रायपुर: कवर्धा अग्निकांड में पुलिस के खुलासे के बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को अब सियासी हथियार बना लिया है. शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने सदन में सरकार को जमकर घेरा. विपक्ष ने कहा कि सरकार के इशारे पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने बैगा की मौत को खदकुशी दिखाने की कोशिश की गई. भूपेश बघेल ने राज्य सरकार को आदिवासी विरोधी करार दिया. विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने कहा कि हिमाचल पर्यटन के बाद लौटे बघेल अब अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं.
कवर्धा अग्निकांड पर सियासी उबाल: 15 जनवरी 2024 को कवर्धा के नागाडबरा बस्ती में तीन बैगाओं की जलने से मौत हो गई थी. पुलिस की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई कि हादसा की वजह से तीनों की मौत हुई. जांच की जब फाइनल रिपोर्ट आई तो खुलासा हुआ कि तीनों की हत्या साजिश के तहत की गई थी. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकते हुए इसे सदन में उठाया और जमकर हंगामा काटा. विपक्ष का आरोप था कि बीजेपी सरकार में आदिवासी सुरक्षित नहीं रहे. कांग्रेस ने इस मुद्दे को सियासी आधार बनाते हुए सदन से बहिष्कार कर दिया.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से एक टीम गठित की गई थी. टीमने क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित पक्ष से मुलाकात भी की. इस दौरान यह स्पष्ट हो गया कि राजनीतिक दबाव के चलते ही इस घटनाक्रम को दबाया गया. आनन फानन में वहीं खेत में पोस्टमार्टम कर दिया गया. मरने वाले तीनों लोग बैगा जनजाति से थे लिहाजा उनका अंतिम संस्कार भी उनकी परंपरा के मुताबिक होना चाहिए था. सरकार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी दबाया. यह दुर्भाग्यजनक है कि राष्ट्रपति के दत्त पुत्रों की हत्या पर सरकार चुप है. विपक्ष ये जानना चाहती है कि आखिर क्यों षड्यंत्र के तहत अपराधियों को बचाने की कोशिश की गई. - भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक, पाटन
भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन से लौटे हैं. अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए डेढ़ महीने बाद वे स्थगन प्रस्ताव लेकर आए. कवर्धा की जिस घटना पर ये लोग सियासत कर रहे हैं उसकी जांच पूरी हो चुकी है. हत्याकांड के दोषी पकड़े जा चुके हैं. राम मंदिर पर जब पीएम को धन्यवाद देने की बारी आई तो इन लोगों ने अपना चरित्र फिर उजागर कर दिया.- अजय चंद्राकर, बीजेपी विधायक
बीजेपी ने किया पलटवार: कुरुद से बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि विपक्ष मुद्दविहीन हो चुका है. सरकार के जाने का गम अभी भी नहीं भूल पा रहा है. कवर्धा हत्याकांड का जो मुद्दा वो उठा रही है. जांच में ये साफ हो चुका है कि हत्या की साजिश में गांव के ही लोग शामिल थे. सरकार ने किसी भी तरह से जांच टीम पर कोई दबाव नहीं बनाया.अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि आज सदन में राम मंदिर पर पीएम मोदी को धन्यवाद प्रस्ताव दिया जाना था. कांग्रेस शुरु से राम मंदिर की विरोधी रही है. पीएम मोदी को दिए जाने वाले धन्यवाद प्रस्ताव से बचने के लिए उसने सदन से बहिष्कार किया.