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केरल में अमीबिक इंसेफेलाइटिस से युवक की मौत, मुंबई में हुआ था संक्रमित - Amoebic Encephalitis

Kerala Amoebic Encephalitis : केरल में अमीबिक इंसेफेलाइटिस से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक मुंबई में रहता था, लेकिन बुखार के कारण घर लौट आया था.

Amoebic Encephalitis Takes Life of Young Man in Kasaragod, Kerala
केरल के कासरगोड में अमीबिक इंसेफेलाइटिस से युवक की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2024, 3:12 PM IST

कासरगोड : केरल के कासरगोड जिले में अमीबिक इंसेफेलाइटिस से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान 38 वर्षीय एम. मणिकंदन के रूप में हुई है. मुंबई में अपने भाई के साथ एक दुकान में काम करने वाले मणिकंदन बुखार के कारण घर लौट आए थे. इसके बाद उन्होंने कन्नूर में मेडिकल जांच कराई, जिसमें बीमारी का पता चला.

पिछले दो हफ्तों से उनका इलाज चल रहा था. पहले उन्हें कासरगोड सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. बाद में कन्नूर के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया था.

मणिकंदन को अमीबिक इंसेफेलाइटिस का संक्रमण कैसे हुआ. यह स्पष्ट नहीं हो सका है, क्योंकि वह मुंबई में बीमार होने के बाद घर लौटे थे.

दुनिया भर में केवल 11 लोग अमीबिक इंसेफेलाइटिस से सफलतापूर्वक ठीक हुए हैं, जिसमें केरल के दो लोग हैं.

ताजा मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की है.

अमीबिक इंसेफेलाइटिस एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है, जो आमतौर पर रुके हुए पानी या बहते पानी के संपर्क में आने से होती है. स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि यह कोई महामारी नहीं है.

अमीबा अधिकांश जलाशयों में पाया जा सकता है और गर्मी के महीनों में जब पानी का स्तर कम हो जाता है, तब यह तेजी से बढ़ता है. जब व्यक्ति दूषित पानी में जाता है, तो तलछट में मौजूद अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है. इसकी पुष्टि पीसीआर परीक्षण के माध्यम से की जाती है, जिसमें रीढ़ की हड्डी से तरल पदार्थ का विश्लेषण करना शामिल है.

यह भी पढ़ें- केरल: दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली 12 साल के लड़के की जान

कासरगोड : केरल के कासरगोड जिले में अमीबिक इंसेफेलाइटिस से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान 38 वर्षीय एम. मणिकंदन के रूप में हुई है. मुंबई में अपने भाई के साथ एक दुकान में काम करने वाले मणिकंदन बुखार के कारण घर लौट आए थे. इसके बाद उन्होंने कन्नूर में मेडिकल जांच कराई, जिसमें बीमारी का पता चला.

पिछले दो हफ्तों से उनका इलाज चल रहा था. पहले उन्हें कासरगोड सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. बाद में कन्नूर के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया था.

मणिकंदन को अमीबिक इंसेफेलाइटिस का संक्रमण कैसे हुआ. यह स्पष्ट नहीं हो सका है, क्योंकि वह मुंबई में बीमार होने के बाद घर लौटे थे.

दुनिया भर में केवल 11 लोग अमीबिक इंसेफेलाइटिस से सफलतापूर्वक ठीक हुए हैं, जिसमें केरल के दो लोग हैं.

ताजा मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की है.

अमीबिक इंसेफेलाइटिस एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है, जो आमतौर पर रुके हुए पानी या बहते पानी के संपर्क में आने से होती है. स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि यह कोई महामारी नहीं है.

अमीबा अधिकांश जलाशयों में पाया जा सकता है और गर्मी के महीनों में जब पानी का स्तर कम हो जाता है, तब यह तेजी से बढ़ता है. जब व्यक्ति दूषित पानी में जाता है, तो तलछट में मौजूद अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है. इसकी पुष्टि पीसीआर परीक्षण के माध्यम से की जाती है, जिसमें रीढ़ की हड्डी से तरल पदार्थ का विश्लेषण करना शामिल है.

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