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बीजापुर में दहशत के ढाई दिन जानिए कैसे बीते - Bijapur Naxal encounter

बीजापुर के गंगालूर में हुई मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए. इस बड़ी सफलता को हासिल करने में जवानों की टीम ने एड़ी चोटी का जोर लगाया. दस घंटे तक जवान बिना खाए पीए गोलियों की बौछार के बीच डटे रहे. 13 नक्सलियों के मारे जाने के बाद से इलाके में ढाई दिन बाद भी दहशत का सन्नाटा इलाके में पसरा है. गांव के लोग इलाका छोड़कर अब पहाड़ियों की शरण में चल गए हैं. गांव के लोग सामने आकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

BIJAPUR NAXAL ENCOUNTER
बीजापुर में दहशत के ढाई दिन जानिए कैसे बीते
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 5, 2024, 7:28 PM IST

Updated : Apr 5, 2024, 9:28 PM IST

बीजापुर में दहशत के ढाई दिन जानिए कैसे बीते

बीजापुर: गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में 2 अप्रैल को नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में 13 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. दहशत के चलते इलाके के ग्रामीण गांव छोड़कर दूसरे इलाकों में जा रहे हैं. गांव वालों में खौफ है कि कहीं वो नक्सलियों की चपेट में नहीं आ जाएं.

दहशत के ढाई दिन: नक्सली मुठभेड़ को हुए ढाई दिन का वक्त बीत चुका है. दो दिन से ज्यादा का वक्त निकल जाने के बाद भी इलाके में मौत का सन्नाटा पसरा है. गांव के लोग अभी दहशत में हैं. कई गांव वाले तो इलाका छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. एनकाउंटर के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है. प्रशासन के मुताबिक 2 अप्रैल को हुआ एनकाउंटर 10 घंटे तक चला. कोरचोली और लेंड्रा के जंगलों में लगातार 10 घंटे तक दोनों ओर से गोलियों की बौछार होती रही. जवानों ने दस घंटे के मुठभेड़ में 13 माओवादियों को ढेर कर दिया.

निर्दोष ग्रामीण की हुई मौत: मुठभेड़ के दौरान गांव का एक ग्रामीण महुआ चुनने के लिए जंगल में गया था. जब दोनों ओर से गोलियां चलने लगी तो वो पेड़ पर चढ़ गया. कई घटों तक वो दहशत में पेड़ पर ही भूखे प्यासे बैठा रहा. अंत में पेड़ से गिरकर ग्रामीण की मौत.

मुठभेड़ वाली जगह पर बिखरे हैं कारतूस के खोखे: जिस जगह पर मुठभेड़ हुआ वहां पर भारी मात्रा में कारतूस के खोखे बिखरे पड़े हैं. पेड़ों पर गोलियों के सैंकड़ों निशान बने हैं. आस पास जो सोलर प्लेट लगे थे वो भी गोलियों की बौछार से छलनी हो गए हैं. घटनास्थल से गोला बारूद का जखीरा तो बरामद हुआ ही, साथ ही इंसास राइफल और एलएमजी सहित AK 47 जैसे घातक वेपन भी मिले. बैरल गन के खाली कारतूस भी मौके से मिले हैं.

अबतक 11 की हुई पहचान: जवानों ने एनकाउंटर में 13 नक्सलियों को ढेर किया. मारे गए 13 नक्सलियों में से 11 माओवादियों की पहचान हो चुकी है. जिन नक्सलियों की पहचान हुई है वो सभी हार्डकोर माओवादी थे. बीजापुर और बस्तर में लंबे वक्त से सक्रिय थे. मारे गए नक्सलियों के खिलाफ कई मामले भी दर्ज थे.

जवानों की संयुक्त टीम थी एनकाउंटर में शामिल: 2 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ, डीआरजी, कोबरा बटालियन, बस्तर फाइटर्स, सीएएफ के जवान शामिल थे. नक्सल विरोधी अभियान के दौरान जवानों को सूचना मिली की खूखार नक्सली पापा राव की टीम इलाके में मौजूद है. जवानों ने सूचना मिलते है इलाके को घेर लिया. चंद मिनटों में ही कोरचोली और लेंड्रा का जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. दस घंटे बाद जब गोलीबारी खत्म हुई तो मौके से 13 नक्सलियों के शव बरामद हुए.

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बीजापुर: गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में 2 अप्रैल को नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में 13 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. दहशत के चलते इलाके के ग्रामीण गांव छोड़कर दूसरे इलाकों में जा रहे हैं. गांव वालों में खौफ है कि कहीं वो नक्सलियों की चपेट में नहीं आ जाएं.

दहशत के ढाई दिन: नक्सली मुठभेड़ को हुए ढाई दिन का वक्त बीत चुका है. दो दिन से ज्यादा का वक्त निकल जाने के बाद भी इलाके में मौत का सन्नाटा पसरा है. गांव के लोग अभी दहशत में हैं. कई गांव वाले तो इलाका छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. एनकाउंटर के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है. प्रशासन के मुताबिक 2 अप्रैल को हुआ एनकाउंटर 10 घंटे तक चला. कोरचोली और लेंड्रा के जंगलों में लगातार 10 घंटे तक दोनों ओर से गोलियों की बौछार होती रही. जवानों ने दस घंटे के मुठभेड़ में 13 माओवादियों को ढेर कर दिया.

निर्दोष ग्रामीण की हुई मौत: मुठभेड़ के दौरान गांव का एक ग्रामीण महुआ चुनने के लिए जंगल में गया था. जब दोनों ओर से गोलियां चलने लगी तो वो पेड़ पर चढ़ गया. कई घटों तक वो दहशत में पेड़ पर ही भूखे प्यासे बैठा रहा. अंत में पेड़ से गिरकर ग्रामीण की मौत.

मुठभेड़ वाली जगह पर बिखरे हैं कारतूस के खोखे: जिस जगह पर मुठभेड़ हुआ वहां पर भारी मात्रा में कारतूस के खोखे बिखरे पड़े हैं. पेड़ों पर गोलियों के सैंकड़ों निशान बने हैं. आस पास जो सोलर प्लेट लगे थे वो भी गोलियों की बौछार से छलनी हो गए हैं. घटनास्थल से गोला बारूद का जखीरा तो बरामद हुआ ही, साथ ही इंसास राइफल और एलएमजी सहित AK 47 जैसे घातक वेपन भी मिले. बैरल गन के खाली कारतूस भी मौके से मिले हैं.

अबतक 11 की हुई पहचान: जवानों ने एनकाउंटर में 13 नक्सलियों को ढेर किया. मारे गए 13 नक्सलियों में से 11 माओवादियों की पहचान हो चुकी है. जिन नक्सलियों की पहचान हुई है वो सभी हार्डकोर माओवादी थे. बीजापुर और बस्तर में लंबे वक्त से सक्रिय थे. मारे गए नक्सलियों के खिलाफ कई मामले भी दर्ज थे.

जवानों की संयुक्त टीम थी एनकाउंटर में शामिल: 2 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ, डीआरजी, कोबरा बटालियन, बस्तर फाइटर्स, सीएएफ के जवान शामिल थे. नक्सल विरोधी अभियान के दौरान जवानों को सूचना मिली की खूखार नक्सली पापा राव की टीम इलाके में मौजूद है. जवानों ने सूचना मिलते है इलाके को घेर लिया. चंद मिनटों में ही कोरचोली और लेंड्रा का जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. दस घंटे बाद जब गोलीबारी खत्म हुई तो मौके से 13 नक्सलियों के शव बरामद हुए.

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Last Updated : Apr 5, 2024, 9:28 PM IST
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