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रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन भेजे गए केरल के दो लोग, रिहाई के लिए परिजनों ने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से साधा संपर्क

रूस में विकट परिस्थितियों में फंसे त्रिशूर के दो मूल निवासियों जैन और बिनिल के मामले में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने हस्तक्षेप किया है.

Suresh Gopi was quick to act upon receiving Jain and Binil's families' appeal
जैन और बिनिल के परिवारों की अपील मिलने पर सुरेश गोपी ने तुरंत कार्रवाई की (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रूस में विकट परिस्थितियों में फंसे त्रिशूर के दो मूल निवासियों जैन और बिनिल के मामले में हस्तक्षेप किया है. दोनों व्यक्तियों के परिवारों ने इस बारे में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से संपर्क किया, जब उन्हें पता चला कि उनके प्रियजनों को एजेंटों द्वारा नौकरी के बहाने रूस ले जाया गया था, लेकिन उन्हें युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया.

परिवार की शिकायत मिलने पर सुरेश गोपी ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया है और एक पत्र भेजकर रूसी सैन्य सहायता सेवा में कार्यरत फंसे हुए लोगों की रिहाई के लिए तत्काल सहायता का अनुरोध किया है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में दूतावास से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.

आईटीआई मैकेनिकल डिप्लोमा धारक दोनों व्यक्ति 4 अप्रैल को इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर के रूप में काम करने के लिए रूस गए थे. हालांकि, आने के क्रम में उनके भारतीय पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और बाद में उन्हें युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया.

बिनिल की पत्नी जोसी ने बताया कि उन लोगों को उनके काम के लिए 2 लाख रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है. अपनी कठिनाई के बाद भी वे घर कोई पैसा नहीं भेज पाए हैं, जिससे उनके परिवारों की चिंताएं और बढ़ गई हैं.चिंतित परिवार के सदस्य अब जैन और बिनिल की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने सुरेश गोपी के हस्तक्षेप के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा आशा व्यक्त की कि इस संबंध में सफलता प्राप्त होगी.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर: रूस-यूक्रेन युद्ध में घायल युवक घर पहुंचा, पीएम मोदी को धन्यवाद दिया

तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रूस में विकट परिस्थितियों में फंसे त्रिशूर के दो मूल निवासियों जैन और बिनिल के मामले में हस्तक्षेप किया है. दोनों व्यक्तियों के परिवारों ने इस बारे में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से संपर्क किया, जब उन्हें पता चला कि उनके प्रियजनों को एजेंटों द्वारा नौकरी के बहाने रूस ले जाया गया था, लेकिन उन्हें युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया.

परिवार की शिकायत मिलने पर सुरेश गोपी ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया है और एक पत्र भेजकर रूसी सैन्य सहायता सेवा में कार्यरत फंसे हुए लोगों की रिहाई के लिए तत्काल सहायता का अनुरोध किया है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में दूतावास से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.

आईटीआई मैकेनिकल डिप्लोमा धारक दोनों व्यक्ति 4 अप्रैल को इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर के रूप में काम करने के लिए रूस गए थे. हालांकि, आने के क्रम में उनके भारतीय पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और बाद में उन्हें युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया.

बिनिल की पत्नी जोसी ने बताया कि उन लोगों को उनके काम के लिए 2 लाख रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है. अपनी कठिनाई के बाद भी वे घर कोई पैसा नहीं भेज पाए हैं, जिससे उनके परिवारों की चिंताएं और बढ़ गई हैं.चिंतित परिवार के सदस्य अब जैन और बिनिल की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने सुरेश गोपी के हस्तक्षेप के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा आशा व्यक्त की कि इस संबंध में सफलता प्राप्त होगी.

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