा किया है.

सहरसा की लक्ष्मी झा ने रचा इतिहास: लक्ष्मी झा ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि चार जुलाई को दिल्ली से चेन्नई फिर चेन्नई से रात दस बजे फ्लाइट पकड़ कर सुबह पांच बजे मलेशिया एयरपोर्ट पहुंचे. फिर वहां से डोमेस्टिक फ्लाइट से कोटा किनाबालु पहुंचे. वहां दो दिनों के रेस्ट के बाद आठ जुलाई को सबमिट के लिए निकल पड़े. सुबह दस बजे से चढ़ाई स्टार्ट किया. शाम चार बजे बेस कैंप पहुंचे वहां से सुबह तीन बजे सबमिट के लिए निकल गए और छः बजकर 40 मिनट पर मेरा सबमिट पूरा हो गया.

लक्ष्मी झा ने माउंट किनाबालु पर फहराया तिरंगा: इस दौरान ढेर सारी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. मौसम खराब था बारिश हो रही थी. मेरे घुटनों में चोट भी आई है. बावजूद कठिनाई को झेलते हुए 4095 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट किनाबालु को फतह कर लिए हैं. उसने अपनी कामयाबी के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हीं के प्रोत्साहन और मदद के बदौलत आज मै मांउट किनाबालु जैसी लंबी चोटी को सबमिट करने में सफल हो सकी हूं.

मलेशिया का सबसे ऊंची पर्वत: माउंट किनाबालु बोर्नियो और मलेशिया का सबसे ऊंची पर्वत है जो 4,095 मीटर (13,435 फीट) की ऊंचाई के साथ, यह पृथ्वी पर एक द्वीप की तीसरी सबसे ऊंची चोटी , दक्षिण पूर्व एशिया की 28वीं सबसे ऊंची चोटी और दुनिया का 20वां सबसे प्रमुख पर्वत है. लक्ष्मी इंडिया की पहली बेटी है जिन्होंने इसे सबमिट कर सहरसा का नाम देश एवं प्रदेश में ऊंचा किया है.

Bihar Laxmi Jha
सहरसा की लक्ष्मी ने माउंट किनाबालु पर लहराया तिरंगा (सोशल मीडिया इंस्टाग्राम)

घोर अभावों के बीच लक्ष्मी ने किया कमाल: सहरसा के कहरा प्रखंड के वनगांव के एक साधारण परिवार की रहने वाली दिवंगत विनोद झा व सरिता देवी की पुत्री लक्ष्मी सुविधाओं के घोर अभाव के बीच अपने दम पर लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही हैं. इसके पूर्व नवंबर, 2022 में नौ दिनों में नेपाल स्थित काला पत्थर चोटी और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में तिरंगा लहराया था. फरवरी 2023 में 12 घंटे में 3901 मीटर की चढ़ाई कर उन्होंने उत्तराखंड स्थित केदारकंठा मंदिर के समीप पहुंचकर शंख फूंका और तिरंगा लहराया.

पहले भी कर चुकीं हैं नाम रोशन: इसके अलावे साउथ अफ्रीका के किलिमंजारों पर्वत की 19341 फीट ऊंची चोटी ,तुर्की की सबसे ऊंची (5137 मीटर) चोटी अरारत पर्वत की चढ़ाई कर विश्व मे भारत का नाम रौशन की है. सच मे अपनी लगन व मेहनत की बदौलत नित्य नई सफलता हासिल करने वाली पर्वतारोही लक्ष्मी झा के जज्बे को आज पूरा देश सलाम कर रहा है.

सहरसा: मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा लहरा कर पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने एकबार फिर न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि देश मे सहरसा का नाम भी रौशन किया है. दरअसल सहरसा जिले के वनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा लहराने के बाद अपना अनुभव साझा किया है.

सहरसा की लक्ष्मी झा ने रचा इतिहास: लक्ष्मी झा ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि चार जुलाई को दिल्ली से चेन्नई फिर चेन्नई से रात दस बजे फ्लाइट पकड़ कर सुबह पांच बजे मलेशिया एयरपोर्ट पहुंचे. फिर वहां से डोमेस्टिक फ्लाइट से कोटा किनाबालु पहुंचे. वहां दो दिनों के रेस्ट के बाद आठ जुलाई को सबमिट के लिए निकल पड़े. सुबह दस बजे से चढ़ाई स्टार्ट किया. शाम चार बजे बेस कैंप पहुंचे वहां से सुबह तीन बजे सबमिट के लिए निकल गए और छः बजकर 40 मिनट पर मेरा सबमिट पूरा हो गया.

लक्ष्मी झा ने माउंट किनाबालु पर फहराया तिरंगा: इस दौरान ढेर सारी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. मौसम खराब था बारिश हो रही थी. मेरे घुटनों में चोट भी आई है. बावजूद कठिनाई को झेलते हुए 4095 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट किनाबालु को फतह कर लिए हैं. उसने अपनी कामयाबी के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हीं के प्रोत्साहन और मदद के बदौलत आज मै मांउट किनाबालु जैसी लंबी चोटी को सबमिट करने में सफल हो सकी हूं.

मलेशिया का सबसे ऊंची पर्वत: माउंट किनाबालु बोर्नियो और मलेशिया का सबसे ऊंची पर्वत है जो 4,095 मीटर (13,435 फीट) की ऊंचाई के साथ, यह पृथ्वी पर एक द्वीप की तीसरी सबसे ऊंची चोटी , दक्षिण पूर्व एशिया की 28वीं सबसे ऊंची चोटी और दुनिया का 20वां सबसे प्रमुख पर्वत है. लक्ष्मी इंडिया की पहली बेटी है जिन्होंने इसे सबमिट कर सहरसा का नाम देश एवं प्रदेश में ऊंचा किया है.

Bihar Laxmi Jha
सहरसा की लक्ष्मी ने माउंट किनाबालु पर लहराया तिरंगा (सोशल मीडिया इंस्टाग्राम)

घोर अभावों के बीच लक्ष्मी ने किया कमाल: सहरसा के कहरा प्रखंड के वनगांव के एक साधारण परिवार की रहने वाली दिवंगत विनोद झा व सरिता देवी की पुत्री लक्ष्मी सुविधाओं के घोर अभाव के बीच अपने दम पर लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही हैं. इसके पूर्व नवंबर, 2022 में नौ दिनों में नेपाल स्थित काला पत्थर चोटी और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में तिरंगा लहराया था. फरवरी 2023 में 12 घंटे में 3901 मीटर की चढ़ाई कर उन्होंने उत्तराखंड स्थित केदारकंठा मंदिर के समीप पहुंचकर शंख फूंका और तिरंगा लहराया.

पहले भी कर चुकीं हैं नाम रोशन: इसके अलावे साउथ अफ्रीका के किलिमंजारों पर्वत की 19341 फीट ऊंची चोटी ,तुर्की की सबसे ऊंची (5137 मीटर) चोटी अरारत पर्वत की चढ़ाई कर विश्व मे भारत का नाम रौशन की है. सच मे अपनी लगन व मेहनत की बदौलत नित्य नई सफलता हासिल करने वाली पर्वतारोही लक्ष्मी झा के जज्बे को आज पूरा देश सलाम कर रहा है.

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