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अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में भूस्खलन, रास्ते में फंसे वाहन, सीएम पेमाक खांडू ने जताई चिंता - Landslide in Dibang Valley

Arunachal Pradesh Landslide: अरुणाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश कारण लोगों को जीवन अस्त-व्यस्त होगा है. इस बीच प्रशासन ने लोगों को रात में यात्रा न करने सलाह दी है.

Landslide
अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में भूस्खलन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 25, 2024, 6:16 PM IST

Updated : Apr 25, 2024, 6:34 PM IST

तेजपुर: अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी बुधवार को भारी भूस्खलन के कारण क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों से कट गई है. चीन के पास मौजूद घाटी में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जानकारी के मुताबिक भूस्खलन राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर हुनली और अनिनी शहरों के बीच हुआ है.

लगातार हो रही बारिश के कारण यहां लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बता दें कि राजमार्ग- 33 एकमात्र सड़क है, जो दिबांग घाटी को जिले और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है. इस रोड को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मार्च 2015 में तैयार किया था.

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में भूस्खलन

सीएम ने जताई चिंता: मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने स्थिति को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "हुनली और अनिनी के बीच राजमार्ग को हुई क्षति के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा हो रही है. इसको लेकर काफी परेशान हूं. जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि यह सड़क दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है."

यातायात हुआ प्रभावित: गौरतलब है कि इस सड़क के बंद होने से भारतीय सेना और सुरक्षा बलों का यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि रोइंग से मिपी को जोड़ने वाली सड़क भारत-चीन सीमा से सटी हुई है. भारतीय सेना के जवान इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं. यह सड़क पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

रास्ते में फंसे वाहन: भूस्खलन होने के कारण स्थानीय लोगों के लिए खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहन रुक गए हैं. वहीं पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले सीमा पर मयोदिया को जोड़ने वाली सड़क भी भारी भूस्खलन के कारण ब्लॉक हो गई थी, जिसे बुधवार को आवाजाही के लिए खोल दिया गया था.

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी: इस बीच प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से भूस्खलन क्षेत्रों और जल निकायों से दूर रहने और वहां मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों से बचने को कहा है. इसके अलावा प्रशासन ने लोगों को रात में यात्रा न करने और मानसून के मौसम के जमीन कटने की भी चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड की लैंसडाउन सैन्य छावनी तक पहुंची जंगल की आग, सेना ने संभाला मोर्चा, 12 घंटे में बुझाई वनाग्रि

तेजपुर: अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी बुधवार को भारी भूस्खलन के कारण क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों से कट गई है. चीन के पास मौजूद घाटी में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जानकारी के मुताबिक भूस्खलन राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर हुनली और अनिनी शहरों के बीच हुआ है.

लगातार हो रही बारिश के कारण यहां लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बता दें कि राजमार्ग- 33 एकमात्र सड़क है, जो दिबांग घाटी को जिले और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है. इस रोड को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मार्च 2015 में तैयार किया था.

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में भूस्खलन

सीएम ने जताई चिंता: मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने स्थिति को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "हुनली और अनिनी के बीच राजमार्ग को हुई क्षति के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा हो रही है. इसको लेकर काफी परेशान हूं. जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि यह सड़क दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है."

यातायात हुआ प्रभावित: गौरतलब है कि इस सड़क के बंद होने से भारतीय सेना और सुरक्षा बलों का यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि रोइंग से मिपी को जोड़ने वाली सड़क भारत-चीन सीमा से सटी हुई है. भारतीय सेना के जवान इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं. यह सड़क पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

रास्ते में फंसे वाहन: भूस्खलन होने के कारण स्थानीय लोगों के लिए खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहन रुक गए हैं. वहीं पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले सीमा पर मयोदिया को जोड़ने वाली सड़क भी भारी भूस्खलन के कारण ब्लॉक हो गई थी, जिसे बुधवार को आवाजाही के लिए खोल दिया गया था.

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी: इस बीच प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से भूस्खलन क्षेत्रों और जल निकायों से दूर रहने और वहां मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों से बचने को कहा है. इसके अलावा प्रशासन ने लोगों को रात में यात्रा न करने और मानसून के मौसम के जमीन कटने की भी चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड की लैंसडाउन सैन्य छावनी तक पहुंची जंगल की आग, सेना ने संभाला मोर्चा, 12 घंटे में बुझाई वनाग्रि

Last Updated : Apr 25, 2024, 6:34 PM IST
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