हैदराबाद: फूलों से भगवान को खासा लगाव होता है. हालांकि, केरल के 2,500 मंदिरों ने ओलियंडर फूलों पर प्रतिबंध लगा दिया है. जहर से एक महिला की मौत की घटना के बाद दो प्रमुख मंदिर बोर्ड ने मामले में संज्ञान लेते हुए यह फैसला लिया है. नर्सिंग ग्रेजुएट सूर्या सुरेंद्रन को गलती से अपने आंगन से ओलियंडर की पत्तियां चबाने के बाद उल्टी करने के बाद बेहोश हो गई थीं.
केरल में 2,500 से ज्यादा मंदिरों में ओलियंडर बैन
बता दें कि ओलियंडर की पत्तियों के जहर से एक यंग लड़की (24) की मृत्यु के एक सप्ताह बाद, केरल सरकार द्वारा संचालित दो मंदिर बोर्ड्स ने देवता (नैवेद्य) और भक्तों (प्रसादम) को दिए जाने वाले भोजन में ओलियंडर फूलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला त्रावणकोर देवस्वओम (मंदिर) बोर्ड (टीडीबी) द्वारा लिया गया, जो 1,200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन करता है और मालाबार देवस्वओम बोर्ड (एमडीबी) द्वारा उसके नियंत्रण में 1,300 से अधिक मंदिर हैं.
आगे बता दें कि 28 अप्रैल को सूर्या सुरेंद्रन यूके जाने से पहले कोच्चि इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर उल्टी करके गिर पड़ीं, जहां वह एक नर्स के रूप में नौकरी कर रही थीं. अगले दिन हॉस्पिटल में उनकी मृत्यु हो गई. जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट के लिए रवाना होने से पहले जब वह अपने घर पर फोन पर किसी से बात कर रही थी तो गलती से ओलियंडर की कुछ पत्तियां चबा ली. इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा, जहां उनकी मौत हो गई.
ऐसे में बोर्ड ओलियंडर फूलों के इस्तेमाल से बचने का फैसला किया है. भक्तों को नैवेद्य और प्रसाद के लिए तुलसी, गुलाब जैसे अन्य फूल चढ़ाने की सलाह दी गई है. टीडीबी के फैसले के बाद एमडीबी ने भी उत्तरी केरल में मंदिरों में फूलों को लेकर यह फैसला लिया है. आगे बता दें कि ओलियंडर एक आम तौर पर देखा जाने वाला सजावटी पौधा है, जिसमें ओलियंड्रिन नामक कार्डियोटॉक्सिक ग्लाइकोसाइड होता है. कई फॉरेंसिक मेडिकल मैगजीन ने ओलियंडर की पत्तियों के सेवन से विषाक्तता के मामलों की सूचना दी है.