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केरल लैंडस्लाइड हादसा : पीड़ितों से मिलने के बाद बोले राहुल-आज वैसा ही महसूस हो रहा जैसा पिता की मृत्यु पर हुआ - Wayanad Landslide - WAYANAD LANDSLIDE

Wayanad Landslide: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वायनाड पहुंचे. उन्होंने भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी अलग-अलग स्तर पर जायजा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 264 शव बरामद किए जा चुके हैं और 200 लोग अभी भी लापता हैं. पीड़ितों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज मुझे उसी तरह महसूस हो रहा है जैसा पिता की मौत पर हुआ था.पढ़ें पूरी खबर.

Wayanad landslide
वायनाड में लैंडस्लाइड (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 1:11 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 9:10 PM IST

वायनाड: केरल में वायनाड में लैंडस्लाइड से हुई तबाही को देखकर पूरा देश दुखी है. इस आपदा में अब तक 264 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. आर्मी, एनडीआरएफ और पुलिस बल प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव का कार्य कर रहे हैं. इस बीच, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वायनाड पहुंचे हैं. उन्होंने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के संबंधियों से मुलाकात की. केरल में भूस्खलन पीड़ितों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज मुझे उसी तरह महसूस हो रहा है जैसा पिता की मौत पर हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर बात करने का समय है. इस समय यहां के लोगों को मदद की जरूरत है. मेरी इस समय राजनीति में दिलचस्पी नहीं है. मेरी दिलचस्पी वायनाड के लोगों में है. राहुल ने कहा कि हम सभी इन लोगों के सम्मान और स्नेह के ऋणी हैं. पूरे देश का ध्यान इस समय वायनाड की ओर है.

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वायनाड में की बैठक
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी गुरुवार सुबह वायनाड पहुंचे, उनके साथ मुख्य सचिव वी वेणु और डीजीपी शेख दरवेश साहिब भी मैजूद हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि गुरुवार को वायनाड में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. उसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. बैठक में विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया.

उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान उन लोगों को बचाने पर है जो अलग-थलग पड़ गए हैं, मैं सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना करता हूं. उन्होंने कहा कि फंसे हुए ज्यादातर लोगों को बचा लिया गया है. मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था और पुल बनाने से यह काम आसान हो गया. बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.

उनके अनुसार लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा, बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले की स्थितियों में भी किया है. सीएम ने मीडिया से अनुरोध किया कि वे लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर शूटिंग करने से बचें. उन्होंने कहा कि वे उनसे शिविरों के बाहर बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.

बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल
केरल के मंत्री के राजन ने कहा कि वर्तमान में बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल हैं. मंत्री राजन ने बताया कि इस बचाव अभियान में समाजिक कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हैं. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, कालीकट के वेस्ट हिल बैरक से प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैंट्री बटालियन के सैनिकों ने वेल्लारीमाला से अट्टामाला की ओर गंभीर रूप से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान शुरू किया.

भारतीय सेना ने अपने बचाव अभियान को तेज कर दिया है, प्रभावित क्षेत्रों से कई लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया है. सेना के मद्रास सैपर्स के सैनिकों ने रातों-रात 100 फीट लंबा एक तात्कालिक पुल बनाया और इसे जनता के लिए खोल दिया. यह पुल बचाव कार्यों में और मदद करेगा और फंसे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी निकालने में मदद करेगा.

भारी उपकरणों की जरूरत
इस बीच, एएनआई से बात करते हुए, कर्नाटक और केरल सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि पुल के निर्माण से सेना को बचाव स्थल पर भारी उपकरण लाने में मदद मिलेगी. जिन लोगों को मदद की जरूरत थी, उनमें से लगभग सभी को बचा लिया गया है, और अब हमें घरों में घुसकर देखना होगा कि कहीं लोग फंसे तो नहीं हैं, इसके लिए हमें भारी उपकरणों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा, और उसके बाद, हम भारी उपकरण साइट पर ला पाएंगे और लोगों की तलाश शुरू कर पाएंगे. हम दिन-रात पुल का निर्माण कर रहे हैं, और यह खोज और बचाव अभियान की गतिशीलता को बदल देगा. हम अपने डॉग स्क्वायड का भी इस्तेमाल करेंगे, 500 से ज्यादा सेना के जवान इस काम पर हैं.

मेजर जनरल मैथ्यूज ने कहा कि गुरुवार को केरल के वायनाड में कई विनाशकारी भूस्खलन के बाद 264 शव बरामद किए गए, उन्होंने कहा कि 500 ​​से अधिक सेना के जवान खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम 30 जुलाई की सुबह से केरल सरकार और लोगों का समर्थन कर रहे हैं. हमने अबतक 264 शवों को बरामद किए हैं, हमने कई लोगों को बचाया भी है.

मुख्यमंत्री के फेसबुक पोस्ट के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मामला दर्ज
केरल पुलिस ने वायनाड जिले के चूरलमाला में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के लिए मदद मांगने वाले मुख्यमंत्री के फेसबुक पोस्ट के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मामला दर्ज किया है. वायनाड साइबर क्राइम पुलिस ने राहत प्रयासों में बाधा डालने के इरादे से पोस्ट फैलाने के लिए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 192 और 45 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत है. कोइकोटेंस 2.0 इन एक्स नामक सोशल मीडिया प्रोफाइल से फर्जी पोस्ट प्रसारित की गई थी. पोस्ट का उद्देश्य लोगों से आपदा राहत के लिए मुख्यमंत्री की अपील को अस्वीकार करने का आग्रह करना था.

पुलिस मीडिया सेंटर के उप निदेशक वीपी प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि गलतफहमी फैलाने वाले इस तरह के पोस्ट को संपादित, निर्मित और प्रसारित करने वालों के खिलाफ आपदा निवारण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस उद्देश्य के लिए सोशल मीडिया पर साइबर पुलिस की निगरानी तेज कर दी गई है.

अबतक इतने लोगों की गई जान
केरल राजस्व विभाग के अनुसार, वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 264 हो गई है, जबकि कई लोग घायल है, वहीं, कई लोग फंसे हुए और लापता हैं. वायनाड में सूचना और जनसंपर्क विभाग (PRD) नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के अनुसार, 96 पीड़ितों की पहचान की गई है, जिनमें 77 पुरुष, 67 महिलाएं और 22 बच्चे शामिल हैं. 166 शवों और 49 शरीर के अंगों का पोस्टमार्टम किया गया है. कुल 75 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.

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मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वायनाड में की बैठक
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी गुरुवार सुबह वायनाड पहुंचे, उनके साथ मुख्य सचिव वी वेणु और डीजीपी शेख दरवेश साहिब भी मैजूद हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि गुरुवार को वायनाड में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. उसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. बैठक में विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया.

उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान उन लोगों को बचाने पर है जो अलग-थलग पड़ गए हैं, मैं सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना करता हूं. उन्होंने कहा कि फंसे हुए ज्यादातर लोगों को बचा लिया गया है. मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था और पुल बनाने से यह काम आसान हो गया. बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.

उनके अनुसार लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा, बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले की स्थितियों में भी किया है. सीएम ने मीडिया से अनुरोध किया कि वे लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर शूटिंग करने से बचें. उन्होंने कहा कि वे उनसे शिविरों के बाहर बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.

बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल
केरल के मंत्री के राजन ने कहा कि वर्तमान में बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल हैं. मंत्री राजन ने बताया कि इस बचाव अभियान में समाजिक कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हैं. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, कालीकट के वेस्ट हिल बैरक से प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैंट्री बटालियन के सैनिकों ने वेल्लारीमाला से अट्टामाला की ओर गंभीर रूप से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान शुरू किया.

भारतीय सेना ने अपने बचाव अभियान को तेज कर दिया है, प्रभावित क्षेत्रों से कई लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया है. सेना के मद्रास सैपर्स के सैनिकों ने रातों-रात 100 फीट लंबा एक तात्कालिक पुल बनाया और इसे जनता के लिए खोल दिया. यह पुल बचाव कार्यों में और मदद करेगा और फंसे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी निकालने में मदद करेगा.

भारी उपकरणों की जरूरत
इस बीच, एएनआई से बात करते हुए, कर्नाटक और केरल सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि पुल के निर्माण से सेना को बचाव स्थल पर भारी उपकरण लाने में मदद मिलेगी. जिन लोगों को मदद की जरूरत थी, उनमें से लगभग सभी को बचा लिया गया है, और अब हमें घरों में घुसकर देखना होगा कि कहीं लोग फंसे तो नहीं हैं, इसके लिए हमें भारी उपकरणों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा, और उसके बाद, हम भारी उपकरण साइट पर ला पाएंगे और लोगों की तलाश शुरू कर पाएंगे. हम दिन-रात पुल का निर्माण कर रहे हैं, और यह खोज और बचाव अभियान की गतिशीलता को बदल देगा. हम अपने डॉग स्क्वायड का भी इस्तेमाल करेंगे, 500 से ज्यादा सेना के जवान इस काम पर हैं.

मेजर जनरल मैथ्यूज ने कहा कि गुरुवार को केरल के वायनाड में कई विनाशकारी भूस्खलन के बाद 264 शव बरामद किए गए, उन्होंने कहा कि 500 ​​से अधिक सेना के जवान खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम 30 जुलाई की सुबह से केरल सरकार और लोगों का समर्थन कर रहे हैं. हमने अबतक 264 शवों को बरामद किए हैं, हमने कई लोगों को बचाया भी है.

मुख्यमंत्री के फेसबुक पोस्ट के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मामला दर्ज
केरल पुलिस ने वायनाड जिले के चूरलमाला में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के लिए मदद मांगने वाले मुख्यमंत्री के फेसबुक पोस्ट के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मामला दर्ज किया है. वायनाड साइबर क्राइम पुलिस ने राहत प्रयासों में बाधा डालने के इरादे से पोस्ट फैलाने के लिए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 192 और 45 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत है. कोइकोटेंस 2.0 इन एक्स नामक सोशल मीडिया प्रोफाइल से फर्जी पोस्ट प्रसारित की गई थी. पोस्ट का उद्देश्य लोगों से आपदा राहत के लिए मुख्यमंत्री की अपील को अस्वीकार करने का आग्रह करना था.

पुलिस मीडिया सेंटर के उप निदेशक वीपी प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि गलतफहमी फैलाने वाले इस तरह के पोस्ट को संपादित, निर्मित और प्रसारित करने वालों के खिलाफ आपदा निवारण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस उद्देश्य के लिए सोशल मीडिया पर साइबर पुलिस की निगरानी तेज कर दी गई है.

अबतक इतने लोगों की गई जान
केरल राजस्व विभाग के अनुसार, वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 264 हो गई है, जबकि कई लोग घायल है, वहीं, कई लोग फंसे हुए और लापता हैं. वायनाड में सूचना और जनसंपर्क विभाग (PRD) नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के अनुसार, 96 पीड़ितों की पहचान की गई है, जिनमें 77 पुरुष, 67 महिलाएं और 22 बच्चे शामिल हैं. 166 शवों और 49 शरीर के अंगों का पोस्टमार्टम किया गया है. कुल 75 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.

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Last Updated : Aug 1, 2024, 9:10 PM IST
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