कोच्चि: केरल महिला आयोग ने बुधवार को एक नवविवाहित महिला की शिकायत के संबंध में पुलिस के रुख की आलोचना की, जिसमें उसके पति पर दहेज के लिए बेरहमी से हमला करने और उसे मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था.
केरल महिला आयोग (केडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष पी सतीदेवी ने कहा कि पुलिस अधिकारी जो सोचते हैं कि पतियों को अपनी पत्नियों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने का अधिकार है, वे 'बल का अपमान हैं' और उन्होंने केरल पुलिस कर्मियों के लिंग संवेदीकरण प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया.
बता दें, महिला से कोझिकोड के रहने वाले और जर्मनी में काम करने वाले 29 वर्षीय एयरोनॉटिकल इंजीनियर राहुल ने 5 मई को शादी कर ली. महिला ने आरोप लगाया कि 11 मई को राहुल ने उसे पीटा और मोबाइल चार्जर के तार से उसका गला दबा दिया, लेकिन उसकी जान बच गई. 12 मई को उसने इस घटना के बारे में अपनी मां को बताया.
मंगलवार से मीडिया ने इस घटना को बड़े पैमाने पर उठाया. पीड़िता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्य महिला आयोग से शिकायत की. पुलिस ने जांच टीम का गठन किया और राहुल के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया गया.
इस बीच, राहुल की मां ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अधिक दहेज की मांग की थी और कहा कि उन्हें नहीं पता कि राहुल कहां है, क्योंकि वह मंगलवार शाम को घर से निकला था और वापस नहीं लौटा.
दूसरी ओर, पीड़िता के पिता का आरोप है कि राहुल ने पहले भी अन्य लड़कियों को शादी के नाम पर यह वादा करके धोखा दिया था कि उन्हें जर्मनी ले जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस को इस पहलू की भी जांच करनी है और यह भी देखना है कि क्या उसे ड्रग्स लेने की आदत थी. हालांकि, आशंका है कि गिरफ्तारी के डर से राहुल मंगलवार आधी रात को देश से बाहर चला गया.
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