नई दिल्ली: तिहाड़ जेल इन दिनों चर्चा में है. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया. उन्हें किस नंबर की जेल में रखा जाएगा, यह तय करने में समय लगा. ऐसे में, सवाल उठता है कि आखिर कैसे निर्धारित होता है कि किसे किस नंबर की जेल में रखा जाए. इस बारे में तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर और लॉ ऑफिसर सुनील गुप्ता ने जानकारी दी. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कुछ बताया.
कैदी जिस तरह की प्रकृति का होता है, उसी के मुताबिक उसे जेल में रखने के लिए व्यवस्था तय की जाती है. यह सारा काम जेल महानिदेशक के स्तर पर होता है. अगर कैदी इस श्रेणी का है कि उसको हाई सिक्योरिटी की जरूरत है तो कैदी को इस तरह की जेल में रखा जाता है जो सीसीटीवी कैमरों से लैस हो. जहां पूरी तरह से उस कैदी पर नजर रखी जा सके. साथ ही उसकी सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक ना हो पाए. सुनील गुप्ता, पूर्व जेलर, तिहाड़ जेल
सुनील गुप्ता ने यह भी बताया कि तिहाड़ की एक जेल में 100 कमरे या सेल हैं. उनमें अलग-अलग सेल में कैदियों को रखा जाता है. केजरीवाल से कुछ दूरी पर जेल नंबर 7 या 8 में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन भी बंद है. छोटा राजन भी उच्च सुरक्षा वाला कैदी है. इसलिए उसको भी पहले से उसी जगह रखा गया है जो जेल सीसीटीवी कैमरा से पूरी तरह लैस है. जहां हर तरह से निगरानी रखी जा सकती है.
इन बातों का रखा जाता है ध्यान
- कैदी की प्रकृति
- कैदी का स्वास्थ्य
- कैदी की सुरक्षा
- कैदी महिला है या पुरुष
- कैदी की सजा के साल
ये हैं नियम
सुनील गुप्ता ने यह भी बताया कि कैदी की स्थिति या बीमारी के अनुसार कई बार जेल में घर के खाने की भी अनुमति दे दी जाती है. इसी तरह केजरीवाल भी शुगर के मरीज हैं, इसलिए उनके लिए भी घर का खाना अलाउ किया गया है. उन्होंने बताया कि जेल में नाश्ते, खाने और रात के खाने का और सभी तरह की गतिविधियों का समय पहले से निर्धारित होता है. सभी कैदी अपनी गतिविधियों को पूरा करते हैं. कैदियों के अपने सेल से बाहर आने और सेल के अंदर जाने का भी समय तय होता है. कैदियों को खाने के समय ही सेल से बाहर आने की अनुमति दी जाती है. खाने का समय समाप्त होने के बाद वह वापस अपनी सेल में चले जाते हैं.
ऐसी है तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी जेल है, बल्कि इसकी गिनती दुनिया की बड़ी जेलों में की जाती है. इसे साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेल माना जाता है. यह कई हिस्सों में बंटी है. यह करीब 400 एकड़ एरिया में फैली है. इससे पेपर मेकिंग, टेलरिंग, पोट्री, शू मेकिंग और बेकिंग जैसे बिजनेस भी चल रहे हैं. तिहाड़ की कुल 16 जेल हैं. तिहाड़ में 9 जेल हैं. तिहाड़ के अधीन आने वाली रोहिणी में एक जेल है. इसी तरह तिहाड़ के अधीन आने वाली मंडोली में 6 जेल हैं. इनमें दो महिला जेल हैं. जेल नंबर- 6 तिहाड़ में है. जेल नंबर- 16 मंडोली में है. सारे कैदियों का मेडिकल जेल में ही होता है. 24*7 मेडिकल सुविधा उपलब्ध है. दो मुख्य अस्पताल तिहाड़ जेल में ही मौजूद हैं. कैदियों का बंटवारा उनके नाम, जेंडर, क्राइम और सजा के आधार पर किया गया है.
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