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केजरीवाल जेल के अंदर से सरकार नहीं चला सकते, लग सकता है राष्ट्रपति शासन : एक्सपर्ट - Kejriwal can not run govt from jail - KEJRIWAL CAN NOT RUN GOVT FROM JAIL

Kejriwal can not run govt from jail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है. पीएमएलए के कड़े प्रावधानों के कारण इसमें जमानत आसान नहीं है. एक्सपर्ट का नजरिया जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Kejriwal can not run govt from jail
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 22, 2024, 6:39 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर से अपनी सरकार नहीं चला सकते. पूर्व नौकरशाहों और संवैधानिक विशेषज्ञों ने कहा कि उस स्थिति में दिल्ली के उपराज्यपाल हस्तक्षेप कर सकते हैं और संवैधानिक टूटने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने का सुझाव दे सकते हैं.

वरिष्ठ नौकरशाह और दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल ने ईटीवी भारत से कहा, 'यदि वह (अरविंद केजरीवाल) यह कहते हुए इस्तीफा नहीं देते हैं कि वह जेल से सरकार चलाएंगे, तो यह संवैधानिक विघटन को आमंत्रित करेगा जहां सरकार नहीं चल सकती. वह जेल से न तो कैबिनेट बैठक कर सकते हैं और न ही कोई निर्देश दे सकते हैं. ऐसे में उपराज्यपाल के सुझाव के बाद केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर राष्ट्रपति शासन लगा सकती है.'

सहगल ने हालांकि कहा कि अगर केजरीवाल इस्तीफा देते हैं तो पार्टी का दूसरा विधायक मुख्यमंत्री बन सकता है और सरकार चला सकता है. सहगल ने जेल मैनुअल का जिक्र करते हुए कहा, 'जेल मैनुअल भी किसी व्यक्ति को जेल के अंदर से सरकार चलाने की इजाजत नहीं देता है. जेल अधिकारी जेल के कैदियों को केवल बाहर से खाना, कपड़े, वकील से मिलना, डॉक्टरों और परिवारों से मिलने की अनुमति दे सकते हैं. जेल मैनुअल किसी भी व्यक्ति को जेल के अंदर से अपनी सरकार चलाने की इजाजत नहीं देता है.'

यह कहते हुए कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में जमानत मिलना बहुत कठिन है, सहगल ने कहा कि अगर कोई अदालत केजरीवाल की अस्थायी जमानत के लिए आदेश पारित करती है, तो वह सीएम के रूप में बने रह सकते हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के कड़े प्रावधानों के कारण जमानत आसानी से उपलब्ध नहीं है.

उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार करने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. केजरीवाल पिछले दो महीनों में ईडी द्वारा गिरफ्तारी का सामना करने वाले दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्री बन गए हैं. इससे पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार के एक मामले में शामिल होने के आरोप के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था.

जिन्हें गिरफ़्तारी से छूट प्राप्त है:संविधान के अनुसार केवल भारत के राष्ट्रपति और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों को अपने कार्यकाल के समापन तक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही से छूट प्राप्त है. संविधान के अनुच्छेद 361 में कहा गया है कि ये अधिकारी अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए कार्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं.

हालांकि, यह छूट प्रधानमंत्रियों या मुख्यमंत्रियों तक विस्तारित नहीं है, जो संविधान द्वारा समर्थित कानून के समक्ष समानता के सिद्धांत के अधीन हैं. हालांकि, केवल गिरफ्तारी से ही अयोग्यता नहीं हो जाती.

क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ: इस संवाददाता से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला हो, वह सरकार नहीं चला सकता. सिंह ने कहा कि 'कोई भी अपराधी जेल से अपनी नागरिक प्रकृति की गतिविधि जारी नहीं रख सकता है. जेल मैनुअल एक वैधानिक प्रावधान है. वैधानिक प्रावधान सदैव प्रभावी रहता है. जेल मैनुअल इस मायने में भी बहुत सख्त है कि कोई अपराधी जेल से नागरिक प्रशासन नहीं चला सकता.'

एलजी के हस्तक्षेप के संबंध में सहगल के विचारों को दोहराते हुए सिंह ने कहा कि एक बार जब मुख्यमंत्री जेल के अंदर चले जाते हैं, तो उपराज्यपाल हस्तक्षेप कर सकते हैं और केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दे सकते हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर से अपनी सरकार नहीं चला सकते. पूर्व नौकरशाहों और संवैधानिक विशेषज्ञों ने कहा कि उस स्थिति में दिल्ली के उपराज्यपाल हस्तक्षेप कर सकते हैं और संवैधानिक टूटने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने का सुझाव दे सकते हैं.

वरिष्ठ नौकरशाह और दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल ने ईटीवी भारत से कहा, 'यदि वह (अरविंद केजरीवाल) यह कहते हुए इस्तीफा नहीं देते हैं कि वह जेल से सरकार चलाएंगे, तो यह संवैधानिक विघटन को आमंत्रित करेगा जहां सरकार नहीं चल सकती. वह जेल से न तो कैबिनेट बैठक कर सकते हैं और न ही कोई निर्देश दे सकते हैं. ऐसे में उपराज्यपाल के सुझाव के बाद केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर राष्ट्रपति शासन लगा सकती है.'

सहगल ने हालांकि कहा कि अगर केजरीवाल इस्तीफा देते हैं तो पार्टी का दूसरा विधायक मुख्यमंत्री बन सकता है और सरकार चला सकता है. सहगल ने जेल मैनुअल का जिक्र करते हुए कहा, 'जेल मैनुअल भी किसी व्यक्ति को जेल के अंदर से सरकार चलाने की इजाजत नहीं देता है. जेल अधिकारी जेल के कैदियों को केवल बाहर से खाना, कपड़े, वकील से मिलना, डॉक्टरों और परिवारों से मिलने की अनुमति दे सकते हैं. जेल मैनुअल किसी भी व्यक्ति को जेल के अंदर से अपनी सरकार चलाने की इजाजत नहीं देता है.'

यह कहते हुए कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में जमानत मिलना बहुत कठिन है, सहगल ने कहा कि अगर कोई अदालत केजरीवाल की अस्थायी जमानत के लिए आदेश पारित करती है, तो वह सीएम के रूप में बने रह सकते हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के कड़े प्रावधानों के कारण जमानत आसानी से उपलब्ध नहीं है.

उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार करने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. केजरीवाल पिछले दो महीनों में ईडी द्वारा गिरफ्तारी का सामना करने वाले दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्री बन गए हैं. इससे पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार के एक मामले में शामिल होने के आरोप के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था.

जिन्हें गिरफ़्तारी से छूट प्राप्त है:संविधान के अनुसार केवल भारत के राष्ट्रपति और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों को अपने कार्यकाल के समापन तक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही से छूट प्राप्त है. संविधान के अनुच्छेद 361 में कहा गया है कि ये अधिकारी अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए कार्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं.

हालांकि, यह छूट प्रधानमंत्रियों या मुख्यमंत्रियों तक विस्तारित नहीं है, जो संविधान द्वारा समर्थित कानून के समक्ष समानता के सिद्धांत के अधीन हैं. हालांकि, केवल गिरफ्तारी से ही अयोग्यता नहीं हो जाती.

क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ: इस संवाददाता से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला हो, वह सरकार नहीं चला सकता. सिंह ने कहा कि 'कोई भी अपराधी जेल से अपनी नागरिक प्रकृति की गतिविधि जारी नहीं रख सकता है. जेल मैनुअल एक वैधानिक प्रावधान है. वैधानिक प्रावधान सदैव प्रभावी रहता है. जेल मैनुअल इस मायने में भी बहुत सख्त है कि कोई अपराधी जेल से नागरिक प्रशासन नहीं चला सकता.'

एलजी के हस्तक्षेप के संबंध में सहगल के विचारों को दोहराते हुए सिंह ने कहा कि एक बार जब मुख्यमंत्री जेल के अंदर चले जाते हैं, तो उपराज्यपाल हस्तक्षेप कर सकते हैं और केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दे सकते हैं.

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