तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को खाड़ी देश में आग की घटना के बाद राहत प्रयासों का समन्वय करने के लिए कुवैत की यात्रा करने की राजनीतिक मंजूरी नहीं देने का मुद्दा उठाया.
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र (दिनांक 15 जून) में दावा किया है कि मंजूरी न देना 'सहकारी संघवाद के सिद्धांतों के विरुद्ध है' और उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे विदेश मंत्रालय को सलाह दें कि वह भविष्य में ऐसे अनुरोधों के प्रति 'अधिक संवेदनशील' रहें. विजयन ने पत्र में कहा है कि यह 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण' है कि राजनीतिक मंजूरी के अनुरोध पर विदेश मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और परिणामस्वरूप जॉर्ज कुवैत की यात्रा नहीं कर सके.
उन्होंने कहा, 'कुवैत में उनकी उपस्थिति से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री, अधिकारियों की टीम और दूतावास के साथ संपर्क बनाने में काफी मदद मिलती. इससे अप्रत्याशित त्रासदी से प्रभावित परिवारों को मानसिक राहत और आत्मविश्वास मिल सकता था. विजयन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में विवाद खड़ा करने का उनका इरादा नहीं था. हालांकि यदि राजनीतिक मंजूरी के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने की बात प्रधानमंत्री के ध्यान में नहीं लाई गई तो राज्य सरकार अपने कर्तव्य से चूक जाएगी.
उन्होंने कहा, 'राज्य मंत्रिमंडल के सामूहिक निर्णय की अवहेलना की गई है. 28 फरवरी, 2023 को कैबिनेट सचिवालय के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी.' विजयन ने पत्र में कहा, 'वर्तमान अनुरोध पूरी तरह से बाध्यकारी परिस्थितियों के दायरे में आता है और इस पर विचार न करना स्पष्ट रूप से सहकारी संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में राजनीतिक मंजूरी जारी करने में किसी भी प्रकार की राजनीतिक या अन्य बात को आड़े नहीं आना चाहिए तथा लिए गए निर्णय से ऐसा प्रतीत भी नहीं होना चाहिए कि उसमें कोई पूर्वाग्रह है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे विदेश मंत्रालय को भविष्य में ऐसे अनुरोधों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की सलाह दें, क्योंकि केंद्र और राज्यों के बीच सद्भावना स्वस्थ सहकारी संघवाद का वातावरण बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्धारक है.'