वायनाड : केरल के वायनाड में हुए विनाशकारी लैंडस्लाइड के बाद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं. लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते बचाव कार्य में परेशानी हो रही है. राज्य के सहायक पुलिस महानिदेशक (ADGP) अजित कुमार ने शुक्रवार को बताया कि अभी भी लगभग 300 लोग लापता हैं, जबकि मृतकों का आंकड़ा 308 से अधिक हो गया है. चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति और कठिन भू-भाग के बावजूद बचाव अभियान लगातार जारी है. आपदा के चौथे दिन बचावकर्मियों की 40 टीमों ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है.
Wayanad landslide | Indian Army found 4 alive individuals - two males and two females - who were stranded in Padavetti Kunnu, Wayanad. The operation was carried out with precision and care, ensuring the safety of all individuals involved. A casualty evacuation was coordinated and…
— ANI (@ANI) August 2, 2024
ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने 4 जीवित व्यक्तियों को ढूंढ निकाला हैं. इनमें दो पुरुष और दो महिलाएं हैं. ये लोग पदावेट्टी कुन्नू में फंसे हुए थे. सेना ने बताया कि ऑपरेशन को सटीकता और सावधानी के साथ अंजाम दिया गया. घायलों को निकालने के लिए एक उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) लॉन्च किया गया. बता दें, बचाई गई महिलाओं में से एक को पैर में तकलीफ है, जिसे आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
ADGP अजित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व विभाग द्वारा डेटा संग्रह पूरा करने के बाद लापता व्यक्तियों की सही संख्या स्पष्ट हो जाएगी. 'वर्तमान जानकारी के आधार पर, अभी तक लगभग 300 लोग लापता हैं. उन्होंने कहा कि मलबा हटाने के साथ-साथ लापता लोगों की तलाश जारी है. अगले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगी कि इस हादसे में और कितने लोगों की जानें गई है, और कितने लोग लापता हैं
#WATCH | Kerala: Latest visuals of the Dog squad conducting search and rescue operations in Wayanad's Chooralmala.
— ANI (@ANI) August 2, 2024
A landslide that occurred here on 30th July, claimed the lives of 308 people. pic.twitter.com/jWvqQDHWQh
ADGP ने आगे कहा कि 190 फुट लंबे बेली ब्रिज के हाल ही में बनकर तैयार होने से खोज और बचाव अभियान में तेजी आई है, लगातार बारिश और कई अन्य चुनौतियों के बावजूद बचाव अभियान और ज्यादा तेज हो गया है. बता दें, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पंचिरिमट्टम, वेल्लारीमाला गांव, जीबीएचएसएस वेल्लारीमाला और नदी तट सहित छह क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. इस बचाव अबियान में स्थानीय और वन विभाग के कर्मियों के साथ-साथ सेना, एनडीआरएफ, डीएसजी, तटरक्षक बल, नौसेना और एमईजी के कर्मियों का पूरी सहयोग मिल रहा हैं.
राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने पहले खुलासा किया था कि मलबे में दबे शवों का पता लगाने में मदद के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने चल रहे तलाशी प्रयासों को बढ़ाने में तमिलनाडु से छह मौजूदा और आने वाले खोजी कुत्तों की सहायता पर भी प्रकाश डाला. वायनाड प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जो मुख्य रूप से मुंडक्कई और चूरलमाला में हैं. अधिकारी आपदा से उत्पन्न भारी रसद चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ प्रभावित आबादी को राहत और चिकित्सा सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं.
#WATCH | Kerala: Search and rescue operations continue at landslide-affected Chooralmala in Wayanad.
— ANI (@ANI) August 2, 2024
Death toll stands at 308, as per Kerala Health Minister pic.twitter.com/wzaZrps7RT
वेल्लारमाला स्कूल भूस्खलन में बहा
वेल्लारमाला स्कूल मुंडक्कई भूस्खलन में बह गया. सिर्फ़ स्कूल ही नहीं, बल्कि भूस्खलन ने वेल्लारमाला सरकारी वीएचएसएस के 32 छात्रों को लील लिया. इनमें 20 छात्रों के शव मिले हैं जबकिर 12 छात्र अभी भी लापता हैं. वहीं सेना ने घोषणा की कि बचाव के लिए कोई भी जीवित नहीं बचा है. घटना से न सिर्फ़ शिक्षक और स्थानीय लोगों का दिल भी टूट गया. वहीं सहपाठी, शिक्षक और करीबी दोस्त उम्मीद कर रहे हैं कि चमत्कार होगा और कम से कम कुछ दोस्त ज़िंदा वापस लौट आएंगे. शिक्षकों ने शिविरों, अस्पतालों और रिश्तेदारों के घरों में जांच के बाद 32 लोगों की सूची तैयार की.मृतकों में 14 लड़के और छह लड़कियां थीं. लापता 12 लोगों में सात लड़के हैं. लापता बच्चे छठी से दसवीं कक्षा तक के हैं.
मुंडक्कई की कार्त्यायनी ने घटना पर अनुभव साझा किए
मुंडक्कई में रहने वाली कार्त्यायनी ने भूस्खलन की घटना के बारे में अपना अनुभव साझा किया. उसने कहा कि अब जब मैं घर वापस जाती हूं, तो मेरा कोई पड़ोसी नहीं होता, मेरे पास एक साल पहले बना हुआ घर भी नहीं है. उसने बताया कि उस दिन भारी बारिश हुई थी, इसलिए मैं और मेरा परिवार बड़ी बेटी के घर चले गए, उसी रात यह हादसा हुआ. भूस्खलन में कार्त्यायनी के घर सहित कई घर नष्ट हो गए हैं. उसने कहा कि वो त्रासदी की खबर सुनकर स्तब्ध है और उसने अपने पड़ोसियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अब कार्त्यायनी और उनके परिवार ने कुछ पुराने कपड़ों को छोड़कर सब कुछ खो दिया है.
#WATCH | Kerala: Search and rescue operations continue at landslide-affected Mundakkai, Chooralmala in Wayanad.
— ANI (@ANI) August 2, 2024
Death toll stands at 308, as per Kerala Health Minister pic.twitter.com/G8thUNhWcC
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए 121 सदस्यीय टीम
वायनाड में भूस्खलन के मद्देनजर मनोवैज्ञानिक आघात को कम करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में गतिविधियां की जा रही हैं. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि 30 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने जिले में मानसिक स्वास्थ्य आपदा प्रतिक्रिया दल का गठन किया. मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में सभी आपदा-संबंधी मानसिक स्वास्थ्य गतिविधियों का समन्वय किया गया. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल वे लोग जिनके पास स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से जारी किया गया पहचान पत्र है, उन्हें शिविरों और घरों में मानसिक स्वास्थ्य गतिविधियां आयोजित करने की अनुमति है. मानसिक स्वास्थ्य आपदा प्रतिक्रिया दल प्रभावित लोगों के अस्पतालों में भर्ती और राहत शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता डेस्क स्थापित करके मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करती है. टीम में 121 प्रमाणित मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनमें मनोचिकित्सक के नेतृत्व में नैदानिक मनोवैज्ञानिक, मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता और परामर्शदाता शामिल हैं. अब कार्यकर्ता मुख्य रूप से आपदा पीड़ितों की बात सुनने और उन्हें सांत्वना देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसमें बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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