कोच्चि: एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस मामले में आरोपी को मामले में दोषी पाया. कोच्चि एनआईए कोर्ट में कल सजा से पहले सुनवाई होगी. मामले में कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 38 और 39 के अलावा आईपीसी के तहत साजिश का आरोप बरकरार रहेगा. हालांकि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ आरोपों को देखते हुए अधिकतम सजा की मांग की है. वहीं बचाव पक्ष ने कोर्ट से सजा कम किए जाने की मांग करते हुए कहा कि वह पहले ही पांच साल जेल में बिता चुका है. बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि रियाज अबूबकर आरोपियों की शह पर आईएसआईएस से जुड़ा था, जो पहले माफ गिए गए गवाह थे.
बताया जाता है कि आरोपी अफगानिस्तान गया और केरल में आत्मघाती बम हमलों की योजना बनाने के लिए आतंकवादियों से जुड़ गया. आरोपियों का लक्ष्य नए साल के जश्न के दौरान आत्मघाती हमला करने का था. वहीं जांच एजेंसी ने पाया कि आरोपी ने इस काम के लिए कई लोगों से संपर्क साधा था. इस मामले का एकमात्र आरोपी रियाज को 2019 में आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए विस्फोटक सामग्री एकत्र करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए ने कहा कि रियाज ने अब्दुल रशीद अब्दुल्ला के निर्देश पर विस्फोटों की योजना बनाई थी, जो केरल से अफगानिस्तान गया और आईएसआईएस में शामिल हो गया. इतना ही नहीं एनआईए को आरोप के फोन से अब्दुल रशीद के फोन मैसेज और ऑडियो क्लिप मिली थी. कोल्लम के मुहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी को आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में ये ममले में गवाह बन गए. आरोपी पर यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत भी आरोप लगाए गए.
हालांकि मामले में 31 जनवरी को कोच्चि एनआईए कोर्ट में अंतिम बहस पूरी हो गई. एनआईए का आरोप है कि कोल्लम के रियाज और उसके सह आरोपी मोहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी ने केरल में आत्मघाती हमले की योजना बनाई ती और इसके लिए उन्होंने लुलु मॉल और मरीन ड्राइव के पास साजिश रची थी. एनआईए ने आरोपियों की सीडीआर, टावर लोकेशन, सोशल मीडिया एक्सट्रैक्शन जैसे डिजिटल सबूत भी कोर्ट में पेश किए. प्रतिवादी के फोन से अब्दुल रशीद अब्दुल्ला की कई वॉयस क्लिप, आईएसआईएस की तस्वीरें और वीडियो और कई आईएसआईएस दस्तावेज सबूत के तौर पर अदालत में पेश किए गए.
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