नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों की तैनाती करने की मांग की है. यह कदम संस्थान की एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद बढ़ते विरोध के मद्देनजर उठाया गया है.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को संबोधित गृह मंत्रालय के पत्र में स्थिति को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. इस तैनाती का उद्देश्य विरोध प्रदर्शनों में वृद्धि को संभालने और डॉक्टरों के लिए एक स्थिर वातावरण सुनिश्चित करने में स्थानीय कानून प्रवर्तन का समर्थन करना है.
#WATCH | West Bengal | RG Kar Medical College & Hospital rape-murder case | CBI officers investigating the case thoroughly checked the car of the former principal of RG Kar Medical College & Hospital, Sandip Ghosh. pic.twitter.com/yfoZ1ihVpb
— ANI (@ANI) August 21, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
यह कदम मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपने के निर्देश के एक दिन बाद उठाया गया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वहां लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब पश्चिम बंगाल में उग्र आंदोलन चल रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न शिकायतें की हैं.
सीआईएसएफ के हस्तक्षेप से सुरक्षा प्रयासों को मजबूती मिलने और सार्वजनिक शांति के लिए किसी भी संभावित खतरे को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ कर्मियों को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के साथ-साथ कोलकाता के छात्रावास में भी तैनात किया जाएगा.
डॉक्टरों ने सीबीआई से त्वरित जांच की मांग की
इस बीच मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की कार की गहन जांच की. वहीं, पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली डॉक्टरों के विरोध रैली में शामिल नहीं होंगे. उनके अपनी पत्नी के साथ रैली में शामिल होने की खबर थी.
इससे पहले जब पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को मामले का विरोध करने के लिए एक रैली निकाली और अपने कार्यस्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की. साथ ही डॉक्टरों ने सीबीआई से त्वरित जांच की मांग की.