ETV Bharat / bharat

शिक्षक दिवस: गुरु 'बरगद बाबा' बच्चों की तरह रखते हैं पौधों का ख्याल, जरा सी खरोंच आने पर निकल जाते हैं आंखों से आंसू - Hazaribag teacher Manoj Kumar

Teachers Day Special. आज पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहा है. इस मौके पर कई ऐसे शिक्षकों की चर्चा की जाती है, जो अपनी कुशलता और दूरदर्शी सोच से लोगों को शिक्षित करने के साथ-साथ नई दिशा भी देते हैं. आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक से मिलाते हैं, जिन्हें लोग पौधे वाले गुरुजी बरगद बाबा के नाम से जानते हैं.

bargad-baba-who-inspired-people-to-plant-saplings-in-hazaribag
डिजाइन इमेज (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2024, 12:08 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 12:19 PM IST

हजारीबाग: कहीं सड़क किनारे अगर आपको यह श्लोक माता: भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: पर्जन्य: पिता स उ न:पिपर्तु- अर्थात धरती हमारी माता है, प्रजन्य मेघ हमारे पिता हैं और ये दोनों मिलकर हम सब की रक्षा करते हैं. यह कहते हुए किसी को आप देखेंगे तो हैरान न हो जाएं. कहीं पूजा नहीं हो रही है बल्कि हजारीबाग के बरगद बाबा वहां आसपास अवश्य होंगे जो पौधारोपण कर रहे होंगे. साथ ही साथ आपको 'वृक्ष रोपे न्यारे-न्यारे नगरी-नगरी द्वारे द्वारे वृक्षों का सुंदर संसार मांग रहा मानव का प्यार' भी सुनने को मिलेगा. शिक्षक दिवस के अवसर पर आज ईटीवी भारत आपको 'पौधे वाले गुरु बरगद बाबा' से मिलवाने जा रहा है.

शिक्षक मनोज कुमार से बातचीत करते संवाददाता (ETV BHARAT)

पौधे वाले गुरुजी की अनोखी मुहिम

समाज को सही रास्ता दिखाने वाले शिक्षक ही होते हैं. जिसके दिखाए हुए पथ पर चलने से मंजिल भी प्राप्त होती है. शिक्षक जो विद्यालय या फिर अन्य शिक्षण संस्थान में शिक्षा देते हैं उन्हें हम गुरू का दर्जा देते हैं. आज ईटीवी भारत एक ऐसे गुरु से आपको मिलवाने जा रहा है जो कॉलेज में बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ समाज में लोगों को पौधा लगाने के लिए भी प्रेरित करते हैं. जिसे पूरे हजारीबाग समेत झारखंड में बरगद बाबा या फिर पौधे वाले शिक्षक के नाम से लोग जानते हैं.

हम बात कर रहे हैं मनोज कुमार की. मनोज कुमार एक ऐसे गुरु हैं, जिनकी पढ़ाए हुए विद्यार्थी ऊंचे आज मुकाम पर पहुंचे हुए हैं. राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सहायक शिक्षक पद से सेवानिवृत मनोज कुमार पेड़ बचाने को लेकर एक अनोखा मुहिम चला रहे हैं. इस मुहिम में उन्होंने प्रशिक्षण महाविद्यालय के 200 से अधिक बच्चों को जोड़ा है और आज उनके द्वारा दिखाए हुए राह पर चलकर बच्चे प्रकृति सेवा में लगे हुए हैं.

पौधों से बच्चों की तरह लगाव

मनोज कुमार ने 6000 से अधिक पौधा लगाया है. उनकी सेवा की है. यही कारण है कि सभी 6000 पौधे आज जीवित हैं और लहलहा रहे हैं. लोग उन्हें प्यार से अब 'बरगद बाबा' बुलाते हैं. वे पिछले कुछ सालों से धरती को हरी-भरी करने में जुटे हैं. जिनमें पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देने वाले पीपल, पाकड़, बरगद आदि जैसे पेड़ को वो प्राथमिकता देते हैं. उनके इस अभियान में नेत्रहीन लोग भी जुट रहे हैं. उनका कहना है कि पौधों को सिर्फ लगाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उन्हें बचाना भी महत्वपूर्ण है.

मनोज कुमार कुछ इस तरह से पौधे के साथ जुड़े हुए हैं कि आप भी हैरान हो जाएंगे. कभी-कभी उन्हें पौधों से बात करते हुए भी लोगों ने देखा है. जिसे देखकर लोग हंसते भी हैं. अगर उनके पौधों की कोई टहनी तोड़ दे तो वह रोने लगते हैं. देखा जाए तो उन्होंने वृक्षों को अपना परिवार बना लिया है. उन्हें जंगल, नदी, तालाब के किनारे अकेले भी घूमते-फिरते देखा जाता है. गर्मी के दिनों में अपने गाड़ी में सैकड़ो बोतल पानी रखते हैं ताकि जहां भी मुरझाया हुआ पौधा मिले, उस पर पानी डाल सकें. इतना ही नहीं अपने वेतन को खर्च इसी पेड़-पौधों की रक्षा में करते हैं.

पौधारोपण के साथ रक्षा करने का संकल्प

मनोज कुमार बी. एड. कॉलेज में नामांकन कराने वाले छात्रों को एक पौधा भी अपने घर या आसपास लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. साथ ही उनसे शपथ लेते हैं कि वह उस पौधे की रक्षा करेंगे. ऐसे में उनके कार्यकाल के दौरान न जाने कितने छात्रों ने पौधा अपने घरों और आसपास में लगाया है. बी.एड. कॉलेज के पिछले हिस्से में फलदार वृक्ष भी देखे जा सकते हैं. मनोज कुमार ने जन्मदिन, शादी की सालगिरह और किसी की मृत्यु की याद में भी पौधे लगाने की परंपरा शुरू की है. यही कारण है कि आज उन्हें लोग पौधे वाले शिक्षक के नाम से भी जानते हैं.

शिक्षक मनोज कुमार अपने इस मुहिम से लोगों को ससम्मान जोड़ते हैं. इच्छुक व्यक्ति को आमंत्रित कर झील, नदी, नाले, मैदान या सड़क किनारे उनसे पौधारोपण करवाते हैं और उसकी रक्षा के लिए उससे संकल्प लेने की अपील करते हैं. पौधारोपण के दौरान वह शंख ध्वनि के साथ वह मंत्र- माता: भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: पर्जन्य: पिता स उ न:पिपर्तु- का जोर-जोर से उच्चारण करते हैं. फिर उसका अर्थ भी बताते हैं- धरती हमारी माता है, प्रजन्य मेघ हमारे पिता हैं और ये दोनों मिलकर हम सबकी रक्षा करते हैं. साथ ही यह भी नारा लगाते हैं- वृक्ष रोपे न्यारे न्यारे नगरी-नगरी द्वारे द्वारे वृक्षों का सुंदर संसार मांग रहा मानव का प्यार.

ये भी पढ़ें: पारा शिक्षकों को मिलेगी बड़ी सौगात, ईपीएफ के साथ अनुकंपा के आधार पर नौकरी सहित कई सुविधा देने पर बनी सहमति

ये भी पढ़ें: इस मानसून को बनाएं यादगार, हर घर में लगाएं एक पौधा, एसपी ने भी बालक पौधरोपण अभियान में लिया हिस्सा

हजारीबाग: कहीं सड़क किनारे अगर आपको यह श्लोक माता: भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: पर्जन्य: पिता स उ न:पिपर्तु- अर्थात धरती हमारी माता है, प्रजन्य मेघ हमारे पिता हैं और ये दोनों मिलकर हम सब की रक्षा करते हैं. यह कहते हुए किसी को आप देखेंगे तो हैरान न हो जाएं. कहीं पूजा नहीं हो रही है बल्कि हजारीबाग के बरगद बाबा वहां आसपास अवश्य होंगे जो पौधारोपण कर रहे होंगे. साथ ही साथ आपको 'वृक्ष रोपे न्यारे-न्यारे नगरी-नगरी द्वारे द्वारे वृक्षों का सुंदर संसार मांग रहा मानव का प्यार' भी सुनने को मिलेगा. शिक्षक दिवस के अवसर पर आज ईटीवी भारत आपको 'पौधे वाले गुरु बरगद बाबा' से मिलवाने जा रहा है.

शिक्षक मनोज कुमार से बातचीत करते संवाददाता (ETV BHARAT)

पौधे वाले गुरुजी की अनोखी मुहिम

समाज को सही रास्ता दिखाने वाले शिक्षक ही होते हैं. जिसके दिखाए हुए पथ पर चलने से मंजिल भी प्राप्त होती है. शिक्षक जो विद्यालय या फिर अन्य शिक्षण संस्थान में शिक्षा देते हैं उन्हें हम गुरू का दर्जा देते हैं. आज ईटीवी भारत एक ऐसे गुरु से आपको मिलवाने जा रहा है जो कॉलेज में बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ समाज में लोगों को पौधा लगाने के लिए भी प्रेरित करते हैं. जिसे पूरे हजारीबाग समेत झारखंड में बरगद बाबा या फिर पौधे वाले शिक्षक के नाम से लोग जानते हैं.

हम बात कर रहे हैं मनोज कुमार की. मनोज कुमार एक ऐसे गुरु हैं, जिनकी पढ़ाए हुए विद्यार्थी ऊंचे आज मुकाम पर पहुंचे हुए हैं. राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सहायक शिक्षक पद से सेवानिवृत मनोज कुमार पेड़ बचाने को लेकर एक अनोखा मुहिम चला रहे हैं. इस मुहिम में उन्होंने प्रशिक्षण महाविद्यालय के 200 से अधिक बच्चों को जोड़ा है और आज उनके द्वारा दिखाए हुए राह पर चलकर बच्चे प्रकृति सेवा में लगे हुए हैं.

पौधों से बच्चों की तरह लगाव

मनोज कुमार ने 6000 से अधिक पौधा लगाया है. उनकी सेवा की है. यही कारण है कि सभी 6000 पौधे आज जीवित हैं और लहलहा रहे हैं. लोग उन्हें प्यार से अब 'बरगद बाबा' बुलाते हैं. वे पिछले कुछ सालों से धरती को हरी-भरी करने में जुटे हैं. जिनमें पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देने वाले पीपल, पाकड़, बरगद आदि जैसे पेड़ को वो प्राथमिकता देते हैं. उनके इस अभियान में नेत्रहीन लोग भी जुट रहे हैं. उनका कहना है कि पौधों को सिर्फ लगाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उन्हें बचाना भी महत्वपूर्ण है.

मनोज कुमार कुछ इस तरह से पौधे के साथ जुड़े हुए हैं कि आप भी हैरान हो जाएंगे. कभी-कभी उन्हें पौधों से बात करते हुए भी लोगों ने देखा है. जिसे देखकर लोग हंसते भी हैं. अगर उनके पौधों की कोई टहनी तोड़ दे तो वह रोने लगते हैं. देखा जाए तो उन्होंने वृक्षों को अपना परिवार बना लिया है. उन्हें जंगल, नदी, तालाब के किनारे अकेले भी घूमते-फिरते देखा जाता है. गर्मी के दिनों में अपने गाड़ी में सैकड़ो बोतल पानी रखते हैं ताकि जहां भी मुरझाया हुआ पौधा मिले, उस पर पानी डाल सकें. इतना ही नहीं अपने वेतन को खर्च इसी पेड़-पौधों की रक्षा में करते हैं.

पौधारोपण के साथ रक्षा करने का संकल्प

मनोज कुमार बी. एड. कॉलेज में नामांकन कराने वाले छात्रों को एक पौधा भी अपने घर या आसपास लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. साथ ही उनसे शपथ लेते हैं कि वह उस पौधे की रक्षा करेंगे. ऐसे में उनके कार्यकाल के दौरान न जाने कितने छात्रों ने पौधा अपने घरों और आसपास में लगाया है. बी.एड. कॉलेज के पिछले हिस्से में फलदार वृक्ष भी देखे जा सकते हैं. मनोज कुमार ने जन्मदिन, शादी की सालगिरह और किसी की मृत्यु की याद में भी पौधे लगाने की परंपरा शुरू की है. यही कारण है कि आज उन्हें लोग पौधे वाले शिक्षक के नाम से भी जानते हैं.

शिक्षक मनोज कुमार अपने इस मुहिम से लोगों को ससम्मान जोड़ते हैं. इच्छुक व्यक्ति को आमंत्रित कर झील, नदी, नाले, मैदान या सड़क किनारे उनसे पौधारोपण करवाते हैं और उसकी रक्षा के लिए उससे संकल्प लेने की अपील करते हैं. पौधारोपण के दौरान वह शंख ध्वनि के साथ वह मंत्र- माता: भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: पर्जन्य: पिता स उ न:पिपर्तु- का जोर-जोर से उच्चारण करते हैं. फिर उसका अर्थ भी बताते हैं- धरती हमारी माता है, प्रजन्य मेघ हमारे पिता हैं और ये दोनों मिलकर हम सबकी रक्षा करते हैं. साथ ही यह भी नारा लगाते हैं- वृक्ष रोपे न्यारे न्यारे नगरी-नगरी द्वारे द्वारे वृक्षों का सुंदर संसार मांग रहा मानव का प्यार.

ये भी पढ़ें: पारा शिक्षकों को मिलेगी बड़ी सौगात, ईपीएफ के साथ अनुकंपा के आधार पर नौकरी सहित कई सुविधा देने पर बनी सहमति

ये भी पढ़ें: इस मानसून को बनाएं यादगार, हर घर में लगाएं एक पौधा, एसपी ने भी बालक पौधरोपण अभियान में लिया हिस्सा

Last Updated : Sep 5, 2024, 12:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.