नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से देश के मिडिल क्लास की समस्याओं को उठाते हुए केंद्र सरकार से सात प्रमुख मांगें रखीं. उन्होंने कहा कि भारत का मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार है. मिडिल क्लास अपनी आय का 50% से अधिक विभिन्न प्रकार के टैक्स में दे देता है, लेकिन बदले में उसे सरकार से कुछ खास नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मिडिल क्लास की आवाज को संसद में बुलंद किया जाए और उनके मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए
मांगों को मिडिल क्लास का मैनिफेस्टो बताया: अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने मिडिल क्लास के लिए एक मैनिफेस्टो तैयार किया है. अगर आप इससे सहमत हैं तो हमारी वेबसाइट middleclassmanifesto.com पर साइन करें. मिडिल क्लास को एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी होगी. अगर पूरा मिडिल क्लास एक साथ खड़ा हो जाए, तो सरकार को उनकी बात सुननी पड़ेगी.
“दिल्ली के गरीबों और Middle Class के लोगों को महंगाई की मार से बचाने के लिए AAP सरकार ने बिजली-पानी मुफ़्त कर दी।
— AAP (@AamAadmiParty) January 22, 2025
हमने शानदार मोहल्ला क्लीनिक और अस्पताल बनाए और मुफ़्त इलाज की व्यवस्था की। आने वाले दिनों में हम बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना लेकर आ रहे हैं। यह सब करके क्या हम… pic.twitter.com/kcuFuowkBe
मिडिल क्लास की अनदेखी ऐतिहासिक समस्या है: अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास के प्रति सरकारों की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों में मिडिल क्लास को केवल टैक्स देने वाली मशीन समझा गया है. उन्होंने कहा कि सरकारें मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं करतीं. जब भी सरकार को पैसे की जरूरत होती है, तो मिडिल क्लास से ही टैक्स वसूला जाता है. उन्होंने बताया कि मिडिल क्लास को अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है.अगर एक मिडिल क्लास परिवार सालाना 10-12 लाख रुपए कमाता है, तो उसमें से आधा हिस्सा टैक्स में चला जाता है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करने के बावजूद सरकारें उन्हें राहत देने में विफल रही हैं.
भारत से हो रहा प्रतिभा का पलायन: अरविंद केजरीवाल ने कहा कि टैक्स और महंगाई के बोझ के कारण युवा मिडिल क्लास परिवार देश छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2020 में 85,000 भारतीय देश छोड़कर गए थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 2,16,219 हो गई. यह हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है.
दिल्ली मॉडल की तारीफ की : अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए. सरकारी स्कूलों का बजट बढ़ाकर 16,000 करोड़ रुपए कर दिया. हजारों बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की गलत फीस वापस दिलाई. बिजली और पानी के बिलों में राहत दी. हमने मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए, जो खासतौर पर मिडिल क्लास इलाकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुए. सीनियर सिटीजंस के लिए 'संजीवनी योजना' लाने की तैयारी है, जिसमें 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा.
फ्री सुविधाओं पर आलोचना का जवाब: अरविंद केजरीवाल ने फ्री सुविधाओं पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लिया और कहा कि जब जनता का पैसा जनता पर खर्च होता है, तो इसे फ्री रेवड़ी कहकर अपमानित किया जाता है. लेकिन बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया जाए, तो उसे विकास कहा जाता है. हम सड़क से संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएंगे.
सड़क से लेकर संसद तक उठाएंगे मिडिल क्लास के मुद्दे : अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी मिडिल क्लास के मुद्दों को सड़क से लेकर संसद तक उठाएगी. हमने दिल्ली में मिडिल क्लास को राहत देने की पूरी कोशिश की और आगे भी करते रहेंगे. हमारा लक्ष्य है कि मिडिल क्लास को उनकी मेहनत का सही फल मिले. अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में मिडिल क्लास को भारत की असली ताकत बताया और केंद्र सरकार से मिडिल क्लास के लिए विशेष बजट पेश करने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर मिडिल क्लास एकजुट हो जाए, तो कोई भी सरकार उनकी अनदेखी नहीं कर सकती.
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